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Kaithal News: अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड देने में देरी, जांच एजेंसी ने जताई नाराजगी
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Wed, 26 Nov 2025 12:29 AM IST
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नरेंद्र पंडित
कैथल। विजिलेंस ने नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों का पूरा रिकॉर्ड मांगा था, लेकिन दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद परिषद रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा सकी है। अधिकारियों द्वारा लगातार देरी किए जाने पर विजिलेंस ने नाराज़गी जताते हुए जल्द रिकॉर्ड जमा कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि उपलब्ध दस्तावेज़ों के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके। परिषद की ओर से अभी भी रिकॉर्ड एकत्र किए जाने का तर्क दिया जा रहा है।
विजिलेंस ने नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों की सूची के साथ-साथ संबंधित कॉलोनाइज़र के नाम, उनके खिलाफ हुई कार्रवाई और नोटिस का विवरण भी मांगा है। रिकॉर्ड के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर कॉलोनाइज़र पर कार्रवाई की जाएगी।
विजिलेंस ने नगर परिषद और डीटीपी कार्यालय से पिछले 10 वर्षों में कटी अवैध कॉलोनियों का ब्योरा मांगा है कि कितनी कॉलोनियां अवैध रूप से काटी गईं, किन-किन को कितनी बार नोटिस जारी हुए, कितने मामलों में एफआईआर दर्ज हुई और क्या कहीं विभागीय मिलीभगत से अवैध विस्तार तो नहीं हुआ? यह भी जांच का विषय है कि जब अवैध कॉलोनियां विकसित होनी शुरू हुईं, तब क्या समय पर कार्रवाई की गई या नहीं।
तोड़फोड़ व एफआईआर की कार्रवाई जारी : डीटीपी ः डीटीपी प्रवीण कुमार ने बताया कि लगभग हर अवैध कॉलोनी में तोड़फोड़ और कॉलोनाइज़र को नोटिस व एफआईआर की कार्रवाई की गई है। इसमें वैध कॉलोनी के साथ लगती अवैध भूमि पर निर्माण कर विस्तार देने के मामले भी शामिल हैं।
उन्होंने रजनी कॉलोनी (पट्टी चौधरी, खसरा नंबर 66/8,9,10 व 67/6/1 व 6/2), जींद रोड पर अग्रसेन अस्पताल के पास पट्टी चौधरी, करनाल रोड स्थित गोल्डन पाम पैलेस के पास पट्टी गादड़, भगत सिंह कॉलोनी पट्टी गादड़, ढांड रोड पर कृष्ण वर्मा, रामप्रताप गुप्ता की
सनसिटी–1 व सनसिटी–2 (पट्टी कायस्थ, विभिन्न खसरा नंबर), गुलमोहर सिटी पट्टी गादड़, अंबरसरिया डेरा पट्टी कायस्थ और अनुराग ढांड रोड (खसरा नंबर 99/23,122/3,7, 8,12, 13,14, 17,18) जैसी लोकेशनों को उदाहरण के तौर पर गिनाया। संवाद
नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड मांगा गया था, लेकिन अब तक कोई दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे रिकॉर्ड एकत्र कर रहे हैं। विजिलेंस ने उन्हें जल्द से जल्द पूरा रिकॉर्ड जमा कराने को कहा है, जिसके बाद ही अगली कार्रवाई शुरू की जाएगी। -सूबे सिंह, विजिलेंस इंस्पेक्टर
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कैथल। विजिलेंस ने नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों का पूरा रिकॉर्ड मांगा था, लेकिन दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद परिषद रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा सकी है। अधिकारियों द्वारा लगातार देरी किए जाने पर विजिलेंस ने नाराज़गी जताते हुए जल्द रिकॉर्ड जमा कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि उपलब्ध दस्तावेज़ों के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके। परिषद की ओर से अभी भी रिकॉर्ड एकत्र किए जाने का तर्क दिया जा रहा है।
विजिलेंस ने नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों की सूची के साथ-साथ संबंधित कॉलोनाइज़र के नाम, उनके खिलाफ हुई कार्रवाई और नोटिस का विवरण भी मांगा है। रिकॉर्ड के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर कॉलोनाइज़र पर कार्रवाई की जाएगी।
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विजिलेंस ने नगर परिषद और डीटीपी कार्यालय से पिछले 10 वर्षों में कटी अवैध कॉलोनियों का ब्योरा मांगा है कि कितनी कॉलोनियां अवैध रूप से काटी गईं, किन-किन को कितनी बार नोटिस जारी हुए, कितने मामलों में एफआईआर दर्ज हुई और क्या कहीं विभागीय मिलीभगत से अवैध विस्तार तो नहीं हुआ? यह भी जांच का विषय है कि जब अवैध कॉलोनियां विकसित होनी शुरू हुईं, तब क्या समय पर कार्रवाई की गई या नहीं।
तोड़फोड़ व एफआईआर की कार्रवाई जारी : डीटीपी ः डीटीपी प्रवीण कुमार ने बताया कि लगभग हर अवैध कॉलोनी में तोड़फोड़ और कॉलोनाइज़र को नोटिस व एफआईआर की कार्रवाई की गई है। इसमें वैध कॉलोनी के साथ लगती अवैध भूमि पर निर्माण कर विस्तार देने के मामले भी शामिल हैं।
उन्होंने रजनी कॉलोनी (पट्टी चौधरी, खसरा नंबर 66/8,9,10 व 67/6/1 व 6/2), जींद रोड पर अग्रसेन अस्पताल के पास पट्टी चौधरी, करनाल रोड स्थित गोल्डन पाम पैलेस के पास पट्टी गादड़, भगत सिंह कॉलोनी पट्टी गादड़, ढांड रोड पर कृष्ण वर्मा, रामप्रताप गुप्ता की
सनसिटी–1 व सनसिटी–2 (पट्टी कायस्थ, विभिन्न खसरा नंबर), गुलमोहर सिटी पट्टी गादड़, अंबरसरिया डेरा पट्टी कायस्थ और अनुराग ढांड रोड (खसरा नंबर 99/23,122/3,7, 8,12, 13,14, 17,18) जैसी लोकेशनों को उदाहरण के तौर पर गिनाया। संवाद
नगर परिषद से अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड मांगा गया था, लेकिन अब तक कोई दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे रिकॉर्ड एकत्र कर रहे हैं। विजिलेंस ने उन्हें जल्द से जल्द पूरा रिकॉर्ड जमा कराने को कहा है, जिसके बाद ही अगली कार्रवाई शुरू की जाएगी। -सूबे सिंह, विजिलेंस इंस्पेक्टर