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शगुन योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक सशक्त प्रयास : डीसी
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Mon, 15 Dec 2025 12:07 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। डीसी अपराजिता ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना संचालित की जा रही है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और बेटियों के विवाह के लिए प्रोत्साहन देने का एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली शगुन राशि में बढ़ोतरी की गई है। अब पिछड़ा वर्ग परिवार को विवाह के अवसर पर कन्यादान के रूप में 51 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इससे पहले यह राशि 41 हजार रुपये थी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले हजारों पात्र परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्ग के परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह के लिए, किसी भी वर्ग की महिला खिलाडियों को उनकी स्वयं की शादी के लिए और ऐसे दिव्यांग जोड़ों को जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक भी दिव्यांग हो, को भी कन्यादान स्वरूप आर्थिक सहायता दी जाती है। डीसी अपराजिता ने बताया कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति और टपरीवास समुदाय के पात्र परिवारों को पहले ही 71 हजार रुपये की राशि विवाह के अवसर पर दी जा रही है। वहीं, विधवा, तलाकशुदा, अनाथ या बेसहारा महिलाओं के पुनर्विवाह पर (यदि पहली शादी के समय योजना का लाभ नहीं लिया गया हो) को भी 51 हजार रुपये की राशि दी जाती है। यदि नवविवाहित दंपती दिव्यांग हैं, तो उन्हें भी 51 हजार रुपये की सहायता राशि मिलती है।
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कैथल। डीसी अपराजिता ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना संचालित की जा रही है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और बेटियों के विवाह के लिए प्रोत्साहन देने का एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली शगुन राशि में बढ़ोतरी की गई है। अब पिछड़ा वर्ग परिवार को विवाह के अवसर पर कन्यादान के रूप में 51 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इससे पहले यह राशि 41 हजार रुपये थी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले हजारों पात्र परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्ग के परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह के लिए, किसी भी वर्ग की महिला खिलाडियों को उनकी स्वयं की शादी के लिए और ऐसे दिव्यांग जोड़ों को जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक भी दिव्यांग हो, को भी कन्यादान स्वरूप आर्थिक सहायता दी जाती है। डीसी अपराजिता ने बताया कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति और टपरीवास समुदाय के पात्र परिवारों को पहले ही 71 हजार रुपये की राशि विवाह के अवसर पर दी जा रही है। वहीं, विधवा, तलाकशुदा, अनाथ या बेसहारा महिलाओं के पुनर्विवाह पर (यदि पहली शादी के समय योजना का लाभ नहीं लिया गया हो) को भी 51 हजार रुपये की राशि दी जाती है। यदि नवविवाहित दंपती दिव्यांग हैं, तो उन्हें भी 51 हजार रुपये की सहायता राशि मिलती है।