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Karnal News: अदालतों पर मुकदमों का बोझ...फैसले से अधिक मिल रही तारीख
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Mon, 01 Dec 2025 02:14 AM IST
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करनाल।
जिले की अदालतों में रोजाना नए मामलों की संख्या बढ़ने से बोझ बढ़ रहा है। कहीं गवाह अदालत में पेश नहीं हो रहे तो कुछ मामलों में वकील नहीं होने से दिक्कत आ रही है। अन्य भी कारण हैं। फैसलों से ज्यादा अदालतों में तारीख मिल रही है। करनाल जिले की अदालतों में 80,774 केस लंबित हैं। इनमें से 55,837 अपराधिक और 24,937 सिविल मामले हैं। सर्वाधिक मामले एक से तीन साल पुराने हैं।
वर्ष 2019 से शुरू हुई फास्टट्रैक अदालतों में कई मामलों की सुनवाई तेजी से हो रही है। यदि ये केस भी होते तो आंकड़ा और बड़ा हो जाता। लंबित मामलों में 1,032 केस ऐसे हैं जिनमें गवाह अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। 610 केस ऐसे हैं, जिनमें वकील ही नहीं हैं। 28 केसों में वादी और परिवादी दोनों की रुचि नहीं है। 73 केस ऐसे हैं जिनमें ज्यादा गवाहों की जरूरत है।
एक से तीन साल पुराने केस 24,131 हैं। सिविल के 5,957 और आपराधिक 17,174 हैं। 105 मामले ऐसे हैं, जोकि पिछले 10 साल से ज्यादा समय से लंबित है। जबकि पांच से दस साल के अंतराल से लंबित मामलों की संख्या 4,964 हैं। तीन से पांच साल से लंबित केसों की संख्या 10,533 है। इनमें 3,517 केस सिविल और 7,016 मामले आपराधिक हैं।
ज्यादा आरोपियों से भी अटकती है सुनवाई
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरजीत मढ़ान का कहना है कि आपराधिक केसों में सरकारी गवाह के नहीं पहुंचने पर भी केस अटकते हैं। ज्यादातर मामलों में पुलिसकर्मी व अन्य लोग सरकारी गवाह होते हैं, जो ड्यूटी की व्यस्तता दिखा देते हैं। मामले में चार या ज्यादा आरोपी हैं और इनमें एक आरोपी तारीख पर पेश नहीं होता तो सुनवाई अटक जाती है। जब तक अदालत उसे भगौड़ा घोषित करके केस अलग नहीं करती, तब तक पूरा मामला लंबित रहता है।
नवंबर में आए 4,052 केस
मामलों की संख्या में हर महीने हो रहा इजाफा भी चिंता का विषय है। नवंबर में अब तक 4,052 नए केस अदालत में आ चुके हैं। इनमें 812 मामले सिविल और 3,240 आपराधिक हैं। इसी अवधि में 4,103 मामलों का निपटारा किया गया। इनमें 1,247 सिविल और 2,856 आपराधिक थे। 10 साल से अधिक समय से लंबित 105 केस हैं। इनमें सिविल मामले 55 और आपराधिक 50 हैं। नए केस की बात करें तो बीते एक साल के भीतर ही अदालतों में 41,041 दाखिल हुए हैं। इनमें से 12,519 सिविल और 28,552 आपराधिक हैं।
वर्ष 2021 से केस लंबित
असंध में 12 सितंबर, 2021 में बाईपास पर हुए सड़क हादसे में असंध थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता तालिब की शिकायत पर बस चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 337 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। मामला 2021 से असंध की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन है। 30 मई, 2022 से केस गवाही पर है। शिकायतकर्ता पक्ष गवाही के लिए नहीं आ रहा। जिस कारण से केस लंबित है। बस चालक सुरेंद्र लगातार तारीख पर आ रहा है।
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जिले की अदालतों में रोजाना नए मामलों की संख्या बढ़ने से बोझ बढ़ रहा है। कहीं गवाह अदालत में पेश नहीं हो रहे तो कुछ मामलों में वकील नहीं होने से दिक्कत आ रही है। अन्य भी कारण हैं। फैसलों से ज्यादा अदालतों में तारीख मिल रही है। करनाल जिले की अदालतों में 80,774 केस लंबित हैं। इनमें से 55,837 अपराधिक और 24,937 सिविल मामले हैं। सर्वाधिक मामले एक से तीन साल पुराने हैं।
वर्ष 2019 से शुरू हुई फास्टट्रैक अदालतों में कई मामलों की सुनवाई तेजी से हो रही है। यदि ये केस भी होते तो आंकड़ा और बड़ा हो जाता। लंबित मामलों में 1,032 केस ऐसे हैं जिनमें गवाह अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। 610 केस ऐसे हैं, जिनमें वकील ही नहीं हैं। 28 केसों में वादी और परिवादी दोनों की रुचि नहीं है। 73 केस ऐसे हैं जिनमें ज्यादा गवाहों की जरूरत है।
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एक से तीन साल पुराने केस 24,131 हैं। सिविल के 5,957 और आपराधिक 17,174 हैं। 105 मामले ऐसे हैं, जोकि पिछले 10 साल से ज्यादा समय से लंबित है। जबकि पांच से दस साल के अंतराल से लंबित मामलों की संख्या 4,964 हैं। तीन से पांच साल से लंबित केसों की संख्या 10,533 है। इनमें 3,517 केस सिविल और 7,016 मामले आपराधिक हैं।
ज्यादा आरोपियों से भी अटकती है सुनवाई
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरजीत मढ़ान का कहना है कि आपराधिक केसों में सरकारी गवाह के नहीं पहुंचने पर भी केस अटकते हैं। ज्यादातर मामलों में पुलिसकर्मी व अन्य लोग सरकारी गवाह होते हैं, जो ड्यूटी की व्यस्तता दिखा देते हैं। मामले में चार या ज्यादा आरोपी हैं और इनमें एक आरोपी तारीख पर पेश नहीं होता तो सुनवाई अटक जाती है। जब तक अदालत उसे भगौड़ा घोषित करके केस अलग नहीं करती, तब तक पूरा मामला लंबित रहता है।
नवंबर में आए 4,052 केस
मामलों की संख्या में हर महीने हो रहा इजाफा भी चिंता का विषय है। नवंबर में अब तक 4,052 नए केस अदालत में आ चुके हैं। इनमें 812 मामले सिविल और 3,240 आपराधिक हैं। इसी अवधि में 4,103 मामलों का निपटारा किया गया। इनमें 1,247 सिविल और 2,856 आपराधिक थे। 10 साल से अधिक समय से लंबित 105 केस हैं। इनमें सिविल मामले 55 और आपराधिक 50 हैं। नए केस की बात करें तो बीते एक साल के भीतर ही अदालतों में 41,041 दाखिल हुए हैं। इनमें से 12,519 सिविल और 28,552 आपराधिक हैं।
वर्ष 2021 से केस लंबित
असंध में 12 सितंबर, 2021 में बाईपास पर हुए सड़क हादसे में असंध थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता तालिब की शिकायत पर बस चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 337 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। मामला 2021 से असंध की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन है। 30 मई, 2022 से केस गवाही पर है। शिकायतकर्ता पक्ष गवाही के लिए नहीं आ रहा। जिस कारण से केस लंबित है। बस चालक सुरेंद्र लगातार तारीख पर आ रहा है।