{"_id":"692cace006abd8f6f70f93ee","slug":"progress-in-animal-husbandry-through-scientific-techniques-created-a-farm-of-500-cows-karnal-news-c-18-agr1041-791063-2025-12-01","type":"story","status":"publish","title_hn":"Karnal News: वैज्ञानिक तकनीक से पशुपालन कर प्रगति, बनाया 500 गायों का फार्म","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Karnal News: वैज्ञानिक तकनीक से पशुपालन कर प्रगति, बनाया 500 गायों का फार्म
विज्ञापन
विज्ञापन
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल/तरावड़ी। तरावड़ी के दो किसान भाइयों ने एनडीआरआई से पशुपालन का प्रशिक्षण लेकर गाय पालना शुरू किया। तकनीक और वैज्ञानिक सोच के साथ पशुपालन से उन्नति हुई। आज उनके पास 500 साहीवाल गायों के साथ अपना डेयरी फार्म है।
एनडीआरआई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दलीप गोसाईं ने उनके डेयरी फार्म का दौरा किया। उन्होंने बताया कि 500 साहीवाल गाय आधुनिक ढंग से पाली जा रही हैं। भ्रमण के दौरान उन्होंने किसान राम सिंह और नरेश से पशुशाला की जानकारी ली। हाथ से दुग्ध दोहन, स्वच्छता, डेयरी शेड की वैज्ञानिक डिजाइन और प्राकृतिक चारे के उपयोग ने इस फार्म को एक उत्कृष्ट मॉडल बना दिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन कर किसान समृद्ध हो सकते हैं।
करनाल के साथ कुरुक्षेत्र में भी बेच रहे दूध
किसान राम सिंह ने साहीवाल नस्ल की उपयोगिता, हाथ से दुहाई और प्राकृतिक खेती के आधार पर हरे चारे के उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर डॉ. गोसाईं से चर्चा की। नरेश ने बताया कि डेयरी फार्म से शुद्ध साहीवाल दूध करनाल और कुरुक्षेत्र में 80 रुपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध कराते हैं। लगभग 30 स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार दिया हुआ है।
Trending Videos
करनाल/तरावड़ी। तरावड़ी के दो किसान भाइयों ने एनडीआरआई से पशुपालन का प्रशिक्षण लेकर गाय पालना शुरू किया। तकनीक और वैज्ञानिक सोच के साथ पशुपालन से उन्नति हुई। आज उनके पास 500 साहीवाल गायों के साथ अपना डेयरी फार्म है।
एनडीआरआई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दलीप गोसाईं ने उनके डेयरी फार्म का दौरा किया। उन्होंने बताया कि 500 साहीवाल गाय आधुनिक ढंग से पाली जा रही हैं। भ्रमण के दौरान उन्होंने किसान राम सिंह और नरेश से पशुशाला की जानकारी ली। हाथ से दुग्ध दोहन, स्वच्छता, डेयरी शेड की वैज्ञानिक डिजाइन और प्राकृतिक चारे के उपयोग ने इस फार्म को एक उत्कृष्ट मॉडल बना दिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन कर किसान समृद्ध हो सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
करनाल के साथ कुरुक्षेत्र में भी बेच रहे दूध
किसान राम सिंह ने साहीवाल नस्ल की उपयोगिता, हाथ से दुहाई और प्राकृतिक खेती के आधार पर हरे चारे के उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर डॉ. गोसाईं से चर्चा की। नरेश ने बताया कि डेयरी फार्म से शुद्ध साहीवाल दूध करनाल और कुरुक्षेत्र में 80 रुपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध कराते हैं। लगभग 30 स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार दिया हुआ है।