सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Haryana ›   Karnal News ›   Fly to Suriname... a difficult journey on foot ahead

Karnal News: सूरीनाम तक हवाई जहाज... आगे पैदल मुश्किलों का सफर

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Wed, 05 Nov 2025 01:25 AM IST
विज्ञापन
Fly to Suriname... a difficult journey on foot ahead
विज्ञापन
गगन तलवार
Trending Videos

करनाल। अवैध रूप से विदेश भेजने वाले एजेंट कम तनख्वाह में निजी नौकरी करने वाले युवाओं और कार्यालयों व प्रतिष्ठानों के छोटे कर्मचारियों को अपने झांसे में लेते हैं। दोस्त बनकर उन्हें कम समय में जिंदगीभर की कमाई का सपना दिखाया जाता है। कम खर्च पर हवाई जहाज से अमेरिका भेजने का दावा करते हैं। शुरुआती सफर में युवकों को पूरी सुविधाएं दी जाती हैं। जैसे ही दुबई के बाद सुरीनाम तक पहुंचते हैं हकीकत सामने आने लगती है। यहां से डंकी रूट का सफर शुरू हो जाता है। पासपोर्ट छीनकर उनसे लगातार पैसों की मांग की जाती है। अभद्रता और पिटाई तक की जाती है।
डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं ने बताया कि एजेंट रास्ते में पूरी सेवा होने और सुविधा मिलने का लालच देते हैं। कहते हैं कि पूरा सफर हवाई जहाज से होगा। एक कदम भी पैदल नहीं चलना पड़ेगा। लेकिन डंकी रूट के खतरनाक मार्ग पर युवकों को फंसाकर उनके परिवारों से रुपयों की मांग की जाती है। डराया जाता है। ऐसे में पांच लाख रुपये से शुरू हुआ सफर 45 से 55 लाख रुपये के खर्च तक पहुंच जाता है। इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं कि व्यक्ति अमेरिका पहुंचने के बाद कितने समय तक रह पाएगा या सुरक्षित भी रहेगा या नहीं। डोंकरों की मनमानी ऐसी है कि सुरीनाम पहुंचने के बाद तो पासपोर्ट भी छीन लेते हैं। युवकों का कहना है कि जंगलों और नदियों से मारपीट करते हुए आगे का सफर तय कराया जाता है। फंसाने के बाद यहां लाखों रुपये की मांग होती है। पिछले एक वर्ष में 30 से ज्यादा युवा डिपोर्ट होकर अमेरिका से वापस आ चुके हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


पांच लाख महीना कमाई का दिया लालच
अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए रवि ने बताया कि वह होटल में शेफ का काम करते थे। उनके पास एक एजेंट आता था। उसने दोस्ती करके बातचीत में कहा कि जितने रुपये इस नौकरी में 10 वर्षों में कमाओगे, उतने रुपये तो छह माह में कमा सकते हो। वर्क वीजा पर अमेरिका भेजने के बाद पांच से छह लाख रुपये महीने की नौकरी का लालच दिया गया। कुल पांच लाख रुपये और टिकट का खर्च अलग से लेते हुए हवाई जहाज से अमेरिका भेजने की बात कही। लेकिन बीच रास्ते फंसाने के बाद इसी एजेंट ने कॉल उठाना बंद कर दिया। परिवार को डराकर भी रुपये वसूले गए। लालच में आकर उनका 45 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।


ग्रुप बनने तक दिल्ली में ठहराते हैं एजेंट
अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए रजत ने बताया कि उन्हें एजेंट रुपये लेने के बाद घर से गाड़ी से लेकर गए थे। पहले दिल्ली ले गए। वहां 8 से 10 दिन तक महिपाल नगर के एक होटल में रखा गया। यहां एक-एक कर कई युवक आए। ग्रुप बनने के बाद उन्हें दुबई भेज दिया गया। यहां तक सभी सुविधाएं मिलीं लेकिन इसके आगे जाने पर उन्हें छोटे कमरों में अन्य 10 से 15 युवकों के साथ रखा गया। इसके बाद गिन्नी, मैरिको और सुरीनेम तक फ्लाइट से भेजा गया। सुरीनेम पहुंचते ही एजेंट 18 लाख रुपये की मांग करने लगा। पासपोर्ट भी छीन लिया। इसके बाद उन्हें एमेजन के जंगलों में लेकर गए। जहां से मुश्किलों भरा सफर शुरू हुआ।


विशेषज्ञ की सलाह
विदेश जाने का सही तरीका ही अपनाएं : पन्नू
इमीग्रेशन एडवोकेट प्रीतपाल सिंह पन्नू का कहना है कि विदेश जाने के लिए सही तरीका ही अपनाया जाना चाहिए। सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंटों से ही बात करें। व्यक्ति अपने स्तर पर भी फाइल लगाकर प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। जब तक कागजी प्रक्रिया पूरी न हो, तब तक एजेंट की बातों में आकर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। फर्जी एजेंट दस्तावेजों में खेल करते हैं। रास्ते में फंसाने के बाद डोंकरों के माध्यम से वसूली की जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed