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Karnal News: करनाल में बड़ी साजिश नाकाम, पौने दो किलो की आईईडी और दो ग्रेनेड बरामद
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करनाल में बड़ी साजिश नाकाम, पौने दो किलो की आईईडी और दो ग्रेनेड बरामद
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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। अमेरिका में गिरफ्तार हो चुका गैंगस्टर नोनी राणा का गैंग करनाल सहित हरियाणा में बड़े विस्फोट की साजिश रच रहा था। वीरवार को करनाल में कर्ण लेक के पीछे झंझाड़ी गांव के जंगल से जमीन में दबे पौने दो किलोग्राम आरडीएक्स से बना बम (आईईडी), दो हैंड ग्रेनेड, टाइमर आदि बरामद हुए हैं। जिन्हें करीब तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद डिफ्यूज किया गया। करनाल एसटीएफ के हत्थे चढ़े गिरोह के गुर्गे मेरठ निवासी अमर सिंह (30) की निशानदेही पर इस विस्फोटक सामग्री की बरामदगी हुई है।
गुप्त सूचना पर एसटीएफ प्रभारी दीपेंद्र की टीम ने 25 नवंबर को इंद्री रोड से गुजरात नंबर की इंडेवर कार में सवार अपराधी अमर सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसके कब्जे से विदेशी पिस्टल (ग्लोक) और पांच रोंद बरामद हुए थे। आरोपी के खिलाफ सदर थाना में आर्म्स एक्ट की धारा में प्राथमिकी दर्ज करके गिरफ्तारी के बाद अदालत से छह दिन के रिमांड पर लिया गया था।
रिमांड के दौरान अमर सिंह ने वीरवार को गिरोह की साजिश से पर्दा उठाते हुए करनाल में विस्फोटक सामग्री छिपाने की जानकारी दी। इसके बाद एसटीएफ ने आरोपी को साथ ले जाकर झंझाड़ी गांव में नेशनल हाईवे-44 से करीब 300 मीटर अंदर जंगल से विस्फोटक सामग्री को बरामद किया। जिसे एफएसएल और बम डिस्पोजल टीम की मदद से डिस्पॉज किया गया।
एसटीएफ के आईजी बी सतीश बालन ने बताया कि पूछताछ में अमर सिंह ने बताया कि 25 दिन पहले गैंगस्टर नोनी राणा के निर्देश पर वह इसे पंजाब से लाया था, जिसे एक कट्टे में डालकर जंगल में छिपा दिया गया था। इस जगह का चयन अपनी सुविधा के अनुसार किया था ताकि निर्देश आने पर उसे आसानी से आगे भी भेजा जा सके। नोनी राणा लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग से भी जुड़ा है, इस विस्फोटक सामग्री को आरोपी ने कुछ दिनों तक अपने घर में भी रखा था। गैंगस्टर काला राणा और उसके पिता जोगिंद्र सिंह जेल में बंद हैं। इन सभी की ओर से सामूहिक रूप से बड़े विस्फोट की योजना बनाई गई थी। गुर्गे अमर सिंह सहित इन सभी के खिलाफ यूएपीए एक्ट व संगठित अपराध की धारा में केस दर्ज किया गया है।
अमर सिंह पर नोएडा, गाजियाबाद, अंबाला और यमुनागर में दर्ज हैं 10 केस
कुख्यात अपराधी अमर सिंह पर ट्रिपल व डबल मर्डर, लूट, अपहरण और आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराओं में उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर में 10 केस दर्ज हैं। इन मामलों में आरोपी कई बार जेल भी जा चुका है। अमर सिंह ने अक्तूबर 2017 में नोएडा-गाजियाबाद सीमा पर विधायक पद के उम्मीदवार शिव कुमार यादव और उनके चालक धर्मदत्त व गनमैन की गोली मारकर हत्या की थी। इसके बाद फरारी के दौरान मई 2018 में मुलाना में गैंगस्टर मोनू राणा से जुड़ने के बाद अंबाला के बराड़ा निवासी विवेक राणा का अपहरण करके डेरा बस्सी पंजाब में हत्या की थी।
जेल में मोनू राणा के साथ दोस्ती के बाद गैंग में हुआ था शामिल
एसटीएफ के एसपी वसीम अकरम ने बताया कि अमर सिंह को 2017 में यूपी में हत्या की वारदात के बाद अंबाला जेल में शिफ्ट किया गया था। यहां गैंगस्टर मोनू राणा भी बंद था। यहीं पर उसकी मोनू राणा के साथ नजदीकियां बढ़ीं और बाद में दोस्ती में बदल गई। इसके बाद मोनू राणा के माध्यम से ही वह अमेरिका में बैठे नोनी राणा के संपर्क में आया था। अमर सिंह सोशल मीडिया की अलग-अलग चैटिंग एप्स के माध्यम से गैंगस्टर नोनी राणा से बात करता था। इसी बातचीत के दौरान ही उसे विस्फोटक सामग्री लाने का टास्क मिला था।
वर्जन
विस्फोटक सामग्री लाने से पहले आरोपी अमर सिंह को गैंगस्टर की ओर से 25 हजार रुपये भी दिए गए थे। अब रिमांड के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि विस्फोटक सामग्री किसने उपलब्ध कराई थी, आगे कहां पहुंचानी थी। यदि और विस्फोटक सामग्री या हथियार हैं तो उन्हें कहा रखा है व गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं।
- बी सतीश बालन, आईजी एसटीएफ
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करनाल। अमेरिका में गिरफ्तार हो चुका गैंगस्टर नोनी राणा का गैंग करनाल सहित हरियाणा में बड़े विस्फोट की साजिश रच रहा था। वीरवार को करनाल में कर्ण लेक के पीछे झंझाड़ी गांव के जंगल से जमीन में दबे पौने दो किलोग्राम आरडीएक्स से बना बम (आईईडी), दो हैंड ग्रेनेड, टाइमर आदि बरामद हुए हैं। जिन्हें करीब तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद डिफ्यूज किया गया। करनाल एसटीएफ के हत्थे चढ़े गिरोह के गुर्गे मेरठ निवासी अमर सिंह (30) की निशानदेही पर इस विस्फोटक सामग्री की बरामदगी हुई है।
गुप्त सूचना पर एसटीएफ प्रभारी दीपेंद्र की टीम ने 25 नवंबर को इंद्री रोड से गुजरात नंबर की इंडेवर कार में सवार अपराधी अमर सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसके कब्जे से विदेशी पिस्टल (ग्लोक) और पांच रोंद बरामद हुए थे। आरोपी के खिलाफ सदर थाना में आर्म्स एक्ट की धारा में प्राथमिकी दर्ज करके गिरफ्तारी के बाद अदालत से छह दिन के रिमांड पर लिया गया था।
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रिमांड के दौरान अमर सिंह ने वीरवार को गिरोह की साजिश से पर्दा उठाते हुए करनाल में विस्फोटक सामग्री छिपाने की जानकारी दी। इसके बाद एसटीएफ ने आरोपी को साथ ले जाकर झंझाड़ी गांव में नेशनल हाईवे-44 से करीब 300 मीटर अंदर जंगल से विस्फोटक सामग्री को बरामद किया। जिसे एफएसएल और बम डिस्पोजल टीम की मदद से डिस्पॉज किया गया।
एसटीएफ के आईजी बी सतीश बालन ने बताया कि पूछताछ में अमर सिंह ने बताया कि 25 दिन पहले गैंगस्टर नोनी राणा के निर्देश पर वह इसे पंजाब से लाया था, जिसे एक कट्टे में डालकर जंगल में छिपा दिया गया था। इस जगह का चयन अपनी सुविधा के अनुसार किया था ताकि निर्देश आने पर उसे आसानी से आगे भी भेजा जा सके। नोनी राणा लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग से भी जुड़ा है, इस विस्फोटक सामग्री को आरोपी ने कुछ दिनों तक अपने घर में भी रखा था। गैंगस्टर काला राणा और उसके पिता जोगिंद्र सिंह जेल में बंद हैं। इन सभी की ओर से सामूहिक रूप से बड़े विस्फोट की योजना बनाई गई थी। गुर्गे अमर सिंह सहित इन सभी के खिलाफ यूएपीए एक्ट व संगठित अपराध की धारा में केस दर्ज किया गया है।
अमर सिंह पर नोएडा, गाजियाबाद, अंबाला और यमुनागर में दर्ज हैं 10 केस
कुख्यात अपराधी अमर सिंह पर ट्रिपल व डबल मर्डर, लूट, अपहरण और आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराओं में उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर में 10 केस दर्ज हैं। इन मामलों में आरोपी कई बार जेल भी जा चुका है। अमर सिंह ने अक्तूबर 2017 में नोएडा-गाजियाबाद सीमा पर विधायक पद के उम्मीदवार शिव कुमार यादव और उनके चालक धर्मदत्त व गनमैन की गोली मारकर हत्या की थी। इसके बाद फरारी के दौरान मई 2018 में मुलाना में गैंगस्टर मोनू राणा से जुड़ने के बाद अंबाला के बराड़ा निवासी विवेक राणा का अपहरण करके डेरा बस्सी पंजाब में हत्या की थी।
जेल में मोनू राणा के साथ दोस्ती के बाद गैंग में हुआ था शामिल
एसटीएफ के एसपी वसीम अकरम ने बताया कि अमर सिंह को 2017 में यूपी में हत्या की वारदात के बाद अंबाला जेल में शिफ्ट किया गया था। यहां गैंगस्टर मोनू राणा भी बंद था। यहीं पर उसकी मोनू राणा के साथ नजदीकियां बढ़ीं और बाद में दोस्ती में बदल गई। इसके बाद मोनू राणा के माध्यम से ही वह अमेरिका में बैठे नोनी राणा के संपर्क में आया था। अमर सिंह सोशल मीडिया की अलग-अलग चैटिंग एप्स के माध्यम से गैंगस्टर नोनी राणा से बात करता था। इसी बातचीत के दौरान ही उसे विस्फोटक सामग्री लाने का टास्क मिला था।
वर्जन
विस्फोटक सामग्री लाने से पहले आरोपी अमर सिंह को गैंगस्टर की ओर से 25 हजार रुपये भी दिए गए थे। अब रिमांड के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि विस्फोटक सामग्री किसने उपलब्ध कराई थी, आगे कहां पहुंचानी थी। यदि और विस्फोटक सामग्री या हथियार हैं तो उन्हें कहा रखा है व गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं।
- बी सतीश बालन, आईजी एसटीएफ