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Karnal News: सोशल मीडिया का हकीम खतरा-ए-जान

संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल Updated Mon, 01 Dec 2025 02:13 AM IST
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The doctor of social media is a danger to life
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संवाद न्यूज एजेंसी
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करनाल। नीम हकीम खतरा-ए-जान... कहावत सभी ने सुनी होगी। अर्थ है कि अधूरा या कम ज्ञान हानिकारक होता है। खासकर सेहत के मामले में। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर स्वास्थ्य और सौंदर्य से जुड़े नुस्खों पर भी यह कहावत लागू होती है। कई मामलों में इनसे बीमारी सही होने के स्थान पर बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोज ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जिन्होंने रील और शॉर्ट में दिखाए गए नुस्खों को आजमाकर अपनी त्वचा, पाचन तंत्र और शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा लिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ घरेलू उपाय लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन बिना जांच, सही मात्रा और विशेषज्ञ की राय के इन्हें अपनाना जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलबीर ने बताया कि जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोज ऐसे मरीज आ रहे हैं जो सोशल मीडिया के इन नुस्खों को आजमाकर सेहत का नुकसान झेल रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ घरेलू उपाय फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन हर व्यक्ति की त्वचा, शरीर और बीमारी अलग होती है। ऐसे में बिना जांच और सलाह के किसी भी तरीके को अपनाना जोखिम बढ़ा देता है। नागरिक अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप ने बताया कि सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चेहरे से जुड़े नुस्खों की भरमार है। अधिकतर महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं। बढ़ती उम्र के साथ दोबारा पहले जैसी त्वचा पाने के चक्कर में अपना चेहरा बिगाड़ लेती हैं।
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डॉक्टर की सलाह जरूरी
- डॉ. प्रदीप ने बताया कि फेसबुक, यू-टयूब, इंस्टाग्राूम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से लोग रील और शॉर्ट में पथरी, पाचन में सुधार, जोड़ों का दर्द ठीक करने के नुस्खे के इस्तेमाल से कई बार शरीर को गंभीर नुकसान होता है। कई चीजें फायदेमंद हो सकती हैं लेकिन कौन सा पदार्थ व्यक्ति को लेना चाहिए या नहीं और कितनी मात्रा होनी चाहिए, यह केवल विशेषज्ञ ही बता सकता है। डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है। अन्यथा फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है।

केस-1
झाइयां हटाने के नुस्खे से बिगड़ा चेहरा
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप मान ने बताया कि 35 वर्षीय महिला ने सोशल मीडिया पर दिखाया गया झाइयां हटाने वाला नुस्खा अपनाया। दो हफ्ते बाद उसकी त्वचा पर लाल दाने, जलन होने लगी। पिगमेंटेशन बढ़ गया। जिसके बाद वह अस्पताल आईं। इलाज अब लंबा चल रहा है। उन्होंने बताया कि ऐलोवेरा फायदेमंद है लेकिन सीधे पौधे से तोड़कर लगाने के कारण उसमें जो पीले रंग का एलो लेटेक्स नामक तरल पदार्थ नुकसान पहुंचाता है। इससे सनबर्न और त्वचा पर एलर्जी हो सकती है।


केस-2
काढ़ा पीने से बिगड़ गई हालत
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलबीर ने बताया कि पेट साफ करने और इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले काढ़ों के नाम पर सोशल मीडिया पर कई गलत जानकारी दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में 30 वर्षीय युवक जिला नागरिक अस्पताल में आया। तेज बुखार और उल्टियां होने पर उसने सोशल मीडिया पर वायरल एक काढ़ा रोज पीना शुरू कर दिया। उसमें मिलाई गई कुछ जड़ी-बूटियों ने रिएक्शन किया। उसकी हालत खराब हो गई। ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि गलत मात्रा और गलत जड़ी-बूटी मिलाने से शरीर में विषाक्तता तक हो सकती है।

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डॉक्टर की सलाह
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी सिर्फ संदर्भ के लिए है, उपचार के लिए नहीं। लोगों से अपील है कि अपने स्वास्थ्य को प्रयोगशाला न बनाएं और किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें। -डॉ. कुलबीर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक अस्पताल
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