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आशा वर्करों ने किया मांगों को लेकर जिला नागरिक अस्पताल पर प्रदर्शन
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पलवल। आशा वर्कर यूनियन द्वारा बृहस्पतिवार को जिला नागरिक अस्पताल पलवल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले आशा वर्करों ने धरना दिया तथा सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में अपनी मांगों को लेकर जिला सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप सिंह को ज्ञापन भी दिया। प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनियन की उपप्रधान पूनम शर्मा ने की और संचालन जिला सचिव बबली ने किया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीआईटीयू के जिला प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी व आशा वर्कर यूनियन की राज्य उपप्रधान रामरति चौहान ने कहा कि एनएचएम के तमाम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन में बढ़ोतरी की गई है, जबकि आशा वर्कर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। आशा वर्कर भी एनएचएम की महत्वपूर्ण कड़ी है और स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी की तरह हम काम कर रही हैं, लेकिन एनएचएम के अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर आशा वर्कर को वेतन एवं प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से मृत्यु होने पर आशा वर्कर के परिवारजनों को 50 लाख का बीमा दिया जाए और 4000 जोखिम भत्ता दिया जाए। जुलाई 2021 के पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा 5 हजार रुपए की घोषणा का पालन करते हुए हमारे खाते में भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए आशा वर्कर को दी जा रही एक हजार की राशि को जारी रखा जाए और 1 हजार का 50 प्रतिशत दिया जाए। साल 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा 1 हजार के बजाय दो हजार की घोषणा की गई थी उसे तथा 2018 का अप्रैल से पहले का तुरंत एरियर दिया जाए। एक्टिविटी का काटा हुआ 50 प्रतिशत तुरंत दिया जाए। गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशाओं को सरकार के पैनल के अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए। आशाओं को स्थाई कर्मचारी बनाया जाए और जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए। प्रदर्शन को राजन, बाला, मीना, पूजा, जगबती, रेखा, सुमन, शिक्षा, गीता, सरोज, ममता, सीमा, राजबाला, भूरी बेगम, रेनू, देवकी और भागीरथ बेनीवाल ने संबोधित किया।
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प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीआईटीयू के जिला प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी व आशा वर्कर यूनियन की राज्य उपप्रधान रामरति चौहान ने कहा कि एनएचएम के तमाम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन में बढ़ोतरी की गई है, जबकि आशा वर्कर को इसमें शामिल नहीं किया गया है। आशा वर्कर भी एनएचएम की महत्वपूर्ण कड़ी है और स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी की तरह हम काम कर रही हैं, लेकिन एनएचएम के अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर आशा वर्कर को वेतन एवं प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से मृत्यु होने पर आशा वर्कर के परिवारजनों को 50 लाख का बीमा दिया जाए और 4000 जोखिम भत्ता दिया जाए। जुलाई 2021 के पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा 5 हजार रुपए की घोषणा का पालन करते हुए हमारे खाते में भेजा जाए।
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उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए आशा वर्कर को दी जा रही एक हजार की राशि को जारी रखा जाए और 1 हजार का 50 प्रतिशत दिया जाए। साल 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा 1 हजार के बजाय दो हजार की घोषणा की गई थी उसे तथा 2018 का अप्रैल से पहले का तुरंत एरियर दिया जाए। एक्टिविटी का काटा हुआ 50 प्रतिशत तुरंत दिया जाए। गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशाओं को सरकार के पैनल के अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए। आशाओं को स्थाई कर्मचारी बनाया जाए और जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए। प्रदर्शन को राजन, बाला, मीना, पूजा, जगबती, रेखा, सुमन, शिक्षा, गीता, सरोज, ममता, सीमा, राजबाला, भूरी बेगम, रेनू, देवकी और भागीरथ बेनीवाल ने संबोधित किया।