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पंजाब में इस साल लागू होगी नई खेल नीति: मीत हेयर
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चंडीगढ़। पंजाब खेल विभाग द्वारा बनाई जा रही नई खेल नीति इस साल लागू कर दी जाएगी। यह बात पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मंगलवार को पंजाब भवन में खेल नीति के मसौदे पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई बैठक के बाद जारी प्रेस बयान में कही।
विभाग के सीनियर अधिकारियों और विशेषज्ञ कमेटी के साथ तीन घंटे चली बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि पंजाब में खेल का माहौल सृजित करने के लिए रचनात्मक काम किए जाएं और खिलाड़ियों व कोचों को उत्साहित किया जाए। मसौदे के तहत खिलाड़ियों को नौकरियां, नकद इनाम, नया टैलेंट ढूंढने और उसे बढ़िया मंच मुहैया करवाने, स्कूल-कॉलेजों को खेल का केंद्र बनाने, कोचों के लिए अवार्ड शुरू किए जाएंगे। नई खेल नीति में, पंजाब का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार नौकरियां देने की बात कही गई है। खिलाड़ियों को दिए जाते नकद पुरस्कारों की सूची वाले खेल टूर्नामेंटों में वृद्धि पर विचार किया गया जैसे कि पैरागेम्ज, एक या दो साल के बीच होने वाले विश्व कप और अलग-अलग खेलों के प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों को शामिल करने का फैसला किया गया।
नई खेल नीति में खेल विभाग में नए कोच भर्ती करने पर जोर दिया जाएगा, जबकि खिलाड़ियों को दिए जाते महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड की तर्ज पर कोचों के लिए भी स्टेट अवार्ड शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड को हर साल देने का प्रबंध किया जाएगा। इसके साथ ही, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का डेटाबेस आधारित एप और वेबसाइट तैयार करने पर बातचीत हुई। स्टेडियमों के नाम खिलाड़ियों पर रखने पर भी विचार किया गया। पंजाब की खेल उपलब्धियों को दर्शाता राज्य में एक म्युजियम बनाने पर भी विचार किया गया।
खेल विभाग तैयार करेगा 2023-24 का कैलेंडर
खेल विभाग को अगले सत्र 2023-24 के लिए कैलेंडर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जो स्कूली खेलों और यूनिवर्सिटी खेलों की तारीखों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा, ताकि किसी अन्य खेल मुकाबले से तारीखों का मेल न हो। इसी तरह पंजाब की यूनिवर्सिटियों की अंतर- यूनिवर्सिटी खेल करवाने का प्रस्ताव रखा गया। पंजाब के विजेता खिलाड़ियों का एलीट पूल बनाकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए तैयार करने पर भी जोर दिया गया। चुनिंदा खेलों की अकादमियां स्थापित करने के बारे भी विचार किया गया।
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विभाग के सीनियर अधिकारियों और विशेषज्ञ कमेटी के साथ तीन घंटे चली बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि पंजाब में खेल का माहौल सृजित करने के लिए रचनात्मक काम किए जाएं और खिलाड़ियों व कोचों को उत्साहित किया जाए। मसौदे के तहत खिलाड़ियों को नौकरियां, नकद इनाम, नया टैलेंट ढूंढने और उसे बढ़िया मंच मुहैया करवाने, स्कूल-कॉलेजों को खेल का केंद्र बनाने, कोचों के लिए अवार्ड शुरू किए जाएंगे। नई खेल नीति में, पंजाब का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार नौकरियां देने की बात कही गई है। खिलाड़ियों को दिए जाते नकद पुरस्कारों की सूची वाले खेल टूर्नामेंटों में वृद्धि पर विचार किया गया जैसे कि पैरागेम्ज, एक या दो साल के बीच होने वाले विश्व कप और अलग-अलग खेलों के प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों को शामिल करने का फैसला किया गया।
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नई खेल नीति में खेल विभाग में नए कोच भर्ती करने पर जोर दिया जाएगा, जबकि खिलाड़ियों को दिए जाते महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड की तर्ज पर कोचों के लिए भी स्टेट अवार्ड शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड को हर साल देने का प्रबंध किया जाएगा। इसके साथ ही, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का डेटाबेस आधारित एप और वेबसाइट तैयार करने पर बातचीत हुई। स्टेडियमों के नाम खिलाड़ियों पर रखने पर भी विचार किया गया। पंजाब की खेल उपलब्धियों को दर्शाता राज्य में एक म्युजियम बनाने पर भी विचार किया गया।
खेल विभाग तैयार करेगा 2023-24 का कैलेंडर
खेल विभाग को अगले सत्र 2023-24 के लिए कैलेंडर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जो स्कूली खेलों और यूनिवर्सिटी खेलों की तारीखों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा, ताकि किसी अन्य खेल मुकाबले से तारीखों का मेल न हो। इसी तरह पंजाब की यूनिवर्सिटियों की अंतर- यूनिवर्सिटी खेल करवाने का प्रस्ताव रखा गया। पंजाब के विजेता खिलाड़ियों का एलीट पूल बनाकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए तैयार करने पर भी जोर दिया गया। चुनिंदा खेलों की अकादमियां स्थापित करने के बारे भी विचार किया गया।