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Panchkula News: बेटा नशा मत करना कहकर मरीजों को छोड़ दिया, नहीं मिलतीं दवाएं
संवाद न्यूज एजेंसी, पंचकूला
Updated Wed, 26 Nov 2025 01:52 AM IST
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पुलिस नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए मरीजों को दो महीने से नहीं मिल रही दवाएं
माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। सिविल अस्पताल सेक्टर-6 के नशा मुक्ति केंद्र और मनोरोग विभाग में इलाज कराने आए करीब 350 मरीजों को दो महीने से दवाएं नहीं मिल रही हैं। एक मरीज ने बताया कि वह पुलिस की मदद से नशा मुक्ति केंद्र आया था। काउंसिलिंग के दौरान उसे सलाह दी गई कि बेटा नशा मत करना लेकिन लिखी गई दवा न मिलने के कारण इलाज पूरा नहीं हो पा रहा है।
जिले को नशामुक्त बनाने के लिए पंचकूला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नशेड़ियों का इलाज चल रहा है। इसमें पुलिस पंचकूला, कालका, पिंजौर, बरवाला, रायपुररानी और मोरनी से मरीजों को काउंसिलिंग के लिए ला रही है। काउंसलिंग के बाद भी डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाएं उपलब्ध नहीं होने से मरीजों का इलाज बाधित हो रहा है।
पर्चे पर दवा की उपलब्धता नहीं होने का लगा रहे मुहर
सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पर इलाज कराने आए एक मरीज ने बताया कि वह नशे की लत का शिकार है। पुलिस की मदद से इलाज के लिए सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र और मनोरोग विभाग में आया। काउंसलिंग के बाद इलाज के लिए जो दवाएं लिखी गईं वह अस्पताल के दवा काउंटर पर नहीं मिलीं। काउंटर में बैठे कर्मचारी ने पर्चे पर मेडिसिन इज नॉट अवैललेबल की मुहर लगाकर भेज दिया जाता है। इस कारण यहां मायूसी ही हाथ लगती है। बाहर से दवा खरीदने के लिए पैसा नहीं है। इस कारण नशा नहीं छोड़ नहीं पा रहा है। एक मरीज ने बताया कि वह तीन साल से चिट्टा का नशा कर रहा है। इलाज के लिए आया लेकिन दवा के अभाव के कारण परेशान है। ऐसे करीब 350 मरीज हैं जिनकी काउंसिलिंग तो चल रही है लेकिन दवा नहीं मिल रही। सीएमओ सिविल अस्पताल, डॉ. मुक्ता कुमार ने कहा कि अस्पताल में दवाएं लाई गई हैं और सभी दवाएं नहीं मिलने पर जल्द ही डीजी को लेटर लिखा जाएगा।
कोट
मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अगर इलाज के लिए दवाएं नहीं हैं तो डिमांड दी जाए। नशा मुक्ति की मुहिम के तहत इलाज में सभी दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराएंगे।
-मनीष बंसल, डीजी हेल्थ, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग
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माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। सिविल अस्पताल सेक्टर-6 के नशा मुक्ति केंद्र और मनोरोग विभाग में इलाज कराने आए करीब 350 मरीजों को दो महीने से दवाएं नहीं मिल रही हैं। एक मरीज ने बताया कि वह पुलिस की मदद से नशा मुक्ति केंद्र आया था। काउंसिलिंग के दौरान उसे सलाह दी गई कि बेटा नशा मत करना लेकिन लिखी गई दवा न मिलने के कारण इलाज पूरा नहीं हो पा रहा है।
जिले को नशामुक्त बनाने के लिए पंचकूला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नशेड़ियों का इलाज चल रहा है। इसमें पुलिस पंचकूला, कालका, पिंजौर, बरवाला, रायपुररानी और मोरनी से मरीजों को काउंसिलिंग के लिए ला रही है। काउंसलिंग के बाद भी डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाएं उपलब्ध नहीं होने से मरीजों का इलाज बाधित हो रहा है।
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पर्चे पर दवा की उपलब्धता नहीं होने का लगा रहे मुहर
सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पर इलाज कराने आए एक मरीज ने बताया कि वह नशे की लत का शिकार है। पुलिस की मदद से इलाज के लिए सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र और मनोरोग विभाग में आया। काउंसलिंग के बाद इलाज के लिए जो दवाएं लिखी गईं वह अस्पताल के दवा काउंटर पर नहीं मिलीं। काउंटर में बैठे कर्मचारी ने पर्चे पर मेडिसिन इज नॉट अवैललेबल की मुहर लगाकर भेज दिया जाता है। इस कारण यहां मायूसी ही हाथ लगती है। बाहर से दवा खरीदने के लिए पैसा नहीं है। इस कारण नशा नहीं छोड़ नहीं पा रहा है। एक मरीज ने बताया कि वह तीन साल से चिट्टा का नशा कर रहा है। इलाज के लिए आया लेकिन दवा के अभाव के कारण परेशान है। ऐसे करीब 350 मरीज हैं जिनकी काउंसिलिंग तो चल रही है लेकिन दवा नहीं मिल रही। सीएमओ सिविल अस्पताल, डॉ. मुक्ता कुमार ने कहा कि अस्पताल में दवाएं लाई गई हैं और सभी दवाएं नहीं मिलने पर जल्द ही डीजी को लेटर लिखा जाएगा।
कोट
मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अगर इलाज के लिए दवाएं नहीं हैं तो डिमांड दी जाए। नशा मुक्ति की मुहिम के तहत इलाज में सभी दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराएंगे।
-मनीष बंसल, डीजी हेल्थ, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग