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Panipat News: रेल पटरियों पर बढ़ रहा खतरा
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पानीपत। रेलवे के पटरियों पर दुर्घटना की बढ़ती घटनाओं से लोगों की लापरवाही के साथ ही रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस साल रेल दुर्घटनाओं में अब तक 165 मौतें हुईं हैं।
मौतों के आंकड़े न केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक हालात पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। दिए गए आंकड़े के अनुसार इस वर्ष अब तक 165 मौतों के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 140 पुरुष, 23 महिलाएं और दो बालिकाएं शामिल हैं। आंकड़ों से साफ है कि मृतकों में पुरुषों की संख्या सबसे अधिक है।
मौत के कारणों पर नजर डालें तो इस साल में अब तक रेलवे दुर्घटनाओं में लापरवाही के चलते कुल 99 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 81 पुरुष, 16 महिलाएं और 2 बालिकाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा कुल मौतों का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो रेलवे ट्रैक पार करने, चलती ट्रेन में चढ़ने-उतरने और अन्य लापरवाहियों की तरफ इशारा करता है।
आत्महत्या ने भी बढ़ाई परेशानी, 41 ने दी जान : लापरवाही के अलावा आत्महत्या के मामलों ने भी चिंता बढ़ाई है। रिकॉर्ड के अनुसार इस साल में अब तक सुसाइड के 41 मामले सामने आए हैं, जिनमें 34 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। ये मामले सामाजिक हालात को दर्शाते हैं। वहीं हत्या के दो मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें दोनों मृतक पुरुष थे। प्राकृतिक मौतों में 18 पुरुषों की मृत्यु दर्ज की गई।
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मौतों के आंकड़े न केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक हालात पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। दिए गए आंकड़े के अनुसार इस वर्ष अब तक 165 मौतों के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 140 पुरुष, 23 महिलाएं और दो बालिकाएं शामिल हैं। आंकड़ों से साफ है कि मृतकों में पुरुषों की संख्या सबसे अधिक है।
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मौत के कारणों पर नजर डालें तो इस साल में अब तक रेलवे दुर्घटनाओं में लापरवाही के चलते कुल 99 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 81 पुरुष, 16 महिलाएं और 2 बालिकाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा कुल मौतों का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो रेलवे ट्रैक पार करने, चलती ट्रेन में चढ़ने-उतरने और अन्य लापरवाहियों की तरफ इशारा करता है।
आत्महत्या ने भी बढ़ाई परेशानी, 41 ने दी जान : लापरवाही के अलावा आत्महत्या के मामलों ने भी चिंता बढ़ाई है। रिकॉर्ड के अनुसार इस साल में अब तक सुसाइड के 41 मामले सामने आए हैं, जिनमें 34 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। ये मामले सामाजिक हालात को दर्शाते हैं। वहीं हत्या के दो मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें दोनों मृतक पुरुष थे। प्राकृतिक मौतों में 18 पुरुषों की मृत्यु दर्ज की गई।