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Panipat News: अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं थी, कहकर खारिज कर दिया क्लेम

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Wed, 17 Dec 2025 02:43 AM IST
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The claim was rejected on the grounds that hospitalization was not required.
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माई सिटी रिपोर्टर
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पानीपत। बीमा कंपनी द्वारा पेट में दर्द होने पर भर्ती करने की जरूरत न होने की बात कहकर क्लेम का दावा खारिज करने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने सख्त नाराजगी जाहिर की। आयोग ने इसे सेवा में कमी मानते हुए कंपनी को पॉलिसी धारक को ब्याज सहित खर्च चुकाने के आदेश दिए हैं। साथ ही मानसिक उत्पीड़न व मुकदमा खर्च भी देने के आदेश दिए।
पानीपत निवासी राकेश ने आयोग में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उन्होंने स्टोर हेल्थ से फैमिली हेल्टा ऑप्टिमा इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। पॉलिसी दिसंबर 2022 से दिसंबर 2023 तक थी। अप्रैल में उनकी बेटी की तबीयत खराब हो गई। उसे उल्टी, पेट दर्द और बुखार की शिकायत पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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जहां पर कुल 37,165 रुपये खर्च हुए। उन्होंने कपंनी से खर्च का क्लेम लेने के लिए आवेदन किया। लेकिन कंपनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं थी और इलाज ओपीडी में संभव था। आयोग ने याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और रिकॉर्ड का अवलोकन किया। जिसके बाद आयोग के चेयरमैन डॉ. आरके डोगरा ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करने का निर्णय डॉक्टर का था, न कि बीमा कंपनी का। आयोग ने कहा कि बीमा कंपनी यह तय नहीं कर सकती कि मरीज को भर्ती किया जाना चाहिए था या नहीं।
आयोग ने बीमा कंपनी को 37,165 रुपये की राशि 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित शिकायत दायर करने की तारीख से भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके अलावा 5,000 रुपये मानसिक उत्पीड़न के लिए और 5,500 रुपये मुकदमे के खर्च के रूप में देने का आदेश दिया गया।
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