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Rewari News: आरओबी का 60 फीसदी निर्माण पूरा, अगले साल मार्च तक तैयार होने की उम्मीद
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:05 AM IST
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फोटो : 31डहीना आरओबी का हो रहा निर्माण। संवाद
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रेवाड़ी। महेंद्रगढ़ रोड स्थित एलसी-22 पर रेल ओवरब्रिज का निर्माण कार्य लगभग 60 फीसदी पूरा हो चुका है। अगले साल मार्च माह आरओबी तैयार होने की उम्मीद है। आरओबी का निर्माण होने के बाद महेंद्रगढ़ रोड पर आवागमन करने वाले सैकड़ों वाहन चालकों को राहत मिलेगी। साथ ही वाहन चालकों को 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी। इसके बाद रेलवे फाटक के पास ही अंडरपास का निर्माण भी कराया जाना है, जो छोटे वाहनों के आवागमन के लिए बनेगा।
एचएसआरडीसी की ओर से लगभग 8.45 करोड़ रुपये की लागत से डहीना-जैनाबाद रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। इस ओवरब्रिज का निर्माणकार्य बीते साल अगस्त में ही शुरू हो गया था। पुल निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ के बीच आवागमन करने वाले वाहनों के लिए सीहा से वाया मसीत व कंवाली के रास्ते डहीना होकर गुजरना पड़ता है।
छोटे वाहन शॉर्ट कट रास्तों से भी निकल जाते हैं, लेकिन रोडवेज व प्राइवेट बसों के साथ-साथ अन्य भारी वाहनों को भी लगभग दस किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। बड़ी संख्या में छोटे वाहन भी इसी रूट को अपनाते हैं, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। रोडवेज बसों के डीजल की खपत बढ़ रही है। इन बसों का किराया शुरूआती दौर में बढ़ा दिया गया था।
बाद में बढ़ाया हुआ किराया वापस ले लिया गया था। इस रूट पर चलने वाली सोसायटी की बसों को भी अतिरिक्त डीजल खपत का सामना करना पड़ रहा है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य इस समय तेज गति से चल रहा है। इसकी समय सीमा मार्च 2026 तय है। निर्माणकार्य 60 फीसदी तक पूरा होने के कारण इसके अगले माह मार्च माह तक तैयार होने की संभावना जताई जा रही है। पुल शुरू होने के बाद लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
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ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही परेशानी
इस समय रोजाना बड़ी संख्या में वाहन अल्टरनेट रूटों से होकर गांवों के रास्ते गुजरते हैं। अल्टरनेट रूटों की ज्यादातर सड़कें सिंगल हैं। यह सड़कें गांवों के बीच से गुजरती हैं। महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रूट पर वाहनों का दबाव अधिक रहने के कारण बड़ी संख्या में वाहन गांवों से होकर ही गुजरते हैं। भारी वाहनों के अधिक संख्या में प्रवेश के कारण इन गांवों में संकीर्ण सड़कों पर जाम जैसे हालात बन रहते हैं। ट्रैफिक का दबाव बढ़ते ही सड़कें टूूट रही हैं, जिससे गांवों के लोगों को कई दिनों तक धूल व प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित गांवों में सुबह से लेकर शाम तक वाहनों की कतार लगी रहती है।
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रोडवेज विभाग को राजस्व का नुकसान
महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी रूटों की ओर आवागमन करने वाली रोडवेज बसों को पुल निर्माण तक प्रति चक्कर 8 से 10 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे इन बसों के डीजल की खपत भी प्रति चक्कर लगभग 2 लीटर बढ़ चुकी है। इससे विभाग को हर माह लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। पुल निर्माण के बाद विभाग को अतिरिक्त डीजल की खपत से निजात मिल जाएगी। नौकरीपेशा लोग अपने वाहनों से रोजाना आवागमन करते हैं। पुल निर्माण के बाद उनकी जेब पर पड़ने वाले आर्थिक भार में भी कमी आ जाएगी।
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फ्लाईओवर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अगले साल मार्च माह तक पूरा होने की संभावना है। पुल निर्माण के बाद इसी रेलवे फाटक के पास अंडरपास का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे छोटे वाहनों का आवागमन हो सकेगा। अंडरपास लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।-आदित्य, डीजीएम, एचएसआरडीसी, गुरूग्राम।

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एचएसआरडीसी की ओर से लगभग 8.45 करोड़ रुपये की लागत से डहीना-जैनाबाद रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। इस ओवरब्रिज का निर्माणकार्य बीते साल अगस्त में ही शुरू हो गया था। पुल निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ के बीच आवागमन करने वाले वाहनों के लिए सीहा से वाया मसीत व कंवाली के रास्ते डहीना होकर गुजरना पड़ता है।
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छोटे वाहन शॉर्ट कट रास्तों से भी निकल जाते हैं, लेकिन रोडवेज व प्राइवेट बसों के साथ-साथ अन्य भारी वाहनों को भी लगभग दस किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। बड़ी संख्या में छोटे वाहन भी इसी रूट को अपनाते हैं, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। रोडवेज बसों के डीजल की खपत बढ़ रही है। इन बसों का किराया शुरूआती दौर में बढ़ा दिया गया था।
बाद में बढ़ाया हुआ किराया वापस ले लिया गया था। इस रूट पर चलने वाली सोसायटी की बसों को भी अतिरिक्त डीजल खपत का सामना करना पड़ रहा है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य इस समय तेज गति से चल रहा है। इसकी समय सीमा मार्च 2026 तय है। निर्माणकार्य 60 फीसदी तक पूरा होने के कारण इसके अगले माह मार्च माह तक तैयार होने की संभावना जताई जा रही है। पुल शुरू होने के बाद लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही परेशानी
इस समय रोजाना बड़ी संख्या में वाहन अल्टरनेट रूटों से होकर गांवों के रास्ते गुजरते हैं। अल्टरनेट रूटों की ज्यादातर सड़कें सिंगल हैं। यह सड़कें गांवों के बीच से गुजरती हैं। महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रूट पर वाहनों का दबाव अधिक रहने के कारण बड़ी संख्या में वाहन गांवों से होकर ही गुजरते हैं। भारी वाहनों के अधिक संख्या में प्रवेश के कारण इन गांवों में संकीर्ण सड़कों पर जाम जैसे हालात बन रहते हैं। ट्रैफिक का दबाव बढ़ते ही सड़कें टूूट रही हैं, जिससे गांवों के लोगों को कई दिनों तक धूल व प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित गांवों में सुबह से लेकर शाम तक वाहनों की कतार लगी रहती है।
रोडवेज विभाग को राजस्व का नुकसान
महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी रूटों की ओर आवागमन करने वाली रोडवेज बसों को पुल निर्माण तक प्रति चक्कर 8 से 10 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे इन बसों के डीजल की खपत भी प्रति चक्कर लगभग 2 लीटर बढ़ चुकी है। इससे विभाग को हर माह लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। पुल निर्माण के बाद विभाग को अतिरिक्त डीजल की खपत से निजात मिल जाएगी। नौकरीपेशा लोग अपने वाहनों से रोजाना आवागमन करते हैं। पुल निर्माण के बाद उनकी जेब पर पड़ने वाले आर्थिक भार में भी कमी आ जाएगी।
फ्लाईओवर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अगले साल मार्च माह तक पूरा होने की संभावना है। पुल निर्माण के बाद इसी रेलवे फाटक के पास अंडरपास का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे छोटे वाहनों का आवागमन हो सकेगा। अंडरपास लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।-आदित्य, डीजीएम, एचएसआरडीसी, गुरूग्राम।