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Rewari News: आउटर बाईपास में सुधार के बाद पुल का दूसरा हिस्सा आवागमन के लिए खुला
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sun, 28 Dec 2025 11:53 PM IST
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आउटर बाईपास से गुजरते वाहन। संवाद
- फोटो : स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।
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रेवाड़ी। तीन राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाले आउटर बाईपास के दूसरे हिस्से को सुधारकर उसे फिर से आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से 14.5 किलोमीटर लंबे इस आउटर बाईपास का निर्माण कराया था। यह बाईपास जैसलमेर नेशनल हाईवे को दिल्ली-जयपुर और रोहतक नेशनल हाईवे से जोड़ता है, जिससे शहर और आसपास के क्षेत्रों में आवागमन सुगम होता है।
आउटर बाईपास को शुरू हुए एक साल ही हुआ था कि वाहन चालकों ने सड़क पर हिचकोले खाने की शिकायतें करनी शुरू कर दी थीं। सुरक्षा की दृष्टि से बाईपास के स्टील ब्रिज के एक हिस्से को बंद कर दिया गया था। इस बाईपास पर डीएफसीसीआईएल की रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए 111.5 मीटर लंबाई के स्पॉटलेस स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया था। यह ब्रिज अप और डाउन दोनों साइड में अलग-अलग हिस्सों में बनाया गया है।
तकनीकी कारणों से इस ओवरब्रिज को शुरू करने में काफी समय लग गया। पुल शुरू होने के बाद सुरक्षा ऑडिट भी किया गया था। स्टील पुल में ज्यादा वाइब्रेशन होने की स्थिति में एनएचएआई और डीएफसीसीआईएल के तकनीकी अधिकारियों ने इसका मुआयना किया।
इसके बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार करने की आवश्यकता महसूस हुई जिससे पुल को फिर से बंद कर दिया गया था। पुल बंद होने के दौरान वाहनों का आवागमन रोड के एक ही हिस्से से हो रहा था जिससे ट्रैफिक जाम समेत अन्य परेशानी पैदा हो रही थी।
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ट्रैफिक का दबाव काफी कम हुआ
एचएचएआई के अनुसार पुल के रेलवे वाले हिस्से का कार्य करना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत जरूरी था। अब तकनीकी सुधार और परीक्षण के बाद पुल के दोनों हिस्से फिर से चालू कर दिए गए हैं। इसके खुलने के बाद वाहनों का सुचारू आवागमन शुरू हो गया है। पुल के खुलने से शहर में भारी वाहनों का आवाजाही अब काफी कम हो गई है, जिससे शहर में ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो गया है। आउटर बाईपास के माध्यम से अब हजारों वाहन तीनों नेशनल हाईवे पर तेज गति से चल सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और दुर्घटना की संभावना भी कम होती है। दिसंबर में कोहरे की संभावना रहती है, ऐसे में पुल के हिस्से को चालू करने से संभावित हादसों की आशंका भी काफी हद तक घट गई है।
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बाईपास खुलने से माल ढुलाई में समय की होगी बचत
मोती चौक के व्यापारी जतिन अग्रवाल ने बताया कि बाईपास खुलने से माल ढुलाई में समय की बचत होगी और शहर के अंदर वाहन चालकों को जाम से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और अस्पताल आने-जाने में भी आम जनता को सुविधा हुई है। व्यापारी राज कुमार ने बताया कि बाईपास के शुरू होने से शहर और आसपास के क्षेत्रों में सड़क हादसों की आशंका घटेगी और ट्रैफिक नियमों के पालन में भी मदद मिलेगी।
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वर्जन:
आउटर बाईपास में सुधार कार्य न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण था बल्कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से भी बेहद जरूरी था। पुल के दोनों हिस्सों के खुलने के बाद अब यह बाईपास पूर्ण रूप से सुलभ हो गया है और आसपास के क्षेत्रों में यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।-योगेश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई।
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आउटर बाईपास को शुरू हुए एक साल ही हुआ था कि वाहन चालकों ने सड़क पर हिचकोले खाने की शिकायतें करनी शुरू कर दी थीं। सुरक्षा की दृष्टि से बाईपास के स्टील ब्रिज के एक हिस्से को बंद कर दिया गया था। इस बाईपास पर डीएफसीसीआईएल की रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए 111.5 मीटर लंबाई के स्पॉटलेस स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया था। यह ब्रिज अप और डाउन दोनों साइड में अलग-अलग हिस्सों में बनाया गया है।
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तकनीकी कारणों से इस ओवरब्रिज को शुरू करने में काफी समय लग गया। पुल शुरू होने के बाद सुरक्षा ऑडिट भी किया गया था। स्टील पुल में ज्यादा वाइब्रेशन होने की स्थिति में एनएचएआई और डीएफसीसीआईएल के तकनीकी अधिकारियों ने इसका मुआयना किया।
इसके बाद पुल में आवश्यक तकनीकी सुधार करने की आवश्यकता महसूस हुई जिससे पुल को फिर से बंद कर दिया गया था। पुल बंद होने के दौरान वाहनों का आवागमन रोड के एक ही हिस्से से हो रहा था जिससे ट्रैफिक जाम समेत अन्य परेशानी पैदा हो रही थी।
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ट्रैफिक का दबाव काफी कम हुआ
एचएचएआई के अनुसार पुल के रेलवे वाले हिस्से का कार्य करना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत जरूरी था। अब तकनीकी सुधार और परीक्षण के बाद पुल के दोनों हिस्से फिर से चालू कर दिए गए हैं। इसके खुलने के बाद वाहनों का सुचारू आवागमन शुरू हो गया है। पुल के खुलने से शहर में भारी वाहनों का आवाजाही अब काफी कम हो गई है, जिससे शहर में ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो गया है। आउटर बाईपास के माध्यम से अब हजारों वाहन तीनों नेशनल हाईवे पर तेज गति से चल सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और दुर्घटना की संभावना भी कम होती है। दिसंबर में कोहरे की संभावना रहती है, ऐसे में पुल के हिस्से को चालू करने से संभावित हादसों की आशंका भी काफी हद तक घट गई है।
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बाईपास खुलने से माल ढुलाई में समय की होगी बचत
मोती चौक के व्यापारी जतिन अग्रवाल ने बताया कि बाईपास खुलने से माल ढुलाई में समय की बचत होगी और शहर के अंदर वाहन चालकों को जाम से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और अस्पताल आने-जाने में भी आम जनता को सुविधा हुई है। व्यापारी राज कुमार ने बताया कि बाईपास के शुरू होने से शहर और आसपास के क्षेत्रों में सड़क हादसों की आशंका घटेगी और ट्रैफिक नियमों के पालन में भी मदद मिलेगी।
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वर्जन:
आउटर बाईपास में सुधार कार्य न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण था बल्कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से भी बेहद जरूरी था। पुल के दोनों हिस्सों के खुलने के बाद अब यह बाईपास पूर्ण रूप से सुलभ हो गया है और आसपास के क्षेत्रों में यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।-योगेश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई।