रेवाड़ी। सेक्टर-3 में आर्य समाज की ओर से आयोजित दो दिवसीय उत्सव के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा को लेकर निर्णय लिए गए। मंच से सहमति संंबंध प्रथा के विरुद्ध प्रस्ताव पारित करते हुए इसे भारतीय संस्कृति के लिए घातक बताया गया। सभा में यह मांग की गई कि सरकार इस प्रथा पर कानूनी प्रतिबंध लगाए।
वक्ता बुद्ध देव आर्य ने कहा कि सहमति संंबंध भारतीय समाज की पारंपरिक जीवनशैली और वैवाहिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सामने आने वाली नकारात्मक घटनाएं इस प्रथा के दुष्परिणामों को स्पष्ट दर्शाती हैं जिससे युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने इसे समाज में बढ़ती अव्यवस्था और पारिवारिक विघटन का प्रमुख कारण बताया। कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र और जीवंत संस्था मानी गई है जिसमें प्रेम, मर्यादा, समर्पण और सामाजिक जिम्मेदारियां निहित होती हैं लेकिन आधुनिकता के नाम पर लिव-इन जैसी कुरीतियां दाम्पत्य जीवन में विष घोलने का काम कर रही हैं।
यह प्रथा न केवल सामाजिक ढांचे को कमजोर कर रही है बल्कि युवाओं को गैर-जिम्मेदाराना जीवनशैली की ओर धकेल रही है।