{"_id":"69371a38b922c25e8c0da688","slug":"demand-for-warm-shawls-increased-in-the-markets-rewari-news-c-198-1-rew1001-230113-2025-12-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"Rewari News: बाजारों में बढ़ी गर्म शॉल की मांग","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Rewari News: बाजारों में बढ़ी गर्म शॉल की मांग
विज्ञापन
दुकान पर शॉल की खरीदारी करते ग्राहक। संवाद
- फोटो : सांकेतिक
विज्ञापन
रेवाड़ी। ठंड की दस्तक के साथ ही दुकानों पर रंग-बिरंगे स्टॉल और शॉल की वैरायटी महिलाओं को आकर्षित कर रही है। पारंपरिक कढ़ाई और हैंडलूम डिजाइन वाली शॉल पहली पसंद बनी हुई हैं। शहर के बाजारों में कश्मीरी, हिमाचली और पंजाबी स्टॉल की धूम दिखाई देने लगी है।
कश्मीरी सोजनी वर्क बेहद बारीक सुई-कढ़ाई तकनीक है जिसमें जटिल फूल और पैस्ले डिजाइन बनाए जाते हैं। ऐसी शॉल की कीमत बाजार में 1 हजार से 4 हजार रुपये तक है। हिमाचली हैंडलूम शॉल भी लगभग इसी दाम में उपलब्ध है। युवतियों के बीच हल्के वजन वाले क्रेप और फाइन वूलन ट्रेंड में हैं।
शादी का सीजन होने के चलते साड़ियों और अन्य पोशाकों से मैच करते स्टॉल की मांग तेजी से बढ़ी है। पश्मीना शॉल की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है। कश्मीरी सोजनी वर्क और हिमाचली हैंडलूम शॉल शादी के लिए खासतौर पर खरीदी जा रही हैं।
पंजाबी बाजार के दुकानदार रामपाल ने बताया कि पंजाबी फुलकारी पैटर्न वाली शॉल्स खास मौकों के साथ-साथ घरेलू उपयोग के लिए भी खूब खरीदी जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर की प्रीमियम क्वालिटी वाली शॉल सबसे महंगी होती है और महिलाएं शाही अंदाज पाने के लिए इन्हें पसंद करती हैं।
भाड़ावास मार्ग के दुकानदार अजय ने बताया कि बाजार में शॉल की कई वैरायटी उपलब्ध हैं जिससे ग्राहकों को अपनी पसंद के अनुसार विकल्प मिल रहे। जिले में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। इस बार कारोबार अधिक बढ़ने की दुकानदारों ने उम्मीद जताई है। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दी समय से पहले ही शुरू हो चुकी है।
Trending Videos
कश्मीरी सोजनी वर्क बेहद बारीक सुई-कढ़ाई तकनीक है जिसमें जटिल फूल और पैस्ले डिजाइन बनाए जाते हैं। ऐसी शॉल की कीमत बाजार में 1 हजार से 4 हजार रुपये तक है। हिमाचली हैंडलूम शॉल भी लगभग इसी दाम में उपलब्ध है। युवतियों के बीच हल्के वजन वाले क्रेप और फाइन वूलन ट्रेंड में हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
शादी का सीजन होने के चलते साड़ियों और अन्य पोशाकों से मैच करते स्टॉल की मांग तेजी से बढ़ी है। पश्मीना शॉल की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है। कश्मीरी सोजनी वर्क और हिमाचली हैंडलूम शॉल शादी के लिए खासतौर पर खरीदी जा रही हैं।
पंजाबी बाजार के दुकानदार रामपाल ने बताया कि पंजाबी फुलकारी पैटर्न वाली शॉल्स खास मौकों के साथ-साथ घरेलू उपयोग के लिए भी खूब खरीदी जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर की प्रीमियम क्वालिटी वाली शॉल सबसे महंगी होती है और महिलाएं शाही अंदाज पाने के लिए इन्हें पसंद करती हैं।
भाड़ावास मार्ग के दुकानदार अजय ने बताया कि बाजार में शॉल की कई वैरायटी उपलब्ध हैं जिससे ग्राहकों को अपनी पसंद के अनुसार विकल्प मिल रहे। जिले में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। इस बार कारोबार अधिक बढ़ने की दुकानदारों ने उम्मीद जताई है। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दी समय से पहले ही शुरू हो चुकी है।