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Rewari News: चिकित्सक हड़ताल पर, मरीज असमंजस में
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जनरल सर्जन की खाली पड़ी कुर्सी। संवाद
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रेवाड़ी। जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक हड़ताल पर रहे और मरीज असमंजस में रहे। हड़ताल के पहले दिन कहीं ओपीडी के बाहर मरीजों की कतार लगी रही तो कहीं चिकित्सकों के कमरे खाली नजर आए। आमतौर पर सोमवार को अस्पताल में भारी भीड़ रहती है लेकिन इस बार मरीजों की संख्या काफी कम रही।
नियमित रूप से आने वाले मरीजों को पहले ही हड़ताल की सूचना मिल गई थी। ऐसे में शहर के मरीज तो कम पहुंचे लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। ओपीडी में कई जगह फिजिशियन नेत्र रोगियों की जांच करते नजर आए और बच्चों को भी फिजिशियन ही परामर्श दे रहे थे।
कहीं पुरानी पर्ची के आधार पर दवाई लिखी गई तो कहीं सामान्य दवाईयों की ही पर्ची थमाई गई। नागरिक अस्पताल में कुल 55 चिकित्सक हैं जिनमें से 13 चिकित्सक हड़ताल में शामिल नहीं हुए। वहीं हालात संभालने के लिए विभाग की ओर से सात विशेषज्ञ चिकित्सक गुरुग्राम से बुलाए गए।
इसके अलावा सेवानिवृत्त चिकित्सकों, जो कंसल्टेंट के रूप में सेवाएं दे रहे हैं उनकी भी मदद ली गई। इनमें सर्जन, विशेषज्ञ और फिजिशियन शामिल रहे। अस्पताल प्रशासन ने प्रयास किया कि इलाज के लिए आए मरीजों को निराश न होना पड़े, बावजूद इसके मरीजों में असमंजस की स्थिति बनी रही। आपातकालीन सेवाएं सुचारू थीं। बावल के सरकारी अस्पताल में लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई।
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मरीज भी दिखे असमंजस में
सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीज आशुतोष ने बताया कि जिस चिकित्सक को नियमित दिखा रहे थे, सोमवार को उनकी जगह कोई दूसरा बैठा था। इससे समझ नहीं आया कि किसे दिखाएं और किस पर्ची के हिसाब से दवाई लें। अपनी बुजुर्ग मां क इलाज के लिए लेकर पहुंचे जितेश ने बताया कि सुबह पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं, उनकी जगह कोई दूसरे चिकित्सक बैठे हुए हैं। वह 10 किमी दूर से आए थे, इस वजह से इलाज करवाकर ही गए।
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यह हैं एसोसिएशन की मांगें
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के अंतर्गत रेवाड़ी में 120 से अधिक चिकित्सकों के हड़ताल पर हैंं। एसोसिएशन की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि कि उनकी मुख्य मांगों में एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगे, केंद्र के समान चार एसीपी 4, 9, 13 और 20 साल की सेवाकाल में प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीधे एसएमओ भर्ती की वजह से ज्यादातर डॉक्टरों को अपने पूरे कार्यकाल में केवल एक ही प्रमोशन (एमओ से एसएमओ) मिल पाता है। एसोसिएशन का कहना है कि 9 दिसंबर को भी हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी। इस दिन ओपीडी बंद रखने के साथ न तो कोई आपरेशन होगा और न ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। लेबर रूम की सेवाएं भी बंद रहेंगी।
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वर्जन:
अस्पताल में किसी प्रकार की मरीजों को कोई कमी हमारी तरफ से नहीं होने दी गई है। इसके लिए सीएचओ, कंसल्टेंट व एनएचएम के चिकित्सकों की मदद ली गई है। व्यवस्था सुचारू रूप से चली है। कोई भी सेवा बाधित नहीं हुई है। जो मरीज सेवाएं लेना चाहते हैं वह आएं व आराम से इलाज करवाकर जाएं। किसी प्रकार की शंका न रखें। -डॉ. नरेंद्र दहिया, सीएमओ रेवाड़ी।
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नियमित रूप से आने वाले मरीजों को पहले ही हड़ताल की सूचना मिल गई थी। ऐसे में शहर के मरीज तो कम पहुंचे लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। ओपीडी में कई जगह फिजिशियन नेत्र रोगियों की जांच करते नजर आए और बच्चों को भी फिजिशियन ही परामर्श दे रहे थे।
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कहीं पुरानी पर्ची के आधार पर दवाई लिखी गई तो कहीं सामान्य दवाईयों की ही पर्ची थमाई गई। नागरिक अस्पताल में कुल 55 चिकित्सक हैं जिनमें से 13 चिकित्सक हड़ताल में शामिल नहीं हुए। वहीं हालात संभालने के लिए विभाग की ओर से सात विशेषज्ञ चिकित्सक गुरुग्राम से बुलाए गए।
इसके अलावा सेवानिवृत्त चिकित्सकों, जो कंसल्टेंट के रूप में सेवाएं दे रहे हैं उनकी भी मदद ली गई। इनमें सर्जन, विशेषज्ञ और फिजिशियन शामिल रहे। अस्पताल प्रशासन ने प्रयास किया कि इलाज के लिए आए मरीजों को निराश न होना पड़े, बावजूद इसके मरीजों में असमंजस की स्थिति बनी रही। आपातकालीन सेवाएं सुचारू थीं। बावल के सरकारी अस्पताल में लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई।
मरीज भी दिखे असमंजस में
सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीज आशुतोष ने बताया कि जिस चिकित्सक को नियमित दिखा रहे थे, सोमवार को उनकी जगह कोई दूसरा बैठा था। इससे समझ नहीं आया कि किसे दिखाएं और किस पर्ची के हिसाब से दवाई लें। अपनी बुजुर्ग मां क इलाज के लिए लेकर पहुंचे जितेश ने बताया कि सुबह पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं, उनकी जगह कोई दूसरे चिकित्सक बैठे हुए हैं। वह 10 किमी दूर से आए थे, इस वजह से इलाज करवाकर ही गए।
यह हैं एसोसिएशन की मांगें
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के अंतर्गत रेवाड़ी में 120 से अधिक चिकित्सकों के हड़ताल पर हैंं। एसोसिएशन की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने बताया कि कि उनकी मुख्य मांगों में एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगे, केंद्र के समान चार एसीपी 4, 9, 13 और 20 साल की सेवाकाल में प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीधे एसएमओ भर्ती की वजह से ज्यादातर डॉक्टरों को अपने पूरे कार्यकाल में केवल एक ही प्रमोशन (एमओ से एसएमओ) मिल पाता है। एसोसिएशन का कहना है कि 9 दिसंबर को भी हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी। इस दिन ओपीडी बंद रखने के साथ न तो कोई आपरेशन होगा और न ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। लेबर रूम की सेवाएं भी बंद रहेंगी।
वर्जन:
अस्पताल में किसी प्रकार की मरीजों को कोई कमी हमारी तरफ से नहीं होने दी गई है। इसके लिए सीएचओ, कंसल्टेंट व एनएचएम के चिकित्सकों की मदद ली गई है। व्यवस्था सुचारू रूप से चली है। कोई भी सेवा बाधित नहीं हुई है। जो मरीज सेवाएं लेना चाहते हैं वह आएं व आराम से इलाज करवाकर जाएं। किसी प्रकार की शंका न रखें। -डॉ. नरेंद्र दहिया, सीएमओ रेवाड़ी।

जनरल सर्जन की खाली पड़ी कुर्सी। संवाद

जनरल सर्जन की खाली पड़ी कुर्सी। संवाद

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