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Rewari News: स्थानीय आपूर्ति नहीं होने से सब्जी मंडी में 100 रुपये से नीचे नहीं आ रहा मटर
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फोटो संख्या:-51 सब्जी मंडी स्थिति दुकान में रखी मटर---संवाद
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महेंद्रगढ़। आपूर्ति ठप होने के कारण सब्जी मंडी में पिछले 10 दिनों से 100 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है। इससे उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक स्थानीय उत्पादन बाजार में नहीं आता, तब तक मटर के दामों में कमी की उम्मीद कम ही है।
सब्जी मंडी में मटर की सीमित उपलब्धता का मुख्य कारण स्थानीय किसानों की ओर से अभी तक तुड़ाई कार्य शुरू न करना है। आमतौर पर दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से मटर की स्थानीय आपूर्ति शुरू होती है लेकिन उससे पहले तक बाजार बाहरी मंडियों से आने वाली सप्लाई पर निर्भर रहता है।
सब्जी विक्रेता रवि, सीताराम सैनी, प्रवीण सैनी, संजय सैनी और रामनिवास सैनी ने बताया कि मौजूदा हालात में आपूर्ति कम होने से मंडी में भावों में तेजी बनी हुई है। ग्राहक लगातार कम दाम पर सब्जी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
ग्राहकों का कहना है कि ठंड के मौसम में मटर की मांग बढ़ जाती है जिससे बाजार में इसकी खपत और तेजी से बढ़ती है। मटर से बनने वाली स्थानीय व्यंजन जैसे मटर-पनीर, मटर-पुलाव ऐसे में कई परिवार मटर की कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे इसे पर्याप्त मात्रा में खरीद सकें।
दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में जैसे ही स्थानीय खेतों से मटर की तुड़ाई शुरू होगी, आपूर्ति बढ़ने के साथ भावों में निश्चित रूप से नरमी आएगी। स्थानीय मटर न केवल ताजा और बेहतर गुणवत्ता का होता है बल्कि परिवहन खर्च न होने से इसके दाम भी सामान्य स्तर पर आ जाते हैं।
इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में भी रौनक लौट आएगी। महेंद्रगढ़ की सब्जी मंडी में मटर 100 रुपये के डेढ़ तक बिक रहा है।
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सब्जी मंडी में मटर की सीमित उपलब्धता का मुख्य कारण स्थानीय किसानों की ओर से अभी तक तुड़ाई कार्य शुरू न करना है। आमतौर पर दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से मटर की स्थानीय आपूर्ति शुरू होती है लेकिन उससे पहले तक बाजार बाहरी मंडियों से आने वाली सप्लाई पर निर्भर रहता है।
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सब्जी विक्रेता रवि, सीताराम सैनी, प्रवीण सैनी, संजय सैनी और रामनिवास सैनी ने बताया कि मौजूदा हालात में आपूर्ति कम होने से मंडी में भावों में तेजी बनी हुई है। ग्राहक लगातार कम दाम पर सब्जी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
ग्राहकों का कहना है कि ठंड के मौसम में मटर की मांग बढ़ जाती है जिससे बाजार में इसकी खपत और तेजी से बढ़ती है। मटर से बनने वाली स्थानीय व्यंजन जैसे मटर-पनीर, मटर-पुलाव ऐसे में कई परिवार मटर की कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे इसे पर्याप्त मात्रा में खरीद सकें।
दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में जैसे ही स्थानीय खेतों से मटर की तुड़ाई शुरू होगी, आपूर्ति बढ़ने के साथ भावों में निश्चित रूप से नरमी आएगी। स्थानीय मटर न केवल ताजा और बेहतर गुणवत्ता का होता है बल्कि परिवहन खर्च न होने से इसके दाम भी सामान्य स्तर पर आ जाते हैं।
इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में भी रौनक लौट आएगी। महेंद्रगढ़ की सब्जी मंडी में मटर 100 रुपये के डेढ़ तक बिक रहा है।