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Rewari News: झाड़ फूंक से नहीं, दवा से मिर्गी का इलाज संभव

Rohtak Bureau रोहतक ब्यूरो
Updated Sun, 16 Nov 2025 11:47 PM IST
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Epilepsy can be treated with medicine, not with magic.
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रेवाड़ी। मिर्गी का इलाज झाड़ फूंक से नहीं दवा से ही संभव है है। समय पर इलाज और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करने से मरीज इस बीमारी से पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं। मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 17 नवंबर को विश्व मिर्गी दिवस मनाया जाता है।
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नागरिक अस्पताल की मनोरोग ओपीडी में प्रतिदिन 10 से 15 मिर्गी के मरीज जांच व उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीज गलतफहमी के कारण इलाज देर से शुरू करते हैं जबकि समय पर दवा लेने से रोग जल्द नियंत्रित हो सकता है।
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चिकित्सकों के अनुसार मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य होने से दौरे पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि मिर्गी कई तरह की होती है और कई बार एमआरआई रिपोर्ट में भी दिमाग की गड़बड़ी का पता नहीं चलता। इसके लिए ईईजी जांच अधिक प्रभावी मानी जाती है।
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विशेषज्ञों ने बताई सावधानियां

मिर्गी के मरीजों को पर्याप्त नींद लेने, तनाव से दूर रहने और दवाएं समय पर लेने की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना परामर्श दवा बंद करना खतरनाक हो सकता है।

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मिर्गी इलाज योग्य बीमारी
नागरिक अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. पवन ने कहा कि मिर्गी इलाज योग्य बीमारी है। यदि मरीज नियमित रूप से दवा लें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। अस्पताल में मिर्गी का पूरा उपचार उपलब्ध है।


मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी, दिमाग की विद्युत गतिविधियों से है संबंध : डॉ. पवन
चिकित्सकों ने बताया कि डॉ. पवन मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसका संबंध सीधे दिमाग की विद्युत गतिविधियों से होता है। इसके दौरों के दौरान मरीज बेहोश हो सकता है, शरीर में झटके आ सकते हैं और कभी-कभी जीभ कटने या सांस रुकने जैसी स्थिति भी बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिर्गी का इलाज झाड़-फूंक, टोना-टोटका या किसी तरह की तंत्र-विद्या से संभव नहीं है। यह केवल भ्रांतियां हैं जिनसे मरीज का हाल और खराब हो सकता है क्योंकि समय पर सही चिकित्सा न मिलने से दौरे बढ़ने लगते हैं। मिर्गी के उपचार के लिए न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह बेहद जरूरी है। दवाओं, नियमित जांच और सही निगरानी से 70–80 प्रतिशत मरीज पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं। कई मामलों में इलाज के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार पर्याप्त नींद, तनाव कम करना और समय पर भोजन भी अहम भूमिका निभाते हैं। कुछ जटिल मामलों में सर्जरी या अन्य आधुनिक तकनीकें भी कारगर साबित होती हैं।
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