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Rewari News: रेलवे ने एलएचबी रैक में परिवर्तित करने का लिया फैसला
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रेवाड़ी। उत्तर पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन बाड़मेर-जम्मूतवी-बाड़मेर शालीमार-मालानी एक्सप्रेस को पारंपरिक आईसीएफ कोच से आधुनिक लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) रैक में परिवर्तित करने का फैसला किया है।
यह बदलाव 15 जनवरी 2026 से जम्मूतवी से चलने वाली ट्रेन के लिए और 18 जनवरी 2026 से बाड़मेर से चलने वाली ट्रेन के लिए प्रभावी होगा। इससे यात्रियों को न केवल अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा बल्कि सुरक्षा के मानकों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा जो लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक साबित होगा।
इस ट्रेन की वर्तमान संरचना में 23 आईसीएफ कोच हैं। नई एलएचबी संरचना में कुल 22 कोच होंगे। कोच की संख्या में एक की कमी आएगी लेकिन एलएचबी कोच की उन्नत तकनीक से यात्रा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
एलएचबी कोच की खासियतें यात्रियों को कई फायदे प्रदान करती हैं। ये कोच जर्मन तकनीक पर आधारित हैं और पारंपरिक आईसीएफ कोच की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। इनमें एंटी-क्लाइबिंग फीचर्स हैं जो दुर्घटना की स्थिति में कोच को एक-दूसरे पर चढ़ने से रोकते हैं जिससे यात्रियों की जान-माल की रक्षा होती है। इसके अलावा, क्रैश-वर्थी डिजाइन और मजबूत स्ट्रक्चर से प्रभाव ऊर्जा को अवशोषित किया जाता है जो हादसों में चोटों को कम करता है। एलएचबी कोच हल्के वजन वाले होते हैं जिससे ट्रेन की गति बढ़ सकती है और ईंधन की बचत होती है। यात्रा के दौरान कम शोर, बेहतर इंसुलेशन और वाइब्रेशन कंट्रोल से आराम बढ़ता है। इनमें बायो-टॉयलेट, फायर रिटाडेंट मटेरियल और बेहतर एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी शामिल हैं जो लंबी यात्रा को थकान मुक्त बनाते हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के इस कदम से जम्मू तवी-बाड़मेर रूट पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा, खासकर उन श्रद्धालुओं को जो वैष्णो देवी या अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं।
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यह बदलाव 15 जनवरी 2026 से जम्मूतवी से चलने वाली ट्रेन के लिए और 18 जनवरी 2026 से बाड़मेर से चलने वाली ट्रेन के लिए प्रभावी होगा। इससे यात्रियों को न केवल अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा बल्कि सुरक्षा के मानकों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा जो लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक साबित होगा।
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इस ट्रेन की वर्तमान संरचना में 23 आईसीएफ कोच हैं। नई एलएचबी संरचना में कुल 22 कोच होंगे। कोच की संख्या में एक की कमी आएगी लेकिन एलएचबी कोच की उन्नत तकनीक से यात्रा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
एलएचबी कोच की खासियतें यात्रियों को कई फायदे प्रदान करती हैं। ये कोच जर्मन तकनीक पर आधारित हैं और पारंपरिक आईसीएफ कोच की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। इनमें एंटी-क्लाइबिंग फीचर्स हैं जो दुर्घटना की स्थिति में कोच को एक-दूसरे पर चढ़ने से रोकते हैं जिससे यात्रियों की जान-माल की रक्षा होती है। इसके अलावा, क्रैश-वर्थी डिजाइन और मजबूत स्ट्रक्चर से प्रभाव ऊर्जा को अवशोषित किया जाता है जो हादसों में चोटों को कम करता है। एलएचबी कोच हल्के वजन वाले होते हैं जिससे ट्रेन की गति बढ़ सकती है और ईंधन की बचत होती है। यात्रा के दौरान कम शोर, बेहतर इंसुलेशन और वाइब्रेशन कंट्रोल से आराम बढ़ता है। इनमें बायो-टॉयलेट, फायर रिटाडेंट मटेरियल और बेहतर एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी शामिल हैं जो लंबी यात्रा को थकान मुक्त बनाते हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के इस कदम से जम्मू तवी-बाड़मेर रूट पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा, खासकर उन श्रद्धालुओं को जो वैष्णो देवी या अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं।