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Rewari News: शहीद स्मारक पर पहुंचकर वीर सेनानियों को किया नमन
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फोटो: 8रेवाड़ी। कोसली में शहीद स्मारक पर पहुंचकर वीर सेनानियों को नमन करते हुए पूर्व सैनिक।
- फोटो : reasi news
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कोसली। कोसली में शौर्य दिवस बड़ी धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। मंगलवार को सैकड़ों पूर्व सैनिक एकजुट हुए और कोसली स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचकर वीर सेनानियों को नमन किया।
रेजांगला के ऐतिहासिक युद्ध में अंतिम गोली-अंतिम सांस तक लड़ने वाले अहीर सैनिकों के बलिदान को स्मरण करते हुए प्रथम बार बलिदान दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिससे वीरता की इस परंपरा की नई शुरुआत हुई है।
कौशलगढ़ की यह पावन भूमि सदियों से वीरता, बलिदान और शौर्य की गौरवगाथाओं को अपने आंचल में समेटे हुए है। कोसली के शौर्य की यह यात्रा पूर्वज राजा कौशल सिंह को बाबा मुक्तेश्वरपुरी के आशीर्वाद से आरंभ होकर प्रथम विश्व युद्ध में 247 वीरों के अद्भुत योगदान तक पहुंची।
आगे अनेकों शौर्य पदक, मिलिट्री क्रॉस, कीर्ति चक्र, महावीर चक्र जैसे वीर सम्मान प्राप्त कर आज भी जारी है। कोसली की मिट्टी का हर कण और कौशलगढ़ का हर चप्पा वीरता की गाथा कहता है।
यहां का एक शताब्दी पुराना विद्यालय, बाबा मुक्तेश्वरपुरी मठ, ऑफिसर मेस, सैनिक रेस्ट हाउस, सैनिक कैंटीन, सैनिक अस्पताल व पूर्व सैनिक संगठन लीग सभी राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और बलिदान के मूल्यों को नई पीढ़ी को प्रेरित करते रहते हैं।
शौर्य दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शहीदों की स्मृति को नमन था बल्कि वीर अहीरों के गौरवशाली इतिहास को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति की लौ प्रज्ज्वलित करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी रहा।
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रेजांगला के ऐतिहासिक युद्ध में अंतिम गोली-अंतिम सांस तक लड़ने वाले अहीर सैनिकों के बलिदान को स्मरण करते हुए प्रथम बार बलिदान दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिससे वीरता की इस परंपरा की नई शुरुआत हुई है।
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कौशलगढ़ की यह पावन भूमि सदियों से वीरता, बलिदान और शौर्य की गौरवगाथाओं को अपने आंचल में समेटे हुए है। कोसली के शौर्य की यह यात्रा पूर्वज राजा कौशल सिंह को बाबा मुक्तेश्वरपुरी के आशीर्वाद से आरंभ होकर प्रथम विश्व युद्ध में 247 वीरों के अद्भुत योगदान तक पहुंची।
आगे अनेकों शौर्य पदक, मिलिट्री क्रॉस, कीर्ति चक्र, महावीर चक्र जैसे वीर सम्मान प्राप्त कर आज भी जारी है। कोसली की मिट्टी का हर कण और कौशलगढ़ का हर चप्पा वीरता की गाथा कहता है।
यहां का एक शताब्दी पुराना विद्यालय, बाबा मुक्तेश्वरपुरी मठ, ऑफिसर मेस, सैनिक रेस्ट हाउस, सैनिक कैंटीन, सैनिक अस्पताल व पूर्व सैनिक संगठन लीग सभी राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और बलिदान के मूल्यों को नई पीढ़ी को प्रेरित करते रहते हैं।
शौर्य दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शहीदों की स्मृति को नमन था बल्कि वीर अहीरों के गौरवशाली इतिहास को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति की लौ प्रज्ज्वलित करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी रहा।