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Rewari News: जिले में एक्यूआई पहुंचा 368, रेड जोन किया पार
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Sat, 13 Dec 2025 11:35 PM IST
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अनाज मंडी मार्ग पर छाया प्रदूषण। संवाद
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रेवाड़ी। कुछ दिनों तक लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के नीचे बने रहने के बाद एक बार फिर शहर की हवा गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई है। शनिवार को एक्यूआई 368 दर्ज किया गया जो रेड जोन की श्रेणी को पार कर गया है।
यदि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव नहीं हुआ और प्रदूषण के स्रोतों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो एक्यूआई 400 के पार भी जा सकता है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। एक्यूआई के इस स्तर पर पहुंचने से खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस, दमा व हृदय रोग से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
इतनी खराब हवा में सांस लेने से आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। लंबे समय तक ऐसे प्रदूषित वातावरण में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। प्रदूषण बढ़ने के पीछे मौसम की स्थिति को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति कम हो जाती है जिससे प्रदूषक कण वातावरण में ही जमा हो जाते हैं। इसके अलावा वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, कूड़ा-कचरा जलाना और निर्माण कार्य भी वायु प्रदूषण को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
सुबह-शाम धूल और धुएं की मोटी परत छाई रही। धुंध के साथ जब प्रदूषण मिला तो दृश्यता भी काफी कम हो गई। मुख्य सड़कों, खासकर, सर्कुलर रोड, दिल्ली रोड, धारूहेड़ा और बावल क्षेत्र में प्रदूषण का असर ज्यादा दिखा। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हवा की गति धीमी रहने की संभावना है। इससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। वहीं जिले में ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है।
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यदि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव नहीं हुआ और प्रदूषण के स्रोतों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो एक्यूआई 400 के पार भी जा सकता है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। एक्यूआई के इस स्तर पर पहुंचने से खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस, दमा व हृदय रोग से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
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इतनी खराब हवा में सांस लेने से आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। लंबे समय तक ऐसे प्रदूषित वातावरण में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। प्रदूषण बढ़ने के पीछे मौसम की स्थिति को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति कम हो जाती है जिससे प्रदूषक कण वातावरण में ही जमा हो जाते हैं। इसके अलावा वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, कूड़ा-कचरा जलाना और निर्माण कार्य भी वायु प्रदूषण को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
सुबह-शाम धूल और धुएं की मोटी परत छाई रही। धुंध के साथ जब प्रदूषण मिला तो दृश्यता भी काफी कम हो गई। मुख्य सड़कों, खासकर, सर्कुलर रोड, दिल्ली रोड, धारूहेड़ा और बावल क्षेत्र में प्रदूषण का असर ज्यादा दिखा। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हवा की गति धीमी रहने की संभावना है। इससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। वहीं जिले में ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है।