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Rewari News: यूएसए में नौकरी लगवाने के नाम पर 5.52 लाख ठगने के दो आरोपी गिरफ्तार
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आरोपी, उपेंद्र व रोहित। स्रोत : पुलिस
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रेवाड़ी। साइबर थाना पुलिस ने विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर लगभग 5.52 लाख रुपये की साइबर ठगी करने के मामले में दो आरोपी झारखंड के जिला गिरेड़ी के गांव गांधी हाल आबाद वजीराबाद दिल्ली निवासी उपेंद्र व रोहित को गिरफ्तार किया है।
जांच के बाद पुलिस ने आरोपी रोहित के बैंक खाते में ठगी की राशि में से 50 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे जबकि उपेंद्र ने साइबर ठगों को खाता मुहैया कराने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
एसपी कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 28 जुलाई को यूपी के जिला प्रयागराज के गांव कनिहार नरहरपुर निवासी दिनेश कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह इस समय बावल के छोटूराम चौक के पास रह रहा है।
उसने 12 अप्रैल को अपने मोबाइल फोन पर इंस्टाग्राम पर आया एक विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में लिखे नंबरों पर संपर्क करने पर उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। उसे बताया कि उसे यूएसए में मैकेनिकल टेक्निशियन की नौकरी दिला दी जाएगी।
उसका व्हाट्सएप पर ही इंटरव्यू लेने के बाद उसे बताया गया कि उसका चयन हो गया है। उसके पास यूएसए एंबेसी के नाम पर एक फोटो भेजी गई जिसमें अंकित नाम के व्यक्ति का खाता नंबर और बैंक का आईएफएससी कोड लिखा हुआ था।
व्हाट्सएप पर बात करने वाले ने उसे 22 हजार 980 रुपये भेजने को कहा तो उसने फोन-पे के जरिए यह राशि भेज दी। दिनेश ने आरोप लगाया कि बाद में उसे कभी टिकट के नाम पर तो कभी किसी अन्य बहाने से पैसे ट्रांसफर कराए गए।
उसके अलग-अलग बैंक खातों से 5 लाख 51 हजार 960 रुपये ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद और अधिक पैसों की डिमांड की तो उसे धोखाधड़ी का अहसास हुआ। पुलिस ने साइबर थाना में ठगी का मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी।
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जांच के बाद पुलिस ने आरोपी रोहित के बैंक खाते में ठगी की राशि में से 50 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे जबकि उपेंद्र ने साइबर ठगों को खाता मुहैया कराने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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एसपी कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 28 जुलाई को यूपी के जिला प्रयागराज के गांव कनिहार नरहरपुर निवासी दिनेश कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह इस समय बावल के छोटूराम चौक के पास रह रहा है।
उसने 12 अप्रैल को अपने मोबाइल फोन पर इंस्टाग्राम पर आया एक विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में लिखे नंबरों पर संपर्क करने पर उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। उसे बताया कि उसे यूएसए में मैकेनिकल टेक्निशियन की नौकरी दिला दी जाएगी।
उसका व्हाट्सएप पर ही इंटरव्यू लेने के बाद उसे बताया गया कि उसका चयन हो गया है। उसके पास यूएसए एंबेसी के नाम पर एक फोटो भेजी गई जिसमें अंकित नाम के व्यक्ति का खाता नंबर और बैंक का आईएफएससी कोड लिखा हुआ था।
व्हाट्सएप पर बात करने वाले ने उसे 22 हजार 980 रुपये भेजने को कहा तो उसने फोन-पे के जरिए यह राशि भेज दी। दिनेश ने आरोप लगाया कि बाद में उसे कभी टिकट के नाम पर तो कभी किसी अन्य बहाने से पैसे ट्रांसफर कराए गए।
उसके अलग-अलग बैंक खातों से 5 लाख 51 हजार 960 रुपये ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद और अधिक पैसों की डिमांड की तो उसे धोखाधड़ी का अहसास हुआ। पुलिस ने साइबर थाना में ठगी का मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी।