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Rewari News: हाईवे पर माैत बनकर दाैड़ रहे बिना रिफ्लेक्टर वाहन
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दिल्ली-जयपुर हाईवे के सर्विस रोड पर बिना रिफलेक्टर के खड़ा वाहन। संवाद
- फोटो : गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।
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रेवाड़ी। दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-48, रेवाड़ी-नारनौल व झज्जर हाईवे और शाहजहांपुर स्टेट हाईवे पर बिना रिफ्लेक्टर के वाहन दौड़ रहे हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि हाईवे से सटे सर्विस रोड पर बड़े-बड़े ट्रक और भारी वाहन दिनभर खड़े रहते हैं, जिन पर उचित रिफ्लेक्टिव टेप या लाइट नहीं होती।
ऐसे में रात के समय सड़क पर दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 50 प्रतिशत डंपरों पर या तो रिफ्लेक्टर नहीं मिलेंगे या फिर पहले लगी टेप लगभग उतर चुकी है।
रात के समय ये खड़े वाहन बिल्कुल दिखाई नहीं देते। वहीं रात के समय हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों को अचानक सामने खड़े भारी वाहन तब दिखते हैं जब टक्कर से बचने का कोई मौका नहीं बचता।
कोहरे के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। दिसंबर और जनवरी में जब दृश्यता 20 से 50 मीटर तक सीमित हो जाती है, तब रिफलेक्टर या चेतावनी लाइट का न होना दुर्घटनाओं की संभावना को खतरनाक स्तर तक पहुंचा देता है। कई बार ड्राइवरों को समय रहते वाहन की उपस्थिति का पता नहीं चलता जिससे चेन-कोलिजन जैसी गंभीर दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सर्विस लेन के पास बने पेट्रोल पंप और ढाबों के पास भी भारी वाहनों की लंबी लाइनें हमेशा दिखाई देती हैं। ट्रक चालक अक्सर पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण सड़क किनारे ही वाहन खड़ा कर देते हैं।
नियमों के अनुसार रात में सड़क किनारे खड़े वाहन पर रिफ्लेक्टर, रियर मार्कर प्लेट और चेतावनी ट्रायंगल का होना अनिवार्य है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन चालक इन नियमों की अनदेखी करते हैं।
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इस वजह से जरूरी होता है रिफ्लेक्टर
दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-48 सबसे व्यस्त मार्गों में से एक हैं। यहां सर्विस रोड के किनारे खड़े वाहनों पर न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही कोई चेतावनी संकेत दिखाई देता है। कई वाहन तो ऐसे हैं जिनकी टेल लाइट भी खराब पड़ी रहती है। रिफ्लेक्टर न केवल वाहन को दृश्य बनाने में मदद करता है बल्कि यह सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सबसे सस्ता और प्रभावी साधन भी है। रिफ्लेक्टिव टेप रात के समय दूर से ही रोशनी पर चमकते हैं जिससे वाहन की उपस्थिति का पता चलता है और अन्य वाहन चालक सतर्क हो जाते हैं।
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बिना रिफ्लेक्टर वाले वाहनों पर कार्रवाई की मांग
दिल्ली जयपुर हाईवे से गुजरते राहगीर बिजेंद्र कुमार, सुजीत व अनिल ने बताया कि जब तक वाहन चालकों को खुद अपनी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार नहीं बनाया जाएगा तब तक नियमों का पालन सुनिश्चित करना मुश्किल होगा। हाईवे के किनारे पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए और बिना रिफ्लेक्टर वाले वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। साथ ही कोहरे के मौसम में विशेष निगरानी बढ़ाई जाए ताकि सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके।
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धुंध के मौसम में बचाव के लिए पुलिस की जारी एडवाइजरी
पुलिस के मुताबिक अपने चालक वाहन को अच्छी स्थिति में रखें। सुनिश्चित करें कि सब कुछ काम करने के क्रम में है, विशेष रूप से रोशनी, ब्रेक और विंडस्क्रीन वाइपर। अपने सामने और साइड के वाहनों से उचित दूरी बनाए रखें और टेल-गेटिंग से बचें। यदि कोहरे में दृश्यता 100 मीटर से कम रह जाती है तो रोशनी चालू करें। अन्य वाहनों से आगे निकलने का प्रयास न करें। व्यस्त सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क न करें यदि कोहरा बहुत घना है, तो कहीं सुरक्षित जगह रुककर कोहरे के कम होने का इंतजार करना सबसे अच्छा है। अपनी लेन में ड्राइव करें और धैर्य रखें। वाहनों पर फॉग लाइट अवश्य लगवाएं। वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगवाएं।
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वर्जन
पुलिस की तरफ से समय-समय पर रिफ्लेक्टर लाइटों को लेकर जांच अभियान चलाया जाता रहा है। रिफ्लेक्टर जिन वाहनों पर नहीं लगा होता है वहां चालान किए जाते हैं। कोई नियम तोड़ता पाया जाता है तो चालान किए जाएंगे। -सुरेश कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज, धारूहेड़ा।
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ऐसे में रात के समय सड़क पर दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 50 प्रतिशत डंपरों पर या तो रिफ्लेक्टर नहीं मिलेंगे या फिर पहले लगी टेप लगभग उतर चुकी है।
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रात के समय ये खड़े वाहन बिल्कुल दिखाई नहीं देते। वहीं रात के समय हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों को अचानक सामने खड़े भारी वाहन तब दिखते हैं जब टक्कर से बचने का कोई मौका नहीं बचता।
कोहरे के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। दिसंबर और जनवरी में जब दृश्यता 20 से 50 मीटर तक सीमित हो जाती है, तब रिफलेक्टर या चेतावनी लाइट का न होना दुर्घटनाओं की संभावना को खतरनाक स्तर तक पहुंचा देता है। कई बार ड्राइवरों को समय रहते वाहन की उपस्थिति का पता नहीं चलता जिससे चेन-कोलिजन जैसी गंभीर दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सर्विस लेन के पास बने पेट्रोल पंप और ढाबों के पास भी भारी वाहनों की लंबी लाइनें हमेशा दिखाई देती हैं। ट्रक चालक अक्सर पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण सड़क किनारे ही वाहन खड़ा कर देते हैं।
नियमों के अनुसार रात में सड़क किनारे खड़े वाहन पर रिफ्लेक्टर, रियर मार्कर प्लेट और चेतावनी ट्रायंगल का होना अनिवार्य है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन चालक इन नियमों की अनदेखी करते हैं।
इस वजह से जरूरी होता है रिफ्लेक्टर
दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-48 सबसे व्यस्त मार्गों में से एक हैं। यहां सर्विस रोड के किनारे खड़े वाहनों पर न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही कोई चेतावनी संकेत दिखाई देता है। कई वाहन तो ऐसे हैं जिनकी टेल लाइट भी खराब पड़ी रहती है। रिफ्लेक्टर न केवल वाहन को दृश्य बनाने में मदद करता है बल्कि यह सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सबसे सस्ता और प्रभावी साधन भी है। रिफ्लेक्टिव टेप रात के समय दूर से ही रोशनी पर चमकते हैं जिससे वाहन की उपस्थिति का पता चलता है और अन्य वाहन चालक सतर्क हो जाते हैं।
बिना रिफ्लेक्टर वाले वाहनों पर कार्रवाई की मांग
दिल्ली जयपुर हाईवे से गुजरते राहगीर बिजेंद्र कुमार, सुजीत व अनिल ने बताया कि जब तक वाहन चालकों को खुद अपनी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार नहीं बनाया जाएगा तब तक नियमों का पालन सुनिश्चित करना मुश्किल होगा। हाईवे के किनारे पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए और बिना रिफ्लेक्टर वाले वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। साथ ही कोहरे के मौसम में विशेष निगरानी बढ़ाई जाए ताकि सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके।
धुंध के मौसम में बचाव के लिए पुलिस की जारी एडवाइजरी
पुलिस के मुताबिक अपने चालक वाहन को अच्छी स्थिति में रखें। सुनिश्चित करें कि सब कुछ काम करने के क्रम में है, विशेष रूप से रोशनी, ब्रेक और विंडस्क्रीन वाइपर। अपने सामने और साइड के वाहनों से उचित दूरी बनाए रखें और टेल-गेटिंग से बचें। यदि कोहरे में दृश्यता 100 मीटर से कम रह जाती है तो रोशनी चालू करें। अन्य वाहनों से आगे निकलने का प्रयास न करें। व्यस्त सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क न करें यदि कोहरा बहुत घना है, तो कहीं सुरक्षित जगह रुककर कोहरे के कम होने का इंतजार करना सबसे अच्छा है। अपनी लेन में ड्राइव करें और धैर्य रखें। वाहनों पर फॉग लाइट अवश्य लगवाएं। वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगवाएं।
वर्जन
पुलिस की तरफ से समय-समय पर रिफ्लेक्टर लाइटों को लेकर जांच अभियान चलाया जाता रहा है। रिफ्लेक्टर जिन वाहनों पर नहीं लगा होता है वहां चालान किए जाते हैं। कोई नियम तोड़ता पाया जाता है तो चालान किए जाएंगे। -सुरेश कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज, धारूहेड़ा।

दिल्ली-जयपुर हाईवे के सर्विस रोड पर बिना रिफलेक्टर के खड़ा वाहन। संवाद- फोटो : गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।

दिल्ली-जयपुर हाईवे के सर्विस रोड पर बिना रिफलेक्टर के खड़ा वाहन। संवाद- फोटो : गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।

दिल्ली-जयपुर हाईवे के सर्विस रोड पर बिना रिफलेक्टर के खड़ा वाहन। संवाद- फोटो : गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।