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Rohtak News: हद है! खेल मंत्री चंडीगढ़ से शोक जताने आ गए...अफसर शहर से नहींं जा सके
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रोहतक के लाखनमाजरा में बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक के निधन के बाद शोकाकुल परिवार से बातीचत करते
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। हार्दिक की भयावह मौत के बाद हरियाणा के खेल मंत्री तो परिजनों को सांत्वना देने के लिए वीरवार को चंडीगढ़ से आ गए लेकिन 72 घंटे बीतने के बाद भी जिले का कोई अफसर परिजनों की देहरी झांकने नहीं गया। संवेदना के दो शब्द तक नहीं फूटे। परिजनों को इसका बेहद अफसोस है।
हार्दिक के पिता ने कहा भी कि प्रशासन या खेल विभाग का कोई अधिकारी अभी तक उनके घर नहीं आया है। अफसरों का यह हाल तब है, जबकि रोहतक से लाखनमाजरा की दूरी मात्र 23 किलोमीटर है। वहां पहुंचने में मात्र आधा घंटा लगता है। अफसरों की इस संवेदनहीनता पर लोग हैरान हैं।
वहींं, रोहतक से चंडीगढ़ की 231 किलोमीटर दूरी है। वहां से रोहतक आने में कार से चार घंटे लगते हैं। वीरवार को खेल मंत्री गौरव गौतम चंडीगढ़ से आकर यहां परिजनों से मिले। भरोसा दिया कि हृदयविदारक पीड़ा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।
खेल मंत्री ने यह भी कहा कि परिवार जो कुछ मांग रखेगा, उसे सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि हार्दिक एक शानदार खिलाड़ी था। उसकी असमय मौत से सिर्फ परिवार को नहीं, बल्कि राष्ट्र और प्रदेश को क्षति पहुंची है। वह नायाब हीरा था।
सरकार के प्रतिनिधि बनकर मंत्री के पहुंचने से परिजनों को यह भरोसा भी हुआ कि अब गांव की खेल सुविधाओं की सुध ली जाएगी। स्टेडियम और मैदान भी ठीक होंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंंह सैनी भी हादसे को बेहद दुखद बता चुके हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और इनेलो नेता अभय चौटाला भी सांत्वना देने गांव पहुंच चुके हैं।
हार्दिक की मां निर्मला की तबीयत फिर बिगड़ गई है। लेकिन, अफसरों ने बैठकों में खेलों को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर बातें तो कीं लेकिन हकीकत में एक राष्ट्रीय खिलाड़ी के परिजनों से मिलने तक की जरूरत नहीं समझी।
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लाखनमाजरा में बास्केटबॉल नर्सरी ही नहीं, निलंबित किसे कर दिया?
रोहतक। बास्केटबॉल खिलाड़ी की मौत के बाद सरकार ने नर्सरी निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। गांव वाले पूछ रहे हैं कि लाखनमाजरा में बास्केटबॉल की नर्सरी ही नहीं है तो निलंबित किसे किया गया है। गांव वाले बताते हैं कि पिछले वर्ष यहां बास्केटबॉल की नर्सरी दी गई थी। इस बार नहीं मिली। नर्सरी के साथ कोच भी चला गया। इसके बाद नर्सरी या कोच को निलंबित करने का सवाल ही नहीं बनता है।
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अभी तक नहीं हटा जंग खाया पोल
जिस पोल के टूटने से हार्दिक की जान चली गई, उसे अभी तक हटाया नहीं गया है। यह पोल बास्केटबाॅल मैदान पर ही पड़ा है। शासन की ओर से निर्देश जारी होने के बावजूद सरकारी सिस्टम अभी नींद से जाग नहीं पाया है। गांव का माहौल बेहद गमगीन है। मैदान में वीरवार को भी खिलाड़ी नजर नहीं आए। खेल गतिविधियां शोक के कारण वीरवार तक निलंबित रहीं।
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रोहतक। हार्दिक की भयावह मौत के बाद हरियाणा के खेल मंत्री तो परिजनों को सांत्वना देने के लिए वीरवार को चंडीगढ़ से आ गए लेकिन 72 घंटे बीतने के बाद भी जिले का कोई अफसर परिजनों की देहरी झांकने नहीं गया। संवेदना के दो शब्द तक नहीं फूटे। परिजनों को इसका बेहद अफसोस है।
हार्दिक के पिता ने कहा भी कि प्रशासन या खेल विभाग का कोई अधिकारी अभी तक उनके घर नहीं आया है। अफसरों का यह हाल तब है, जबकि रोहतक से लाखनमाजरा की दूरी मात्र 23 किलोमीटर है। वहां पहुंचने में मात्र आधा घंटा लगता है। अफसरों की इस संवेदनहीनता पर लोग हैरान हैं।
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वहींं, रोहतक से चंडीगढ़ की 231 किलोमीटर दूरी है। वहां से रोहतक आने में कार से चार घंटे लगते हैं। वीरवार को खेल मंत्री गौरव गौतम चंडीगढ़ से आकर यहां परिजनों से मिले। भरोसा दिया कि हृदयविदारक पीड़ा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।
खेल मंत्री ने यह भी कहा कि परिवार जो कुछ मांग रखेगा, उसे सरकार पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि हार्दिक एक शानदार खिलाड़ी था। उसकी असमय मौत से सिर्फ परिवार को नहीं, बल्कि राष्ट्र और प्रदेश को क्षति पहुंची है। वह नायाब हीरा था।
सरकार के प्रतिनिधि बनकर मंत्री के पहुंचने से परिजनों को यह भरोसा भी हुआ कि अब गांव की खेल सुविधाओं की सुध ली जाएगी। स्टेडियम और मैदान भी ठीक होंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंंह सैनी भी हादसे को बेहद दुखद बता चुके हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और इनेलो नेता अभय चौटाला भी सांत्वना देने गांव पहुंच चुके हैं।
हार्दिक की मां निर्मला की तबीयत फिर बिगड़ गई है। लेकिन, अफसरों ने बैठकों में खेलों को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर बातें तो कीं लेकिन हकीकत में एक राष्ट्रीय खिलाड़ी के परिजनों से मिलने तक की जरूरत नहीं समझी।
लाखनमाजरा में बास्केटबॉल नर्सरी ही नहीं, निलंबित किसे कर दिया?
रोहतक। बास्केटबॉल खिलाड़ी की मौत के बाद सरकार ने नर्सरी निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। गांव वाले पूछ रहे हैं कि लाखनमाजरा में बास्केटबॉल की नर्सरी ही नहीं है तो निलंबित किसे किया गया है। गांव वाले बताते हैं कि पिछले वर्ष यहां बास्केटबॉल की नर्सरी दी गई थी। इस बार नहीं मिली। नर्सरी के साथ कोच भी चला गया। इसके बाद नर्सरी या कोच को निलंबित करने का सवाल ही नहीं बनता है।
अभी तक नहीं हटा जंग खाया पोल
जिस पोल के टूटने से हार्दिक की जान चली गई, उसे अभी तक हटाया नहीं गया है। यह पोल बास्केटबाॅल मैदान पर ही पड़ा है। शासन की ओर से निर्देश जारी होने के बावजूद सरकारी सिस्टम अभी नींद से जाग नहीं पाया है। गांव का माहौल बेहद गमगीन है। मैदान में वीरवार को भी खिलाड़ी नजर नहीं आए। खेल गतिविधियां शोक के कारण वीरवार तक निलंबित रहीं।