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World Aids Day: संक्रमित मां शिशु को स्तनपान करा सकती है; बच्चे में नहीं पहुंचेगा वायरस, पढ़ें ये रिपोर्ट
विकास सैनी, रोहतक (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Fri, 01 Dec 2023 09:28 AM IST
सार
पिछले एक साल में एआरटी प्लस सेंटर में 50 ऐसी गर्भवती पहुंची हैं, जिनकी समय पर जांच कर उपचार करने के कारण एचआईवी इनके शिशु में प्रवेश नहीं कर पाया है। सेंटर पर उचित देखभाल व इलाज के चलते शिशु सुरक्षित रहे।
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विश्व एड्स दिवस 2023
- फोटो : Istock
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विस्तार
एड्स जैसी लाइलाज बीमारी का नाम सुनने के बाद लोगों के माथे पर शिकन आ जाती थी, मगर अब इसे लेकर एक राहत भरी खबर है। एचआईवी संक्रमित मां भी अब स्वस्थ शिशु को जन्म दे रही हैं। मां से संक्रमण शिशु में नहीं जाएगा। इसके लिए संक्रमण की समय पर जांच करवाने के बाद दवा लेना अनिवार्य है। प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस के एआरटी प्लस सेंटर में पिछले एक साल में ऐसी 50 महिलाओं ने स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिया है। इससे नए एड्स रोगियों की संख्या पर भी अंकुश लगेगा।
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विभिन्न जिलों के करीब 32 हजार एड्स पीड़ित पंजीकृत
एआरटी प्लस सेंटर के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां अब तक रोहतक समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 32 हजार एड्स पीड़ित पंजीकृत हैं। इन्हें यहां सभी तरह की जांच व दवा निशुल्क दी जा रही है। इस सेंटर की ओपीडी भी औसतन 150 मरीजों की है। इन एचआईवी संक्रमित मरीजों में गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। पिछले एक साल में सेंटर में 50 ऐसी गर्भवती पहुंची हैं, जिनकी समय पर जांच कर उपचार करने के कारण एचआईवी इनके शिशु में प्रवेश नहीं कर पाया है। सेंटर पर उचित देखभाल व इलाज के चलते शिशु सुरक्षित रहे।
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स्वास्थ्य विभाग भी इसे एड्स रोगियों की बढ़ती संख्या पर कहीं न कहीं विराम लगाने वाला कदम मान रहा है। यही नहीं, संक्रमित मां अपना इलाज जारी रखकर शिशु को स्तनपान भी करा सकती है। इससे भी बच्चे में वायरस नहीं पहुंचेगा।
डिलीवरी के समय संक्रमण का खतरा ज्यादा
डिलीवरी के समय संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इस समय चिकित्सक पूरी सावधानी बरतते हैं। यही नहीं शिशु के जन्म के बाद उसे भी संक्रमण से बचाने के लिए दवा तुरंत दी जाती है। संक्रमित मां इलाज करवाती है तो वह अपने बच्चे को स्तनपान भी करा सकती है। -डॉ. सोनल डोगरा, कार्यवाहक प्रभारी, एआरटी सेंटर, पीजीआईएमएस।
अधिकारी के अनुसार
पीजीआईएमएस के एआरटी प्लस सेंटर में एचआईवी संक्रमित व एड्स रोगियों को इलाज दिया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में यहां 50 एचआईवी संक्रमित महिलाओं ने स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिया है। बीमारी की सही पहचान व समय पर इलाज के साथ देखभाल से यह संभव हुआ है। -डॉ. अनिल खुराना, प्रभारी, एआरटी प्लस सेंटर, पीजीआईएमएस, रोहतक।