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Haryana: अब मछलीपालकों को नहीं करना होगा इंतजार, प्रदेश सरकार देगी एडवांस सब्सिडी
संवाद न्यूज एजेंसी, ओढां, सिरसा (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Mon, 19 Sep 2022 11:43 PM IST
सार
हरियाणा के झज्जर या गुरुग्राम में से एक जिले में थोक मछली मार्केट बनाई जाएगी। सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मछली पालकों को भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा रही है।
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चोरमार खेड़ा गांव में आयोजित झींगा किसानों की कार्यशाला में सीएम मनोहर लाल।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
मत्स्य पालक किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी में अगर देरी होती है तो वह सब्सिडी प्रदेश सरकार एडवांस में देगी। इसके साथ ही मछली की खरीद व बिक्री के लिए झज्जर या गुरुग्राम में से एक जिले में थोक मछली मार्केट स्थापित की जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को सिरसा के जिले के चोरमार खेड़ा गांव में आयोजित झींगा किसानों की कार्यशाला में की।
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उन्होंने कहा कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मछली पालकों को भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा मछली पालन में बीमा करने के लिए भी सरकार बैंक व बीमा कंपनियों से बातचीत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन में बिजली खपत एक बड़ा विषय है।
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सरकार जिन किसानों की खपत 20 किलोवाट है, उन्हें 4.75 प्रति यूनिट दर पर बिजली उपलब्ध करवा रही है। मछली पालक अपने प्लॉट पर सोलर सिटस्म भी लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हार्स पावर 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जो अधिकतम 2 लाख रुपये तक हो सकती है।
भिवानी में बनेगा एक्वापॉर्क
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भिवानी के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपये की लागत से 25 एड़क में एक्वापार्क बनाया जाएगा। इसमें मछली पालन से जुड़े शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिलने वाला लाभ अगले तीन वर्ष तक मिलेगा। झींगा बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता है। इससे विदेशी मुद्रा देश में आती है, जो देश की आर्थिक तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है। इस तरह के प्रकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच ट्रिलियन इकनॉमी के सपने को पूरा करने में अपना योगदान देगा। देश इसके लिए मछली पालन से जुड़ी नई-नई तकनीक पर कार्य कर रहा है।
झींगा उत्पादन को 4 हजार मीट्रिक टन करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निरंतर सेम व खारे पानी वाली जमीन में झींगा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में झींगा पालन का क्षेत्र 70 एकड़ था और कुल उत्पादन 140 मीट्रिक टन था, जो 2021-22 में बढ़कर 1250 एकड़ व 2900 मीट्रिक टन हो गया है। सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 1250 एकड़ से बढ़ाकर 2500 एकड़ करने तथा उत्पादन 2900 मीट्रिक टन से 4 हजार मीट्रिक टन रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 में कुल 43 हजार एकड़ में एक लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन होता था और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 54 हजार एकड़ और 2 लाख 10 हजार मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25 लाख मत्स्य बीज उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सिरसा ने देश में नई क्रांति लाने का काम किया : जेपी दलाल
कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि सिरसा के किसान बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने खारे पानी में झींगा उत्पादन कर देश में नई क्रांति लाने का काम किया है। यहां के किसानों ने अन्य किसानों को भी रास्ता दिखाया है कि कैसे खारे पानी को निकालकर मछली पालन किया जा सकता है। प्रदेश में 10 लाख एकड़ जमीन में खारे पानी की समस्या है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी किसान इस तरह लागत लगाकर झींगा उत्पादन का जोखिम नहीं ले सकते लेकिन 400 किसानों ने अब कामयाबी की कहानी लिखी है। दलाल ने कहा कि झींगा उत्पादन ऐसा काम है, जिसमें छह महीने में पूंजी व लागत पूरी हो जाती है और अगले छह महीने में मुनाफा ले सकते हैं। दलाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मछली पालकों के लिए हैदराबाद से बीज की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
मत्स्य विभाग को मजबूत किया जाए और मछली पालकों के लिए जांच लैब खोली जाए। इसके अतिरिक्त प्रोसेसिंग प्लॉट लगाने के लिए स्कीम बनाई जाए। उन्होंने किसानों को सहकारी बैंकों से मछली पालन व झींगा उत्पादन के लिए ऋण उपलब्ध करवाने की अपील भी की। दलाल ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के 10 हजार किसानों को झींगा पालन करके करोड़पति बनाने का लक्ष्य लिया है।