{"_id":"69307967ca7a8cf84b0c2c82","slug":"iaktf-chief-writes-to-dgp-says-i-have-evidence-sirsa-news-c-21-hsr1038-762973-2025-12-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sirsa News: आईएकेटीएफ प्रमुख ने डीजीपी को लिखा पत्र, बोले- मेरे पास हैं सबूत","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sirsa News: आईएकेटीएफ प्रमुख ने डीजीपी को लिखा पत्र, बोले- मेरे पास हैं सबूत
विज्ञापन
विज्ञापन
सिरसा। इंटरनेशनल एंटी खालिस्तानी टेररिस्ट फ्रंट (आईएकेटीएफ) के प्रमुख गुरसिमरन सिंह मंड ने महिला थाने पर विस्फोटक हमले के मामले में डीजीपी ओपी सिंह को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा है। मंड ने पत्र में दावा किया है कि उनके पास इस हमले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत हैं और वह अपना बयान दर्ज कराना चाहते हैं।
मंड ने पत्र में लिखा है कि हरियाणा एसटीएफ और संबंधित अधिकारियों ने उनकी पहले दी गई सूचना पर समय रहते कार्रवाई की होती तो यह हमला रोका जा सकता था। मंड का कहना है कि पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी और उसके साथियों से उसे लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। इसके चलते उसने 26 अक्तूबर 2025 को लुधियाना के सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी दिन उसने हरियाणा एसटीएफ को भी एक अनुरोध पत्र भेजा था। मंड ने आरोप लगाया कि उसने डीएसपी एसटीएफ हिसार और आईजी एसटीएफ कार्यालय से फोन पर भी इस मामले की गंभीरता बताई, लेकिन अधिकारियों ने कोई सहायता नहीं की और कहा कि यह पंजाब का मामला है। मंड का दावा है कि यदि उस समय मुख्य आरोपी धीरज को हिरासत में ले लिया गया होता तो सिरसा थाने के बाहर हमला नहीं होता।
एसटीएफ डीएसपी और इंस्पेक्टर को निलंबित किया जाए
मंड ने डीजीपी से मांग की है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए हिसार एसटीएफ के डीएसपी जोगिंदर सिंह, इंस्पेक्टर अनूप सिंह और इंस्पेक्टर अमित कुमार को तुरंत निलंबित किया जाए। सिरसा पुलिस और हिसार एसटीएफ ने उसे अब तक बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया, जबकि उनके पास आरोपी धीरज के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं। मंड ने डीजीपी से आठ दिसंबर को मुलाकात का समय मांगते हुए पत्र में लिखा है कि आप ही मेरी मदद कर सकते हैं। मंड ने कहा कि अगर उनकी मुलाकात डीजीपी से नहीं होती है। उनके मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो वे डीजीपी कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
Trending Videos
मंड ने पत्र में लिखा है कि हरियाणा एसटीएफ और संबंधित अधिकारियों ने उनकी पहले दी गई सूचना पर समय रहते कार्रवाई की होती तो यह हमला रोका जा सकता था। मंड का कहना है कि पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी और उसके साथियों से उसे लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। इसके चलते उसने 26 अक्तूबर 2025 को लुधियाना के सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी दिन उसने हरियाणा एसटीएफ को भी एक अनुरोध पत्र भेजा था। मंड ने आरोप लगाया कि उसने डीएसपी एसटीएफ हिसार और आईजी एसटीएफ कार्यालय से फोन पर भी इस मामले की गंभीरता बताई, लेकिन अधिकारियों ने कोई सहायता नहीं की और कहा कि यह पंजाब का मामला है। मंड का दावा है कि यदि उस समय मुख्य आरोपी धीरज को हिरासत में ले लिया गया होता तो सिरसा थाने के बाहर हमला नहीं होता।
विज्ञापन
विज्ञापन
एसटीएफ डीएसपी और इंस्पेक्टर को निलंबित किया जाए
मंड ने डीजीपी से मांग की है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए हिसार एसटीएफ के डीएसपी जोगिंदर सिंह, इंस्पेक्टर अनूप सिंह और इंस्पेक्टर अमित कुमार को तुरंत निलंबित किया जाए। सिरसा पुलिस और हिसार एसटीएफ ने उसे अब तक बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया, जबकि उनके पास आरोपी धीरज के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं। मंड ने डीजीपी से आठ दिसंबर को मुलाकात का समय मांगते हुए पत्र में लिखा है कि आप ही मेरी मदद कर सकते हैं। मंड ने कहा कि अगर उनकी मुलाकात डीजीपी से नहीं होती है। उनके मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो वे डीजीपी कार्यालय के बाहर धरना देंगे।