{"_id":"69234fa9d160bba356085a9b","slug":"simran-gives-me-peace-of-mind-swati-sirsa-news-c-128-1-svns1027-148236-2025-11-23","type":"story","status":"publish","title_hn":"सिमरन से मिलती है मानसिक शांति : स्वाति","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
सिमरन से मिलती है मानसिक शांति : स्वाति
विज्ञापन
कालांवाली।जैनसभा में प्रवचन करती हुई महासाध्वी स्वाति महाराज व अन्य। सभा
विज्ञापन
कालांवाली। सत्संग से ही मोक्ष मिलता है और आत्मा का कल्याण होता है। भाग्य से ही सत्संग सुनने का मौका मिलता है, भाग्य बड़ा बलवान है। सत्संग में आने का भी तभी लाभ है जब संतों के प्रवचनों का पालन करें और उसको अपने जीवन में उतारें। सिमरन से आत्मिक व मानसिक शांति मिलती है। यह बात एसएस जैनसभा में महासाध्वी स्वाति महाराज ने कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने व्यस्त जीवन में से समय निकालकर प्रभु का सिमरण अवश्य करना चाहिए क्योंकि सिमरण ही एक ऐसी चीज है जो व्यक्ति के मरने के बाद उसके साथ जाती है ओर बाकी चीजें यहीं पर रह जाती हैं। इस लिए सभी को प्रभु का सिमरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्या ग्रस्त व्यक्ति अपने लक्ष्य, मंजिल और उद्देश्य से कोसों दूर हो जाता है।
लक्ष्य विमुख जीवन जीना जीवन नही अभिशाप है। उन्होंने कहा कि जीवन तो मूल रूप से समाधान ही है, हम इसे समस्या ग्रस्त बना लेते हैं। जीवन को जीने के ढंग से जिया जाए तो हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। जीवन की लंबाई नहीं गहराई महत्व रखती है, इसलिए जीवन में गहराई को महत्व दें। उन्होंने एक मंत्र दिया कि चिंता नहीं चिंतन चाहिए, समस्या नहीं समाधान चाहिए।
उन्होंने कहा कि इंसान को दुनियावी कामों के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढक़र भाग लेना चाहिए। आज इंसान अपने दुनियावी कामों में इतना उलझ चुका है कि उसे परमात्मा के सिमरन के लिए एक पल का भी समय नहीं है। सिमरन आत्मा की खुराक है। सिमरन से आत्मिक व मानसिक शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान और मौत को हमेशा याद रखों। जो इन दोनों को याद रखता है। वह कभी बुरे कार्य नहीं कर सकता। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
Trending Videos
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने व्यस्त जीवन में से समय निकालकर प्रभु का सिमरण अवश्य करना चाहिए क्योंकि सिमरण ही एक ऐसी चीज है जो व्यक्ति के मरने के बाद उसके साथ जाती है ओर बाकी चीजें यहीं पर रह जाती हैं। इस लिए सभी को प्रभु का सिमरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्या ग्रस्त व्यक्ति अपने लक्ष्य, मंजिल और उद्देश्य से कोसों दूर हो जाता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
लक्ष्य विमुख जीवन जीना जीवन नही अभिशाप है। उन्होंने कहा कि जीवन तो मूल रूप से समाधान ही है, हम इसे समस्या ग्रस्त बना लेते हैं। जीवन को जीने के ढंग से जिया जाए तो हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। जीवन की लंबाई नहीं गहराई महत्व रखती है, इसलिए जीवन में गहराई को महत्व दें। उन्होंने एक मंत्र दिया कि चिंता नहीं चिंतन चाहिए, समस्या नहीं समाधान चाहिए।
उन्होंने कहा कि इंसान को दुनियावी कामों के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढक़र भाग लेना चाहिए। आज इंसान अपने दुनियावी कामों में इतना उलझ चुका है कि उसे परमात्मा के सिमरन के लिए एक पल का भी समय नहीं है। सिमरन आत्मा की खुराक है। सिमरन से आत्मिक व मानसिक शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान और मौत को हमेशा याद रखों। जो इन दोनों को याद रखता है। वह कभी बुरे कार्य नहीं कर सकता। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।