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बाल अधिकार संबंधी मुद्दों पर मिलकर उठाने हाेंगे ठोस कदम : सुशील सारवान
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Wed, 05 Nov 2025 01:57 AM IST
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फोटो 08- सोनीपत के गोहाना रोड पर बाल अधिकार संबंधी मुद्दाें पर आयोजित सम्मेलन में बच्चों की जान
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सोनीपत। प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गोहाना रोड स्थित निजी स्कूल में बाल अधिकार संबंधी मुद्दाें पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाना और अधिकारों का संरक्षण व संवर्धन करना रहा।
मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, पोषण व सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है ताकि वह जिम्मेदार, संवेदनशील नागरिक बन सके।
बच्चों को शारीरिक दंड देना कानून की दृष्टि में अपराध है। डंडा, थप्पड़ मारना, मुर्गा बनाना जैसी घटनाएं शर्मनाक है, इन्हें पूरी तरह समाप्त किया जाए। जिले में 7 ब्लॉक के करीब 1290 स्कूलों में 2.98 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय में बच्चों की जानकारी के लिए अस्पताल, न्यायालय कक्ष, बैंक, मॉल जैसे काउंटर लगाए गए, उपायुक्त ने सभी का निरीक्षण किया।
बच्चों के सर्वांगीण विकास पर दें ध्यान : महिमा लाल
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सलाहकार महिमा लाल ने बताया कि आयोग की स्थापना वर्ष 2005 में की गई थी, जो बच्चों से संबंधित कानूनों, नीतियों, शिकायतों की देखरेख पर अग्रसर है। छह माह में बाल तस्करी के करीब 2300 बच्चों को मुक्त कराया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए।
सम्मेलन में शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों, अभिभावकों, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस दौरान हरियाणा बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मांगेराम, जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रितु गिल, नगराधीश डॉ. अनमोल, औद्योगिक बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) की परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमारी, डॉ. गीतांजली, अनीता शर्मा, अंकिता चावला मौजूद रहे।
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मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, पोषण व सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है ताकि वह जिम्मेदार, संवेदनशील नागरिक बन सके।
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बच्चों को शारीरिक दंड देना कानून की दृष्टि में अपराध है। डंडा, थप्पड़ मारना, मुर्गा बनाना जैसी घटनाएं शर्मनाक है, इन्हें पूरी तरह समाप्त किया जाए। जिले में 7 ब्लॉक के करीब 1290 स्कूलों में 2.98 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय में बच्चों की जानकारी के लिए अस्पताल, न्यायालय कक्ष, बैंक, मॉल जैसे काउंटर लगाए गए, उपायुक्त ने सभी का निरीक्षण किया।
बच्चों के सर्वांगीण विकास पर दें ध्यान : महिमा लाल
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सलाहकार महिमा लाल ने बताया कि आयोग की स्थापना वर्ष 2005 में की गई थी, जो बच्चों से संबंधित कानूनों, नीतियों, शिकायतों की देखरेख पर अग्रसर है। छह माह में बाल तस्करी के करीब 2300 बच्चों को मुक्त कराया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए।
सम्मेलन में शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों, अभिभावकों, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस दौरान हरियाणा बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मांगेराम, जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रितु गिल, नगराधीश डॉ. अनमोल, औद्योगिक बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) की परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमारी, डॉ. गीतांजली, अनीता शर्मा, अंकिता चावला मौजूद रहे।

फोटो 08- सोनीपत के गोहाना रोड पर बाल अधिकार संबंधी मुद्दाें पर आयोजित सम्मेलन में बच्चों की जान