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Sonipat News: घने कोहरे की चादर में लिपटा जिला, लगातार दूसरे दिन जनजीवन प्रभावित
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:20 AM IST
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फोटो :14: सोनीपत में नेशनल हाईवे-44 पर कोहरे के बीच गुजरते वाहन। संवाद
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सोनीपत। जिले में लगातार दूसरे दिन घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित किया। देर रात से ही आसमान में छाई धुंध सुबह होते-होते और गहरा गई, जिससे शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सफेद चादर सी बिछी नजर आई। सुबह करीब 50 मीटर दृश्यता के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
घने कोहरे के चलते राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर वाहन रेंगते रहे। कई स्थानों पर चालक दिन के समय भी हेडलाइट व फॉग लाइट जलाकर सफर करते दिखाई दिए। सुबह करीब दस बजे के बाद कोहरा कुछ हद तक छटा लेकिन इसके बावजूद सूर्य के दर्शन नहीं हो सके। सूर्य नहीं निकलने के कारण ठंड का असर बना रहा। 12 बजे सूर्य निकलने के बाद राहत मिल सकी।
पहाड़ों की बर्फीली हवा से बढ़ी ठंड
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। हवा की दिशा उत्तरी हो जाने से पहाड़ों की ठंडी हवाएं जिले तक पहुंच रही हैं। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है और सुबह-शाम शीतलहर के कारण ठिठुरन बढ़ गई है। ठंड के बढ़ते प्रकोप के चलते लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
रात से ही छा गया था कोहरा
वीरवार रात साढ़े 10 बजे ही कोहरे का असर गहराने लगा था, जो शुक्रवार सुबह तक बना रहा। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और दूध-सब्जी लेकर निकलने वालों को खासा संघर्ष करना पड़ा। मौसम में आए बदलाव के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को जिले का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो वीरवार के मुकाबले 1.2 डिग्री कम रहा। वहीं वायु गुणवत्ता भी बिगड़ती जा रही है। शुक्रवार को जिले का एक्यूआई 292 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। कोहरे और प्रदूषण के मेल से सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
गेहूं के लिए फायदेमंद, सरसों व सब्जियों के लिए नुकसानदायक
कोहरे का असर कृषि क्षेत्र पर भी साफ नजर आ रहा है। जिले में इस समय करीब 1.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और लगभग 10 हजार एकड़ में सरसों की फसल है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार घना कोहरा गेहूं के लिए लाभकारी है, ठंड और नमी से इसकी बढ़वार बेहतर होती है। हालांकि सरसों और सब्जियों की फसलों के लिए यह मौसम नुकसानदायक हो सकता है। अधिक नमी से सरसों में फफूंद और कीट जनित रोगों का खतरा बढ़ गया है जबकि सब्जियों की बढ़वार प्रभावित होने की आशंका है। किसानों को फिलहाल किसी भी तरह का स्प्रे न करने और खेतों की नियमित निगरानी की सलाह दी गई है।
वातावरण में नमी अधिक रहने के कारण जिले में अगले कुछ दिनों तक कोहरे का असर बना रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादल छा सकते हैं। ऐसे में तापमान में और गिरावट की संभावना है। लोगों को ठंड और कोहरे से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- डॉ. प्रेमदीप, मौसम विज्ञानी, केवीके जगदीशपुर
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घने कोहरे के चलते राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर वाहन रेंगते रहे। कई स्थानों पर चालक दिन के समय भी हेडलाइट व फॉग लाइट जलाकर सफर करते दिखाई दिए। सुबह करीब दस बजे के बाद कोहरा कुछ हद तक छटा लेकिन इसके बावजूद सूर्य के दर्शन नहीं हो सके। सूर्य नहीं निकलने के कारण ठंड का असर बना रहा। 12 बजे सूर्य निकलने के बाद राहत मिल सकी।
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पहाड़ों की बर्फीली हवा से बढ़ी ठंड
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। हवा की दिशा उत्तरी हो जाने से पहाड़ों की ठंडी हवाएं जिले तक पहुंच रही हैं। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है और सुबह-शाम शीतलहर के कारण ठिठुरन बढ़ गई है। ठंड के बढ़ते प्रकोप के चलते लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
रात से ही छा गया था कोहरा
वीरवार रात साढ़े 10 बजे ही कोहरे का असर गहराने लगा था, जो शुक्रवार सुबह तक बना रहा। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और दूध-सब्जी लेकर निकलने वालों को खासा संघर्ष करना पड़ा। मौसम में आए बदलाव के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को जिले का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो वीरवार के मुकाबले 1.2 डिग्री कम रहा। वहीं वायु गुणवत्ता भी बिगड़ती जा रही है। शुक्रवार को जिले का एक्यूआई 292 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। कोहरे और प्रदूषण के मेल से सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
गेहूं के लिए फायदेमंद, सरसों व सब्जियों के लिए नुकसानदायक
कोहरे का असर कृषि क्षेत्र पर भी साफ नजर आ रहा है। जिले में इस समय करीब 1.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और लगभग 10 हजार एकड़ में सरसों की फसल है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार घना कोहरा गेहूं के लिए लाभकारी है, ठंड और नमी से इसकी बढ़वार बेहतर होती है। हालांकि सरसों और सब्जियों की फसलों के लिए यह मौसम नुकसानदायक हो सकता है। अधिक नमी से सरसों में फफूंद और कीट जनित रोगों का खतरा बढ़ गया है जबकि सब्जियों की बढ़वार प्रभावित होने की आशंका है। किसानों को फिलहाल किसी भी तरह का स्प्रे न करने और खेतों की नियमित निगरानी की सलाह दी गई है।
वातावरण में नमी अधिक रहने के कारण जिले में अगले कुछ दिनों तक कोहरे का असर बना रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादल छा सकते हैं। ऐसे में तापमान में और गिरावट की संभावना है। लोगों को ठंड और कोहरे से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- डॉ. प्रेमदीप, मौसम विज्ञानी, केवीके जगदीशपुर

फोटो :14: सोनीपत में नेशनल हाईवे-44 पर कोहरे के बीच गुजरते वाहन। संवाद