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आरआरटीएस कॉरिडोर : परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, निर्माण चरण में प्रवेश के संकेत

संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत Updated Sat, 20 Dec 2025 02:16 AM IST
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RRTS Corridor: Project gains pace, signals entry into construction phase
फोटो :10: दिल्ली से करनाल तक जाने वाली आरआरटीएस का नक्शा। स्रोत सोशल मीडिया
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सोनीपत। दिल्ली से सोनीपत, पानीपत और करनाल को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली दिल्ली-पानीपत-करनाल आरआरटीएस (रैपिड रेल) परियोजना अब वास्तविक निर्माण की दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली सेक्शन में कश्मीरी गेट से भलस्वा तक इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए तकनीकी टेंडर जारी कर दिया है।
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इसे नवंबर 2025 में परियोजना को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (एपीआईबी) से मंजूरी मिलने के बाद पहला बड़ा और अहम कदम माना जा रहा है। एनसीआरटीसी की तरफ से जारी टेंडर 12 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि लंबे समय से फाइलों में अटकी आरआरटीएस योजना अब निर्माण के चरण में प्रवेश कर रही है। अधिकारियों के अनुसार यह कार्य पूरा होने के बाद आगे पिलर, स्टेशन और ट्रैक निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
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सोनीपत को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा

दिल्ली-पानीपत-करनाल आरआरटीएस कॉरिडोर का सीधा और सबसे बड़ा लाभ सोनीपत जिले को मिलने वाला है। यह कॉरिडोर एनएच-44 के समानांतर विकसित किया जाएगा, जिससे कुंडली, बहालगढ़, मुरथल और गन्नौर सहित आसपास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदल जाएगी। वर्तमान में दिल्ली-सोनीपत के बीच रोजाना ट्रैफिक से जूझने वाले हजारों नौकरीपेशा लोगों को रैपिड रेल से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।



25-30 मिनट में दिल्ली से सोनीपत, 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार

आरआरटीएस ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके शुरू होने के बाद दिल्ली से सोनीपत की दूरी मात्र 25 से 30 मिनट में तय की जा सकेगी जबकि पानीपत तक पहुंचने में करीब 45 मिनट लगेंगे। इससे क्षेत्रीय आवागमन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।



नया टेंडर है अहम

एनसीआरटीसी का यह टेंडर कश्मीरी गेट से भलस्वा सेक्शन में इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी शिफ्टिंग से संबंधित है। इसके तहत हाईटेंशन बिजली लाइन, अंडरग्राउंड केबल, ट्रांसफार्मर और अन्य विद्युत ढांचे को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा ताकि भविष्य में आरआरटीएस के पिलर, स्टेशन और ट्रैक निर्माण में कोई बाधा न आए। टेंडर के अनुसार प्री-बिड मीटिंग 29 दिसंबर को होगी, बोली जमा करने की प्रक्रिया 12 जनवरी 2026 से शुरू होकर 19 जनवरी 2026 तक चलेगी। इस कार्य को एक वर्ष में पूरा किया जाना प्रस्तावित है।



दिल्ली सेक्शन के बाद सोनीपत में तेज होंगी गतिविधियां

दिल्ली सेक्शन में यह काम पूरा होते ही हरियाणा क्षेत्र, विशेषकर सोनीपत में निर्माण गतिविधियों के तेज होने की संभावना है। आरआरटीएस परियोजना को प्रदेश सरकार और एनसीआर प्लानिंग में एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्टर के रूप में देखा जा रहा है। सोनीपत में प्रस्तावित मेट्रो विस्तार, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे और औद्योगिक कॉरिडोर के साथ आरआरटीएस जुड़ने से जिले की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है।



मेरठ रूट पर नमो भारत की सफलता से मिला भरोसा

एनसीआरटीसी पहले ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों का सफल संचालन कर चुका है। इसी अनुभव के आधार पर दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर को विकसित किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना हरियाणा के लिए गेम चेंजर साबित होगी।


आगे आएंगे पाइलिंग, स्टेशन और ट्रैक निर्माण के टेंडर

सूत्रों के अनुसार इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी शिफ्टिंग के बाद चरणबद्ध तरीके से पाइलिंग, स्टेशन निर्माण और ट्रैक बिछाने से जुड़े टेंडर जारी किए जाएंगे। दिल्ली सेक्शन में काम शुरू होते ही सोनीपत और पानीपत सेक्शन में भी सर्वे और निर्माण गतिविधियां तेज होने की पूरी संभावना है।

फोटो :10: दिल्ली से करनाल तक जाने वाली आरआरटीएस का नक्शा। स्रोत सोशल मीडिया

फोटो :10: दिल्ली से करनाल तक जाने वाली आरआरटीएस का नक्शा। स्रोत सोशल मीडिया

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