{"_id":"694c451cbc23ce27d10c651d","slug":"the-aim-is-to-make-the-city-nandi-and-monkey-free-by-december-31-sonipat-news-c-197-1-snp1003-147202-2025-12-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sonipat News: 31 दिसंबर तक शहर को नंदी व बंदर मुक्त करने का लक्ष्य","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sonipat News: 31 दिसंबर तक शहर को नंदी व बंदर मुक्त करने का लक्ष्य
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Thu, 25 Dec 2025 01:25 AM IST
विज्ञापन
फोटो 08: सोनीपत के गन्नौर में नंदी पकड़ने के अभियान की मानिटरिंग करने पहुंचे नपा अध्यक्ष अरुण त्
विज्ञापन
गन्नौर। नगर पालिका गन्नौर के अध्यक्ष अरुण त्यागी ने लावारिस पशुओं की समस्या को लेकर चल रहे अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गन्नौर को 31 दिसंबर तक नंदी और बंदर मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
उन्होेंने बताया कि अब तक 560 गोवशों को पकड़ा जा चुका है। 85 गोवंशों को श्रीकृष्ण प्रणामी गोशाला गढ़ी केसरी में भेजा गया है। बाकी को सिसाना गांव की गोशाला में छोड़ा जा रहा है। एजेंसी को 1945 रुपये प्रति गोवंश का भुगतान किया जा रहा है।
त्यागी ने बताया कि अब तक 200 बंदरों को पकड़ा जा चुका है। पकड़े गए बंदरों को दो दिन तक स्लाटर हाउस में रखा जाता है। उसके बाद मेडिकल जांच करवा कर एजेंसी उन्हें यमुनानगर के पास कलेसर के जंगलों में छोड़ती है। पूरी प्रक्रिया की लगातार माॅनीटरिंग की जा रही है। इस कार्य के लिए नगर पालिका 850 रुपये प्रति बंदर भुगतान कर रही है।
उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर आवंटित हो चुका है। एजेंसी की मांग पर कुत्तों की नलबंदी, एंटी रेबीज वैक्सीनेशन और देखरेख के लिए अस्थायी ऑपरेशन थिएटर व एक अलग कमरे की व्यवस्था की जा रही है। वहां कुत्तों को चार दिन रखा जाएगा। नववर्ष के पहले सप्ताह से कुत्तों की नलबंदी और टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
Trending Videos
उन्होेंने बताया कि अब तक 560 गोवशों को पकड़ा जा चुका है। 85 गोवंशों को श्रीकृष्ण प्रणामी गोशाला गढ़ी केसरी में भेजा गया है। बाकी को सिसाना गांव की गोशाला में छोड़ा जा रहा है। एजेंसी को 1945 रुपये प्रति गोवंश का भुगतान किया जा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
त्यागी ने बताया कि अब तक 200 बंदरों को पकड़ा जा चुका है। पकड़े गए बंदरों को दो दिन तक स्लाटर हाउस में रखा जाता है। उसके बाद मेडिकल जांच करवा कर एजेंसी उन्हें यमुनानगर के पास कलेसर के जंगलों में छोड़ती है। पूरी प्रक्रिया की लगातार माॅनीटरिंग की जा रही है। इस कार्य के लिए नगर पालिका 850 रुपये प्रति बंदर भुगतान कर रही है।
उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर आवंटित हो चुका है। एजेंसी की मांग पर कुत्तों की नलबंदी, एंटी रेबीज वैक्सीनेशन और देखरेख के लिए अस्थायी ऑपरेशन थिएटर व एक अलग कमरे की व्यवस्था की जा रही है। वहां कुत्तों को चार दिन रखा जाएगा। नववर्ष के पहले सप्ताह से कुत्तों की नलबंदी और टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।