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Bilaspur News: विधानसभा घेराव में उमड़ा पेंशनरों का सैलाब
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 30 Nov 2025 11:45 PM IST
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बिलासपुर के पेंशनरों की उपस्थिति ने बदली सूरत
मांगों को लेकर धर्मशाला में जुटे 15 हजार बुजुर्ग
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 28 नवंबर को धर्मशाला में हुए विधानसभा घेराव में पेंशनरों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। करीब 15 हजार बुजुर्ग पेंशनरों जिनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल थीं ने कड़ाके की ठंड में दमखम के साथ प्रदर्शन कर सरकार को अपने हक की लड़ाई का संदेश दिया।
जिला संयोजक चेत राम वर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा और पेंशनरों की मजबूती के आगे सरकार को झुकना पड़ा। धरने के बाद मुख्यमंत्री ने माना कि पेंशनरों की मांगें जायज हैं और विधानसभा सत्र के तुरंत बाद 10-11 दिसंबर को प्रदेश संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक बुलाने की घोषणा की। बताया कि बातचीत के दौरान काफी गहमागहमी हुई। अधिकारियों द्वारा अधूरी जानकारी देने के कारण मुख्यमंत्री कई महत्वपूर्ण विवरणों से अनभिज्ञ थे, जबकि लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां वर्षों से लंबित पड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए राशि जारी करने के भी आदेश दे दिए हैं। वर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा तीन साल के कार्यकाल का जश्न मनाने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपदा की मार से उबर नहीं पाया, हजारों करोड़ का नुकसान हुआ, सैकड़ों लोग जीवन गंवा बैठे, और हजारों पेंशनर अपने हकों के इंतजार में दुनिया छोड़ गए ऐसे में जश्न किस बात का? सरकार आर्थिक संकट का हवाला देती है, लेकिन अपने और अधिकारियों के वेतन-भत्ते बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। दैनिक भत्ता 1700 से बढ़ाकर 2500 रुपये और वाहन किराया 12 से 25 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है। कहा कि जिले के अधिकांश पेंशनरों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि कोई भी षड्यंत्र आंदोलन को कमजोर नहीं कर सकता। कहा कि यदि सरकार ने अड़ियल रुख अपनाया तो पेंशनर सचिवालय घेराव और राज्यपाल से मिलने तक के लिए तैयार रहें।
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 28 नवंबर को धर्मशाला में हुए विधानसभा घेराव में पेंशनरों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। करीब 15 हजार बुजुर्ग पेंशनरों जिनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल थीं ने कड़ाके की ठंड में दमखम के साथ प्रदर्शन कर सरकार को अपने हक की लड़ाई का संदेश दिया।
जिला संयोजक चेत राम वर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा और पेंशनरों की मजबूती के आगे सरकार को झुकना पड़ा। धरने के बाद मुख्यमंत्री ने माना कि पेंशनरों की मांगें जायज हैं और विधानसभा सत्र के तुरंत बाद 10-11 दिसंबर को प्रदेश संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक बुलाने की घोषणा की। बताया कि बातचीत के दौरान काफी गहमागहमी हुई। अधिकारियों द्वारा अधूरी जानकारी देने के कारण मुख्यमंत्री कई महत्वपूर्ण विवरणों से अनभिज्ञ थे, जबकि लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां वर्षों से लंबित पड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए राशि जारी करने के भी आदेश दे दिए हैं। वर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा तीन साल के कार्यकाल का जश्न मनाने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपदा की मार से उबर नहीं पाया, हजारों करोड़ का नुकसान हुआ, सैकड़ों लोग जीवन गंवा बैठे, और हजारों पेंशनर अपने हकों के इंतजार में दुनिया छोड़ गए ऐसे में जश्न किस बात का? सरकार आर्थिक संकट का हवाला देती है, लेकिन अपने और अधिकारियों के वेतन-भत्ते बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। दैनिक भत्ता 1700 से बढ़ाकर 2500 रुपये और वाहन किराया 12 से 25 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है। कहा कि जिले के अधिकांश पेंशनरों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि कोई भी षड्यंत्र आंदोलन को कमजोर नहीं कर सकता। कहा कि यदि सरकार ने अड़ियल रुख अपनाया तो पेंशनर सचिवालय घेराव और राज्यपाल से मिलने तक के लिए तैयार रहें।
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