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Bilaspur News: डॉ. राघव की बहाली पर अड़े डॉक्टर, सोमवार को भी ओपीडी बंद
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 28 Dec 2025 11:54 PM IST
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जिले के अस्पतालों में सोमवार को होती है 1000 के करीब ओपीडी
सेवाएं न मिलने से मरीजों पर असर, एम्स बिलासपुर पर बढ़ेगा दबाव
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। डॉ. राघव नरूला की सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (एचएमओए) के आह्वान पर जिले भर में सुबह 9:30 बजे से सभी नियमित ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी। हड़ताल में मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों के संगठन के औपचारिक रूप से शामिल होने से आंदोलन को और मजबूती मिलने की संभावना है। वहीं हड़ताल से मरीजों पर असर तो पड़ ही रहा है साथ एम्स पर भी दबाव बढ़ जाएगा।
सोमवार को जिला अस्पताल बिलासपुर और घुमारवीं अस्पताल की ओपीडी पूरी तरह बंद रहने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अकेले जिला अस्पताल बिलासपुर में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं, जबकि पूरे जिले में औसतन करीब 1000 मरीज ओपीडी सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। ओपीडी बंद रहने की स्थिति में आपातकालीन विभाग के अलावा मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
इसका सीधा असर एम्स बिलासपुर पर पड़ रहा है। जहां पहले एम्स की दैनिक ओपीडी करीब 1500 रहती थी, वहीं अब डॉक्टरों की हड़ताल के चलते इसके 2500 से अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। स्थिति इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सर्दियों की छुट्टियों के कारण एम्स का लगभग आधा स्टाफ अवकाश पर है, जिससे सीमित संसाधनों में बढ़ती भीड़ को संभालना मुश्किल हो सकता है। एचएमओए के जिला अध्यक्ष डॉ. शिवांशु बंसल ने स्पष्ट किया कि जब तक डॉ. राघव नरूला की बर्खास्तगी का आदेश वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष चिकित्सकों के सम्मान और न्याय के लिए है। हालांकि मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। इमरजेंसी, वार्ड राउंड, पोस्टमार्टम, ऑपरेशन थिएटर में आवश्यक छोटे ऑपरेशन और गंभीर मरीजों की देखभाल बाधित नहीं होगी। उधर, एमएस बिलासपुर एके सिंह ने भी पुष्टि की कि सोमवार को ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी और मरीजों को केवल आपातकालीन विभाग में ही उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
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संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। डॉ. राघव नरूला की सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (एचएमओए) के आह्वान पर जिले भर में सुबह 9:30 बजे से सभी नियमित ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी। हड़ताल में मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों के संगठन के औपचारिक रूप से शामिल होने से आंदोलन को और मजबूती मिलने की संभावना है। वहीं हड़ताल से मरीजों पर असर तो पड़ ही रहा है साथ एम्स पर भी दबाव बढ़ जाएगा।
सोमवार को जिला अस्पताल बिलासपुर और घुमारवीं अस्पताल की ओपीडी पूरी तरह बंद रहने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अकेले जिला अस्पताल बिलासपुर में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं, जबकि पूरे जिले में औसतन करीब 1000 मरीज ओपीडी सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। ओपीडी बंद रहने की स्थिति में आपातकालीन विभाग के अलावा मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
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इसका सीधा असर एम्स बिलासपुर पर पड़ रहा है। जहां पहले एम्स की दैनिक ओपीडी करीब 1500 रहती थी, वहीं अब डॉक्टरों की हड़ताल के चलते इसके 2500 से अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। स्थिति इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सर्दियों की छुट्टियों के कारण एम्स का लगभग आधा स्टाफ अवकाश पर है, जिससे सीमित संसाधनों में बढ़ती भीड़ को संभालना मुश्किल हो सकता है। एचएमओए के जिला अध्यक्ष डॉ. शिवांशु बंसल ने स्पष्ट किया कि जब तक डॉ. राघव नरूला की बर्खास्तगी का आदेश वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष चिकित्सकों के सम्मान और न्याय के लिए है। हालांकि मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। इमरजेंसी, वार्ड राउंड, पोस्टमार्टम, ऑपरेशन थिएटर में आवश्यक छोटे ऑपरेशन और गंभीर मरीजों की देखभाल बाधित नहीं होगी। उधर, एमएस बिलासपुर एके सिंह ने भी पुष्टि की कि सोमवार को ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी और मरीजों को केवल आपातकालीन विभाग में ही उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।