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Bilaspur News: जिले में बढ़ता अवैध खनन, विभाग के पास सिर्फ सात फील्ड कर्मी

Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
Updated Sun, 23 Nov 2025 11:39 PM IST
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Illegal mining is on the rise in the district, with the department having only seven field workers.
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सीमावर्ती जिलों और स्टाफ की कमी से खनन माफिया के हौसले बुलंद
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गाड़ी तो है, चालक नहीं, छापेमारी के लिए संसाधनों की भारी कमी

संवाद न्यूज एजेंसी
भराड़ी(बिलासपुर)। जिले में अवैध खनन लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इसे रोकने के लिए जिम्मेदार खनन विभाग सीमित संसाधनों के कारण नाकाम साबित हो रहा है। जिले में विभाग के पास खनन स्थलों की निगरानी के लिए केवल सात फील्ड कर्मी उपलब्ध हैं, जिनमें तीन कर्मी घुमारवीं और चार बिलासपुर में तैनात हैं। जिला खनन अधिकारी हैं, लेकिन जिला कार्यालय कर क्लर्क पांच महीने से छुट्टी पर है।
जानकारी के अनुसार खनन माफिया दिन-रात अवैध गतिविधियों में लगा हुआ है। खड्डों, नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में रेत, बजरी और पत्थर चोरी करके ले जाया जा रहा है। जिले की पंजाब, हमीरपुर, मंडी और ऊना से लगती सीमाओं के कारण विभाग के लिए इन क्षेत्रों की निगरानी करना और छापा मारना करना कठिन हो गया है। खनन माफिया खुलेआम ट्रैक्टर जैसी भारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई स्थानों पर खड्डों और पहाड़ियों का प्राकृतिक स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है, जिससे पर्यावरण और जल स्रोतों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले में कम से कम 30-40 कर्मियों की जरूरत है, जबकि वर्तमान में केवल सात कर्मियों को ही कई क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी करनी पड़ रही है। लंबी दूरी तय करने और सीमित स्टाफ के कारण छापा मारी नहीं हो पाती है और माफिया पहले ही फरार हो जाते हैं।
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जिला खनन अधिकारी हरविंद्र सिंह ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
वहीं, चिंता का विषय यह है कि विभाग के पास अब छापामारी के लिए वाहन तो उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए चालक नहीं हैं। बिना चालक के वाहन मौजूद होने के बावजूद कार्रवाई प्रभावी नहीं हो पा रही है। अवैध खनन से नदी-नालों के गहराने, भूमि कटाव और जलस्तर में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ग्रामीण और पर्यावरणविद सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए जल शक्ति, लोक निर्माण, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और विद्युत विभाग समेत 12 विभागों को अधिकृत किया है, लेकिन जिले में अब भी अवैध खनन पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगाया जा सका है। पुलिस जगह-जगह नाके लगाकर कार्रवाई कर चालान तो काटती है, लेकिन इसका खनन माफिया पर कोई प्रभाव नहीं है।
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