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Bilaspur News: भूकंप-रोधी निर्माण तकनीकों पर दिया गया विशेष प्रशिक्षण
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sat, 20 Dec 2025 06:59 PM IST
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भड़ोली कलां में आयोजित मेसन प्रशिक्षण कार्यशाला में मौजूद प्रशिक्षु। स्रोत: डीपीआरओ
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भड़ोली कलां में पांच दिवसीय मेसन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
एडीसी ने की प्रशिक्षण मॉड्यूल, व्यावहारिक अभ्यास तकनीकी प्रक्रिया की समीक्षा
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से ग्राम पंचायत भड़ोली कलां में पांच दिवसीय मेसन प्रशिक्षण कार्यशाला का अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ठाकुर ने निरीक्षण किया। यह कार्यशाला 17 से 22 दिसंबर 2025 तक आयोजित की गई, जिसमें मिस्त्री, कारपेंटर (बढ़ई) तथा वायर वाइंडर से जुड़े कारीगरों को सुरक्षित एवं आपदा-रोधी निर्माण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने प्रशिक्षण मॉड्यूल, व्यावहारिक अभ्यास और निर्माण से संबंधित तकनीकी प्रक्रियाओं की समीक्षा की। उन्होंने प्रतिभागियों से संवाद कर भूकंप-रोधी निर्माण तकनीकों को लेकर उनकी समझ का आकलन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में वैज्ञानिक एवं सुरक्षा-आधारित निर्माण पद्धतियों को अपनाना बेहद जरूरी है। प्रशिक्षित कारीगर आपदाओं के दौरान जानमाल की क्षति को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यशाला में धणी, सलवाड़, जेजवीं, कलोल, भड़ोली कलां और पपलोआ पंचायतों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षित भवन निर्माण, निर्माण सामग्री के सही चयन व उपयोग, संरचनात्मक मजबूती और आपदा-रोधी मानकों की व्यावहारिक जानकारी दी गई। इस अवसर पर झंडूत्ता के एसडीएम, बीडीओ झंडूत्ता तथा ब्लॉक झंडूता के प्रशिक्षक जूनियर इंजीनियर भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से इस तरह के क्षमता-विकास कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर सुरक्षित आवास निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदाय की आपदा-तैयारी को भी मजबूत कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी निरंतर प्रशिक्षण, जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता के जरिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि जिले में सुरक्षित, लचीला और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
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एडीसी ने की प्रशिक्षण मॉड्यूल, व्यावहारिक अभ्यास तकनीकी प्रक्रिया की समीक्षा
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से ग्राम पंचायत भड़ोली कलां में पांच दिवसीय मेसन प्रशिक्षण कार्यशाला का अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ठाकुर ने निरीक्षण किया। यह कार्यशाला 17 से 22 दिसंबर 2025 तक आयोजित की गई, जिसमें मिस्त्री, कारपेंटर (बढ़ई) तथा वायर वाइंडर से जुड़े कारीगरों को सुरक्षित एवं आपदा-रोधी निर्माण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने प्रशिक्षण मॉड्यूल, व्यावहारिक अभ्यास और निर्माण से संबंधित तकनीकी प्रक्रियाओं की समीक्षा की। उन्होंने प्रतिभागियों से संवाद कर भूकंप-रोधी निर्माण तकनीकों को लेकर उनकी समझ का आकलन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में वैज्ञानिक एवं सुरक्षा-आधारित निर्माण पद्धतियों को अपनाना बेहद जरूरी है। प्रशिक्षित कारीगर आपदाओं के दौरान जानमाल की क्षति को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यशाला में धणी, सलवाड़, जेजवीं, कलोल, भड़ोली कलां और पपलोआ पंचायतों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षित भवन निर्माण, निर्माण सामग्री के सही चयन व उपयोग, संरचनात्मक मजबूती और आपदा-रोधी मानकों की व्यावहारिक जानकारी दी गई। इस अवसर पर झंडूत्ता के एसडीएम, बीडीओ झंडूत्ता तथा ब्लॉक झंडूता के प्रशिक्षक जूनियर इंजीनियर भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से इस तरह के क्षमता-विकास कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर सुरक्षित आवास निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदाय की आपदा-तैयारी को भी मजबूत कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी निरंतर प्रशिक्षण, जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता के जरिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि जिले में सुरक्षित, लचीला और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
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