सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Bilaspur News ›   Water has not reached farmers' fields in Amroha for the last 10 years.

Bilaspur News: अमरोआ में 10 साल से किसानों के खेतों में नहीं पहुंच रहा है पानी

संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर Updated Sat, 20 Dec 2025 10:35 PM IST
विज्ञापन
Water has not reached farmers' fields in Amroha for the last 10 years.
अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना की टूटी पाइप। संवाद
विज्ञापन
ग्राउंड रिपोर्ट
Trending Videos

सिंचाई योजना की मरम्मत न होने के कारण नहीं मिल रही सुविधा
150 बीघा जमीन पर किसान उगाते थे अदरक और अरबी की फसल
नई पाइपलाइन के माध्यम से होने थे आउटलेट तैयार, काम पड़ा अधूरा

सुभाष कपिल
झंडूता(बिलासपुर)। झंडूता उपमंडल की अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना कभी क्षेत्र की खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती थी। इस योजना से करीब 100 किसान परिवारों के खेतों में नियमित सिंचाई होती थी और लगभग 150 बीघा उपजाऊ भूमि साल भर हरी-भरी रहती थी। योजना के चलते किसान केवल परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं थे, बल्कि अदरक, अरबी जैसी नकदी फसलों की खेती कर अपनी आय को सुदृढ़ कर रहे थे। मगर अब बीते 10 सालों से उनके खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है। वजह है सिंचाई योजना की मरम्मत न होना। किसानों ने बताया कि जब योजना सुचारू रूप से चल रही थी, तब अदरक और अरबी की खेती से अच्छी आमदनी होती थी। इन फसलों की बाजार में मांग अधिक होने के कारण किसानों को बेहतर दाम मिलते थे। इससे गांव के अधिकांश परिवार आत्मनिर्भर बने हुए थे। खेती से होने वाली आमदनी से घर-गृहस्थी चलती थी, बच्चों की पढ़ाई का खर्च निकलता था और किसान दोबारा खेतों में निवेश कर पाते थे। उस समय अमरोआ गांव को आसपास के क्षेत्रों में उन्नत खेती के उदाहरण के रूप में देखा जाता था। लेकिन वर्ष 1998 में बनी यह उठाऊ सिंचाई योजना, जो करीब डेढ़ दशक तक सफलतापूर्वक चली, बीते दस वर्ष से बदहाली का शिकार है। किसानों का कहना है कि विभाग ने कई बार लाखों रुपये खर्च कर सुधार कार्य किए, लेकिन वे केवल कागजों तक सीमित रहे। जमीनी हकीकत यह है कि आज योजना से एक बूंद पानी भी खेतों तक नहीं पहुंच रहा। इसका कारण यह है कि इस योजना की पाइप जगह-जगह से टटे हुए हैं।
योजना के तहत पहले कुहलों का निर्माण किया गया था और बाद में नई पाइपलाइन के माध्यम से आउटलेट तैयार होने थे। लेकिन कई स्थानों पर पाइपलाइन को अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे पानी का प्रवाह बाधित हो गया। रखरखाव की कमी और अधूरे कार्य विभागीय लापरवाही को उजागर करते हैं। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा है। आज हालात यह हैं कि नकदी फसलें पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। पानी के अभाव में अदरक और अरबी जैसी फसलें उगाना असंभव हो गया है। कई खेत बंजर पड़े हैं और किसान मजबूरी में केवल बारिश पर निर्भर खेती कर रहे हैं। बारिश समय पर न हो तो फसल पूरी तरह चौपट हो जाती है। इससे किसानों की आय में भारी गिरावट आई है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है। किसान सुरजीत सिंह, राजेंद्र कुमार, रमेश कुमार, कुलदीप सिंह, वंदना, कर्ण सिंह और दीपक का कहना है कि उन्होंने कई बार जल शक्ति विभाग से योजना को दुरुस्त करने की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। नियमित सिंचाई न होने से खेती घाटे का सौदा बन चुकी है और कई परिवार खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

इनसेट
जिले भर के भी यही हाल
यह समस्या केवल अमरोआ गांव तक सीमित नहीं है। जिले में करीब 65 हजार किसान परिवार खेती पर निर्भर हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत किसानों को ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। शेष किसान पूरी तरह बारिश पर निर्भर खेती कर रहे हैं। जिले में ऐसी कई सिंचाई योजनाएं हैं, जिन्हें शुरू तो किया गया, लेकिन बाद में निगरानी और रखरखाव के अभाव में वे निष्क्रिय हो गईं। इसका सीधा असर जिले की कृषि उत्पादकता और किसानों की आय पर पड़ रहा है।
कोट
किसानों की समस्या उनके संज्ञान में है और शीघ्र ही समाधान किया जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि जब तक योजना को पूरी तरह बहाल कर खेतों तक पानी नहीं पहुंचाया जाता, तब तक ऐसे दावों पर भरोसा करना मुश्किल है।
सतीश कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता, जल शक्ति विभाग झंडूता के

संवाद

अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना की टूटी पाइप। संवाद

अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना की टूटी पाइप। संवाद

अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना की टूटी पाइप। संवाद

अमरोआ उठाऊ सिंचाई योजना की टूटी पाइप। संवाद

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed