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Himachal News: हिमाचल के 82 फार्मा उद्योगों में दवा उत्पादन ठप, रिवाइज शेड्यूल एम वजह; जानें क्या है ये

ओमपाल सिंह, बद्दी (सोलन)। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 31 Dec 2025 12:29 PM IST
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सार

हिमाचल प्रदेश में प्रदेश में 82 दवा उद्योगों में उत्पादन ठप हो गया है। करीब 10 हजार युवाओं की नौकरी खतरे में पड़ गई है। वजह है रिवाइज्ड शेड्यूल एम। सबकुछ जानें विस्तार से...

Drug production halted in 82 pharmaceutical industries in Himachal due to revised Schedule M regulations
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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केंद्रीय औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से जारी रिवाइज्ड शेड्यूल एम (संशोधित अनुसूचित एम) के लागू होने से पहले ही प्रदेश में 82 दवा उद्योगों में उत्पादन ठप हो गया है। इसके चलते करीब 10 हजार युवाओं की नौकरी खतरे में पड़ गई है। रिवाइज्ड शेड्यूल एम एक जनवरी 2026 से लागू होना है। 

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प्रदेश में पहले ही नियम के तहत निरीक्षण शुरू हो गए हैं। दवा कंपनियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में निरीक्षण केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी नहीं, बल्कि राज्य ड्रग विभाग की ओर से किया जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है। रिवाइज्ड शेड्यूल एम को एक जनवरी से लागू किया जाना है, लेकिन निरीक्षण कार्यवाही नवंबर में शुरू कर दी गई थी। इस कारण, अब तक 82 से अधिक उद्योगों में काम बंद हो चुका है। अगर यह नियम पूरी तरह से लागू हो जाता है तो 250 से अधिक उद्योग बंद हो सकते हैं। 

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उद्योगपतियों का आरोप है कि सीडीएसओ ने ऐसे नियम लागू किए हैं जिन्हें छोटे दवा उद्योग पूरा नहीं कर सकते। उद्योगपतियों ने केंद्र सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उधर, फैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में 632 दवा उद्योग हैं, जिनमें से 225 उद्योगों का रिस्क बेस इंस्पेक्शन हो चुका है। इनमें से कुछ उद्योगों को औपचारिकताएं पूरी न कर पाने के कारण काम बंद करने का नोटिस दिया गया है। पहले तीन साल में एक बार इंस्पेक्शन होता था, लेकिन अब इसे बार-बार किया जा रहा है।

केस स्टडी 
बीबीएन की सबसे पुरानी फार्मा कंपनी भानू हेल्थ केयर में रिस्क बेस इंस्पेक्शन के बाद उत्पादन पर रोक लगा दी है।

कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित मिडाक्स लाइफ साइंस कंपनी में रिस्क बेस इंस्पेक्शन के बाद उत्पादन बंद है। यहां काम करने वाले परेशान हैं।

बद्दी की पोलो कंपनी को रिस्क बेस इंस्पेक्शन के बाद औपचारिकताएं पूरी करने का नोटिस जारी कर दिया है। इसे या तो जमीन को बढ़ाना होगा या उत्पादन बंद करना होगा।

रिवाइज्ड शेड्यूल एम क्या है
संशोधित अनुसूचित एम के तहत दवा उद्योगों को अपने सेटअप को मानक के अनुसार अपडेट करना होगा। प्रत्येक प्लांट में माइक्रो लैब की जरूरत होगी, जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च होंगे। प्रत्येक सेक्शन में 500 मीटर की ही उत्पादन क्षमता होगी और हर प्लांट के पास कम से कम 300 मीटर जमीन होनी चाहिए। एयर होल्डिंग सिस्टम, वाटर सिस्टम व जीएमपी मार्क वाली नई मशीनरी का उपयोग अनिवार्य किया गया है। 

रिवाइज्ड शेड्यूल एम 1 जनवरी से लागू होना है। जो उद्योग बंद हो गए हैं, उनके बंद होने के और भी कारण हो सकते हैं। निरीक्षण के दौरान कुछ उद्योगों ने अपनी मर्जी से भी उत्पादन बंद कर दिया है। -डॉ. मनीष कपूर, राज्य दवा नियंत्रक
 
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