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फ्लैशबैक: पहले आपदा...फिर सूखे से जूझता रहा हिमाचल, आर्थिक तंगहाली ने जकड़े रखा

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 31 Dec 2025 01:19 PM IST
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सार

बुधवार 31 दिसंबर वर्ष 2025 का अंतिम दिन है। ये वर्ष हिमाचल प्रदेश के लिए कैसा रहा और क्या-क्या यहां के लोगों ने झेला। क्या अच्छा रहा और क्या बुरा... जानें सबकुछ विस्तार से...

Flashback Himachal first grappled with a disaster then a drought and remained gripped by economic hardship
डिजाइन फोटो। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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वर्ष 2025 में हिमाचल भारी आपदा, सूखे, अग्निकांड, आर्थिक परेशानी जैसी चुनौतियों से जूझता रहा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के समक्ष तीसरे साल कई चुनौतियां रहीं। वहीं, यह साल नशे के खिलाफ कड़े फैसलों के लिए भी जाना जाएगा। मौसम साल के शुरू से ही चुनौती बना रहा। जनवरी में बर्फ भी रुठी रही। वर्ष 2023 में बाढ़, भूस्खलन और तबाही के रूप में प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल में बड़ा नुकसान किया।

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अभी हिमाचल संभला भी नहीं था कि 2025 में फिर बरसात आफत बनकर बरसी। इसमें जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ। इस आपदा में करीब 455 लोगों ने जान गंवाई। पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया। जनवरी में सूखे जैसी स्थिति रही।  उसके बाद अक्तूबर से लेकर दिसंबर अंत तक भी प्रदेश बारिश के लिए तरस रहा है। इससे यहां की कृषि-बागवानी दोनों को ही बड़ा नुकसान हुआ है। शिमला, कुल्लू जैसे जिलों में भीषण अग्निकांड हुए। लोग बेघर हो गए।

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हिमाचल बना पूर्ण साक्षर राज्य
हिमाचल ने 99.3% साक्षरता दर हासिल की और पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त किया। साक्षरता दर बढ़ने पर यह सर्वेक्षण केंद्र ने किया।

पहली बार 8 दिन का शीत सत्र 
हिमाचल के इतिहास में पहली बार धर्मशाला में आठ दिन का शीत सत्र हुआ। लंबे समय बाद विधानसभा में प्रस्तावित बैठकें पूरी हुईं।

मंत्री रहे किशन कपूर का देहांत 
हिमाचल प्रदेश सरकार में तीन बार मंत्री रहे किशन कपूर का भी इस वर्ष 
देहांत हुआ। किशन कपूर कांगड़ा से थे।

नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष पद से मुक्त
राजनीतिक घटनाक्रम की बात करें तो हिमाचल मूल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा इस बड़ी जिम्मेवारी से मुक्त हुए। कांग्रेस को एक साल के इंतजार के बाद बहुप्रतीक्षित अध्यक्ष विनय कुमार के रूप में मिला।

शिमला से संस्थानों के मुख्यालय बदले
शिमला से कई संस्थानों को अन्य जिलों के लिए बदला गया। एचपीटीडीसी को धर्मशाला बदला गया। रेरा, वन्य प्राणी विंग, पुलिस का एपीटी विभाग, सूचना आयोग जैसे संस्थान कांगड़ा जिला बदलने के निर्णय हुए।

12,114.00 करोड़ पहुंच गया राजकोषीय घाटा 
सरकार आर्थिक परेशानी से भी लगातार दो-चार होती रही। इस साल राज्य पर कर्ज एक लाख करोड़ की सीमा को पार कर गया। कर्ज और इसके ब्याज को चुकाने का सालाना खर्च भी 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू गया। राजकोषीय घाटा 12,114.00 करोड़ तक पहुंच गया, जो जीडीपी का 4.74 प्रतिशत है। राजस्व घाटा 7434.92 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू रहा है।

खेलों में बेटियों ने छोड़ी छाप
महिलाओं का कबड्डी विश्वकप भारत ने जीता। साक्षी, चंपा, पुष्पा राणा, भावना और रितु नेगी विश्वकप विजेता टीम की सदस्य रहीं। इसके अलावा टी-20 महिला विश्वकप में टीम इंडिया विजेता बनी। इस टीम में हिमाचल की रेणुका ठाकुर भी हिस्सा रहीं।

स्पीति घाटी में स्थित त्साराप चू संरक्षण रिजर्व अधिसूचित
स्पीति घाटी में स्थित त्साराप चू संरक्षण रिजर्व 1,585 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला भारत का सबसे बड़ा संरक्षण रिजर्व मई 2025 में अधिसूचित किया गया। यह हिम तेंदुओं, अन्य वन्यजीवों के संरक्षण, जैव विविधता की रक्षा और किब्बर और चंद्रताल वन्यजीव अभयारण्यों के बीच एक वन्यजीव गलियारे के रूप में कार्य कर रहा है।
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