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Himachal News: सरकारी रिपोर्ट में लोग कर गए पलायन... असल में फल-फूल रहा शिमला का मुंडाघाट गांव

राकेश शर्मा, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 31 Dec 2025 03:58 PM IST
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सार

हिमाचल प्रदेश मानव विकास की संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से तैयार रिपोर्ट को मुंडाघाट गांव के लोगों ने खारिज कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर...
 

Himachal News Government report claims people have migrated but Shimla Mundaghat village is actually thriving
गांव में सेब का बगीचा और पानी की सप्लाई के लिए बना टैंक। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश मानव विकास रिपोर्ट-2025 में शिमला जिले के मुंडाघाट क्षेत्र से पेयजल की कमी से लोगों के पलायन का जो दावा किया गया है, वह वास्तविकता से मेल नहीं खाता। जलवायु परिवर्तन को आधार बनाकर तैयार की गई सरकारी रिपोर्ट में बताया गया कि पेयजल की कमी के कारण वहां के लोगों ने पलायन किया, जबकि असल में यह गांव फल-फूल रहा है।

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अमर उजाला ने रिपोर्ट के दावे का सच जानने के लिए शिलोनबाग पंचायत के मुंडाघाट गांव का दौरा किया तो हिमाचल प्रदेश मानव विकास की संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से तैयार रिपोर्ट का वहां के हालात से दूर तक का नाता नहीं दिखा।   मुंडाघाट के लोगों का कहना था कि यहां से कोई पलायन नहीं हुआ और न यहां पर पानी की कोई किल्लत रहती है। स्थानीय लोगों ने हिमाचल प्रदेश सरकार की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। यूएनडीपी इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. एंजला लूसीगी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह रिपोर्ट 27 अक्तूबर को शिमला में जारी की थी।

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असल में विश्वविख्यात पर्यटन स्थल कुफरी से आगे और पर्यटन स्थल चायल से पीछे बसा मुंडाघाट गांव हर लिहाज से समृद्ध है। गांव से होकर ही नहीं, बल्कि सड़क से नीचे तक बने घरों के लिए भी संपर्क मार्गों की सुविधा है। गांव में खेतीबाड़ी होती है, लोगों के सेब के बगीचे हैं। लोगों ने दुधारू पशु रखे हैं। गांव के लिए जलशक्ति विभाग ने पेयजल सप्लाई के लिए स्टोरेज टैंक तक बनाए हैं, जहां से हर दूसरे-तीसरे दिन लोगों के घर-घर पानी की सप्लाई होती है। सिंचाई सुविधा का भी लोगों ने आसपास की खड्डों से बंदोबस्त कर रखा है।

रिपोर्ट में बताया कि मुंडाघाट क्षेत्र में झरने सूखने से पिछले एक दशक में गांव की आबादी आधी हो गई है। पानी की कमी की वजह से परिवारों को यहां से पलायन करना पड़ा। अमर उजाला ने स्थानीय लोगों से जब इस रिपोर्ट का जिक्र किया तो लोग इसे जानकर हैरान थे। बुजुर्गों से लेकर युवाओं और महिलाओं तक से बात की तो किसी ने भी इस रिपोर्ट को सत्य नहीं बताया।

शिलोनबाग पंचायत का मुंडाघाट गांव खुशहाल है। यहां से आजतक ऐसी कोई नौबत नहीं आई कि लोगों को किसी भी समस्या के कारण पलायन करना पड़ा हो। लोगों की अपनी जमीनें हैं, मकान हैं। सरकार की रिपोर्ट सरासर गलत है।- तनु ठाकुर, पंचायत प्रधान, शिलोनबाग 

विभाग से करेंगे बात
रिपोर्ट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। इसे तैयार करने में कई विभागों का योगदान है। सच्चाई को लेकर संबंधित विभाग से भी बात करेंगे। - डाॅ. सुरेश अत्री, प्रिंसिपल साइंटिस्ट, पर्यावरण विज्ञान, प्राैद्योगिकी विभाग

2645 पंचायत की कुल जनसंख्या, मुंडाघाट में रहते हैं 372 लोग
पंचायत प्रधान ने बताया कि पंचायत की कुल आबादी 2,645 है, जिसमें से 372 लोग मुंडाघाट में रहते हैं। डुमहर, नंबरेली और बिंचड़ क्षेत्र को मिलाकर मुंडाघाट क्षेत्र बनता है। यहां पानी की कोई दिक्कत नहीं है।
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