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Hamirpur (Himachal) News: आधुनिक रोशनी के बीच मिट्टी के दीयों से जगमग होगी दिवाली
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Mon, 20 Oct 2025 12:27 AM IST
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दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद
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हमीरपुर। आधुनिक रोशनी के बीच मिट्टी के दीयों की सादगी और परंपरा लौट रही है। ये दीये न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी जीवित रखते हैं।
दिवाली पर्व के लिए हमीरपुर बाजार में लोग मिट्टी के दीयों की खरीदारी को लेकर अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बाजार में दीपक 30 रुपये दर्जन से लेकर 100 रुपये तक बिक रहे हैं। समय के साथ दीयों के मूल्यों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। पहले लोग घर-घर जाकर दीपक बेचते थे, उस समय एक रुपये प्रति दीपक मिलता था। अब 2.5 रुपये का एक दीपक मिल रहा है।
वर्तमान में दीये बनाने के लिए मिट्टी काफी मुश्किल से मिल रही है। बावजूद इसके दीये बनाए जा रहे हैं और बाजार में खूब बिक रहे हैं। रेतली और चिकनी मिट्टी के मिश्रण से दोमट मिट्टी से दीये बनाए जाते हैं। दीये विक्रेताओं के मुताबिक पिछले दो से तीन साल में दीयों की काफी मांग बढ़ी है।
कई परिवार खुद हाथों से अभी दीये बना रहे हैं, जबकि कुछ फैक्ट्री से दीयों को लाकर दिवाली पर बेच रहे हैं। जोलसप्पड़ की पलक और रंगस की सवर्णा देवी की मानें तो दीयों को बनाने का कार्य एक माह पूर्व ही शुरू कर दिया जाता है।
कोट
पिछले कुछ वर्षों में दीयों की मांग बढ़ी है। तीस किलोमीटर दूर नादौन से मिट्टी लाकर दीये बनाए हैं। अब तक 60 दर्जन से अधिक दीये बिक चुके हैं। -धर्मचंद, बजूरी
30 से लेकर 70 रुपये प्रतिदर्जन तक दीये बिक रहे हैं। दीये को पंजाब की फैक्ट्री से मंगवाया है। फैक्ट्री में डिजाइन वाले दीये बनाए गए हैं। इनकी काफी मांग है। -अशोक कुमार, हमीरपुर
अभी तक 50 दर्जन मिट्टी के दीये बिक चुके हैं। लोग काफी मात्रा में मिट्टी के दीये खरीद रहे हैं। आशा है कि सोमवार शाम तक बिक्री और बढ़ेगी। -शिवम, हमीरपुर
दीये बनाने के कार्य में 60 साल से जुड़ा हूं। दस साल की उम्र में मिट्टी के दीये बनाना शुरू कर दिया था। पिछले कुछ सालों से दीयों के काम में तेजी आई है। दिवाली पर लोग काफी मात्रा में दीये खरीदते हैं। -ब्रह्मदास, बजूरी

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दिवाली पर्व के लिए हमीरपुर बाजार में लोग मिट्टी के दीयों की खरीदारी को लेकर अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बाजार में दीपक 30 रुपये दर्जन से लेकर 100 रुपये तक बिक रहे हैं। समय के साथ दीयों के मूल्यों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। पहले लोग घर-घर जाकर दीपक बेचते थे, उस समय एक रुपये प्रति दीपक मिलता था। अब 2.5 रुपये का एक दीपक मिल रहा है।
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वर्तमान में दीये बनाने के लिए मिट्टी काफी मुश्किल से मिल रही है। बावजूद इसके दीये बनाए जा रहे हैं और बाजार में खूब बिक रहे हैं। रेतली और चिकनी मिट्टी के मिश्रण से दोमट मिट्टी से दीये बनाए जाते हैं। दीये विक्रेताओं के मुताबिक पिछले दो से तीन साल में दीयों की काफी मांग बढ़ी है।
कई परिवार खुद हाथों से अभी दीये बना रहे हैं, जबकि कुछ फैक्ट्री से दीयों को लाकर दिवाली पर बेच रहे हैं। जोलसप्पड़ की पलक और रंगस की सवर्णा देवी की मानें तो दीयों को बनाने का कार्य एक माह पूर्व ही शुरू कर दिया जाता है।
कोट
पिछले कुछ वर्षों में दीयों की मांग बढ़ी है। तीस किलोमीटर दूर नादौन से मिट्टी लाकर दीये बनाए हैं। अब तक 60 दर्जन से अधिक दीये बिक चुके हैं। -धर्मचंद, बजूरी
30 से लेकर 70 रुपये प्रतिदर्जन तक दीये बिक रहे हैं। दीये को पंजाब की फैक्ट्री से मंगवाया है। फैक्ट्री में डिजाइन वाले दीये बनाए गए हैं। इनकी काफी मांग है। -अशोक कुमार, हमीरपुर
अभी तक 50 दर्जन मिट्टी के दीये बिक चुके हैं। लोग काफी मात्रा में मिट्टी के दीये खरीद रहे हैं। आशा है कि सोमवार शाम तक बिक्री और बढ़ेगी। -शिवम, हमीरपुर
दीये बनाने के कार्य में 60 साल से जुड़ा हूं। दस साल की उम्र में मिट्टी के दीये बनाना शुरू कर दिया था। पिछले कुछ सालों से दीयों के काम में तेजी आई है। दिवाली पर लोग काफी मात्रा में दीये खरीदते हैं। -ब्रह्मदास, बजूरी
दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद
दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद
दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद
दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद
दिवाली के लिए मिट्टी के दीयों की खरीददारी करते लोग। संवाद