हिमाचल प्रदेश: चिट्टे के आदी युवक ने मां को पीटा, नशे के लिए तुड़वाई एफडी; SDM ने सुनाई एक मां की आपबीती
ठियोग के एसडीएम डॉ. शशांक गुप्ता ने मतियाणा स्कूल में एक मां की आपबीती सुनाई। एसडीएम ने कहा कि एक बार एक मां उनके कार्यालय आई। उन्होंने कहा कि बेटे ने उनके साथ मारपीट की और एक एफडी तुड़वा दी। एफडी तुड़वाकर उस राशि से चिट्टा खरीदकर नशा किया। पढ़ें पूरी कहानी...
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चिट्टे के आदी एक युवक ने अपनी मां की पिटाई कर दी और नशा खरीदने के लिए एफडी भी तुड़वा दी। एक मां की यह आपबीती ठियोग के एसडीएम डॉ. शशांक गुप्ता ने मतियाणा स्कूल में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिविर में सुनाई।
एसडीएम ने कहा कि नशा आज घर-घर की दहलीज पर पहुंच चुका है। एक बार एक मां उनके कार्यालय आई। उन्होंने कहा कि बेटे ने उनके साथ मारपीट की और एक एफडी तुड़वा दी। एफडी तुड़वाकर उस राशि से चिट्टा खरीदकर नशा किया। लंबे समय से वह अपने बेटे के कारण परेशान है और उसे एक अच्छे नशा मुक्ति केंद्र में भेजना चाहती है।
मां ने कहा कि बेटा बुढ़ापे में सहारा बनना था, वह नशे का आदी हो गया है। मां ने एसडीएम से बेटे को नशामुक्ति केंद्र पहुंचाने की मांग की। कहा कि बेटे को नहीं खोना चाहती, उसे सुधारा जाए। इसके बाद एसडीएम डॉ. शशांक गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों से बात कर बेटे को समझाया। साथ ही पुलिस को इस पर नजर रखने के भी निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने कहा कि युवा बीड़ी, सिगरेट व शराब से ही नशे की शुरुआत करते हैं, लेकिन फिर वे सिंथेटिक ड्रग के आदी हो जाते हैं। डीएसपी ने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति को सही तरीके से अस्पताल में अपना उपचार करवाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग के मामले हर साल बढ़ने लगे हैं। राज्य सरकार ने चिट्टा मुक्त हिमाचल संकल्प के साथ एंटी चिट्टा जागरूकता अभियान चलाया है। प्रदेश के कोने-कोने में वाॅकथॉन का आयोजन किया जा रहा है। नशा तस्करों के खिलाफ सूचना देने वालों को इनाम भी देने की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने शुरू की है।
डीएसपी सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि ठियोग क्षेत्र में तीन साल में 1.700 किलोग्राम चिट्टा जब्त किया गया है। इसकी एक डोज 5 से 10 हजार रुपये में मिलती है। आज हर तीसरा युवा नशे का सेवन कर चुका है। उन्होंने कहा कि वह अभी तक नशे के आदी करीब दो हजार युवाओं से मिले हैं और 90 फीसदी से अधिक युवाओं ने कहा कि उन्होंने पहली डोज दोस्त (पेयर ग्रुप) के कहने पर ही ली थी। इसके बाद नशे की लत लग गई।