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Himachal News: पिता को खोया; नंगे पांव दौड़ीं, अब बनाया रिकॉर्ड, चंबा की बेटी ने कभी नहीं मानी हार

संवाद न्यूज एजेंसी, चंबा। Published by: अंकेश डोगरा Updated Mon, 22 Dec 2025 12:26 PM IST
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सार

चंबा की पहाड़ियों में पली-बढ़ी स्वर्ण पदक विजेता सीमा कई लोगों के लिए प्रेरणा बनी हैं। अभ्यास के लिए न आधुनिक ट्रैक था, न सुविधाएं। लेकिन सीना के सपनों की दौड़ कभी नहीं थमी। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Chamba Seema lost her father she ran barefoot and now she has set a record
सीमा। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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कोलकाता में आयोजित विश्व स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली सीमा युवाओं के लिए उदाहरण बनीं हैं। चंबा की पहाड़ियों में पली-बढ़ी सीमा का जीवन बचपन से ही संघर्षों से भरा रहा। 12 वर्ष की उम्र में पिता का साया उठ गया। परिवार की जिम्मेदारियां कंधों पर आ गईं, लेकिन सपनों की दौड़ कभी नहीं थमी।

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पढ़ाई के साथ पशु चराने की जिम्मेदारी निभाते हुए सीमा गांव की पगडंडियों पर नंगे पांव दौड़ती रहीं। अभ्यास के लिए न आधुनिक ट्रैक था, न सुविधाएं। सीमित संसाधनों के बीच उसने खुद को मजबूत बनाया। कठिन हालातों ने उसके हौसले को नहीं तोड़ा, बल्कि हर दिन उसे और मजबूत किया। मां का साथ और उनका विश्वास सीमा की सबसे बड़ी ताकत बना। आर्थिक तंगी के बावजूद मां ने बेटी के सपनों को जिंदा रखा।

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साल 2025 में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में रजत पदक जीतकर उसने अपने इरादों का परिचय दिया। कोलकाता में 25 किलोमीटर दौड़ में 1:26:04 समय के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाना उसके संघर्षों की सबसे बड़ी जीत है। यह सिर्फ एक रेस नहीं थी, बल्कि वर्षों की मेहनत, त्याग और आत्मविश्वास का परिणाम था।

मां ने दिया साथ : धाविका सीमा बचपन से ही संघर्ष करती रहीं। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी। उसने खुद को राष्ट्रीय स्तर की भरोसेमंद धाविका के रूप में स्थापित किया। उसके हार पड़ाव में मां ने उसका पूरा साथ दिया।

कोलकाता में ऐसे की जीत हासिल : कोलकाता में 25 किलोमीटर की दौड़ की शुरूआत से ही सीमा ने संतुलित लय बनाए रखी। वह जरूरत से ज्यादा तेज शुरूआत करने से बचीं। रोड सर्किट पर उनका अनुभव साफ नजर आया। किलोमीटर दर किलोमीटर वह बढ़त बनाती गईं। अंत में उन्होंने जीत हासिल की।

25 किलोमीटर दाैड़ में सावन बरवाल ने जीता कांस्य पदक
जोगिंद्रनगर उपमंडल के चौंतड़ा ब्लाक के रड़ा भंखेड़ निवासी धावक सावन बरवाल ने कोलकाता में आयोजित टाटा स्टील विश्व स्तरीय 25 किलोमीटर दौड़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। सावन ने यह दौड़ 1 घंटा 14 मिनट 25 सेकेंड में पूरी कर देश का नाम रोशन किया।



इस उपलब्धि के साथ ही सावन बरवाल का चयन विश्व एथलेटिक्स क्रास कंट्री चैंपियनशिप के लिए हो चुका है। यह प्रतियोगिता 10 जनवरी को अमेरिका के तालेहासे में आयोजित होगी। यहां सावन भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये इसके लिए 4 जनवरी को अमेरिका रवाना होंगे।
सावन बरवाल, पिता कुलदीप बरवाल और माता सोभद्रा देवी के बेटे हैं। उनकी प्रतिभा को सबसे पहले एथलेटिक्स कोच गोपाल बरवाल ने पाईका खेलों के दौरान पहचाना और उन्हें अपना शिष्य बनाया।

कोच गोपाल बरवाल के मार्गदर्शन में सावन ने करीब सात वर्षों तक कड़ी मेहनत और अनुशासित प्रशिक्षण से अपनी क्षमता को निखारा। कोच गोपाल बरवाल ने बताया कि सावन का लक्ष्य विश्व स्तर पर पदक जीतकर देश और हिमाचल प्रदेश का नाम और ऊंचा करना है। सावन बरवाल की इस सफलता से क्षेत्र के युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह और प्रेरणा बढ़ी है।

सावन की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें परिवार सहित 26 जनवरी 2026 को गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आमंत्रित किया है, जो जिले और प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
 
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