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HP Cabinet Decision : हिमाचल में नदी-नालों के किनारे नहीं होगा निर्माण, गांव में नक्शे के तहत बनेंगे भवन

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Tue, 16 Sep 2025 05:00 AM IST
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सार

HP Cabinet Decision : HP Cabinet Decision : राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मॉडल उप नियमों को मंजूरी दी है। ऐसे में अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में नदी-नालों के किनारे निर्माण कार्य नहीं होंगे। पढ़ें विस्तार से...

Hp cabinet meeting decision no construction on the banks of rivers and streams in Himachal
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब नदी-नालों के किनारे निर्माण कार्य नहीं होंगे। गांव में भी नियमों के तहत नक्शों की मंजूरी के बाद भवनों का निर्माण किया जा सकेगा। राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मॉडल उप नियमों को मंजूरी दी है। इसके तहत पंचायतों में तकनीकी सहायक नक्शे की जांच-पड़ताल करेंगे या फिर इसके लिए किसी जांच एजेंसी भी हायर किया जाएगा। इसके बाद भवनों के नक्शों को स्वीकृति के लिए ग्रामसभा में लाया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने यह निर्णय हाल के मानसून सीजन के दौरान हुई भारी तबाही को ध्यान में रखते हुए लिया है। अमर उजाला के ‘कराहते पहाड़’ अभियान के बीच राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है।

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मॉडल उप नियम के तहत 500 वर्ग मीटर तक के एरिया के भवनों के नक्शे सिंगल लाइन (कागज पर भवन का स्केच) में स्वीकृत होंगे, जबकि 1,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाले प्लॉट के नक्शे डबल लाइन पर स्वीकृत किए जाएंगे। डबल लाइन में यह दिखाना होगा कि कहां किचन होगा और कहां कमरे बनाए जाएंगे। वर्ष 2023 और इस साल के मानसून सीजन में आपदा से राज्य में बड़े पैमाने पर जान-मान का नुकसान किया है। 2024 में भी बरसात ने कई भवनों को क्षतिग्रस्त किया। यह क्षति मुख्य रूप से नदियों-नालों में आई बाढ़ के कारण हुए भूमि कटाव और भूस्खलन से हुई है।

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भूस्खलन या इमारतों के ढहने की घटनाओं को कम करने के लिए यह जरूरी है कि जिस क्षेत्र में इमारतों का निर्माण किया जाता है, उस क्षेत्र की उचित जल निकासी के साथ-साथ इमारत की मजबूत नींव और संरचना को सुनिश्चित किया जाए। यह तभी संभव है, जब नियमों के तहत निर्माण हो। प्राकृतिक आपदा हिमाचल प्रदेश के शहरी की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा तबाही मचा रही है। लोगों के भवन गिर रहे हैं। नदी-नालों में भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इस बार प्राकृतिक आपदा में 579 पक्के और 89 कच्चे मकान गिरे हैं। यह उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण के लिए ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग की मंजूरी पहले से ही अनिवार्य की गई है।

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण के लिए मॉडल उप नियम तैयार किए गए हैं, इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के हितों का ध्यान रखा गया है। कैबिनेट की बैठक में एजेंडे को लाया गया।

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