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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर एक सप्ताह में सहमति बनाएं ग्रामीण : एसडीएम
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Sat, 20 Dec 2025 07:56 AM IST
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कांगड़ा। ग्राम पंचायत हलेड़कला में प्रस्तावित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर उपजे विवाद के बीच प्रशासन ने अब गेंद ग्रामीणों के पाले में डाल दी है। एसडीएम कांगड़ा ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ मौके का मुआयना किया। साथ ही स्पष्ट किया कि ग्रामीण आपसी तालमेल से एक सप्ताह के भीतर अपनी सहमति बनाएं, ताकि जनहित से जुड़ी इस परियोजना पर अंतिम निर्णय लिया जा सके।
एसडीएम के दौरे के दौरान ग्रामीणों के दो अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। एक तरफ वे ग्रामीण थे जो प्लांट के निर्माण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि प्लांट के लिए चयनित स्थान आबादी के करीब है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इन ग्रामीणों ने प्लांट को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की मांग उठाई है।
दूसरी ओर ग्रामीणों का एक वर्ग ऐसा भी है जो क्षेत्र में सीवरेज सुविधा की कमी को देखते हुए जल्द काम शुरू करने के पक्ष में है। एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि वर्तमान में सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए अत्यंत आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे प्रदूषण या पानी दूषित होने का खतरा न के बराबर रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।
एसडीएम, कांगड़ा इशांत जसवाल ने कहा कि हमने सीवरेज विभाग के अधिकारियों के साथ स्पॉट विजिट कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया है। ग्रामीणों को आपसी सहमति बनाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। लोगों के हितों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए ही प्रशासन कोई अंतिम फैसला लेगा।
सीवरेज सुविधा के लिए उमड़े 400 परिवारों के प्रतिनिधि
कांगड़ा। एक तरफ जहां हलेड़कला में प्लांट की जगह को लेकर विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर टीका सेवकरां, सेवकरां कॉलोनी, तालपुरा और नटेहड़ के ग्रामीणों ने सीवरेज सुविधा की मांग उठाई है। शुक्रवार को इन पंचायतों के प्रतिनिधियों ने एसडीएम इशांत जसवाल को ज्ञापन सौंपकर अपने घरों को सीवरेज लाइन से जोड़ने की गुहार लगाई। ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र में लगभग 400 घर हैं, लेकिन सीवरेज सुविधा न होने के कारण घरों का गंदा पानी सीधे सिंचाई की कूहलों में जा रहा है, जिससे खेती और पर्यावरण दूषित हो रहा है। ज्ञापन देने पहुंचे अश्वनी स्याल, अजय बाहडी और अन्य ग्रामीणों ने मांग की कि उन्हें घुरकड़ी, वीरता और हलेड़कलां की मुख्य लाइन से जोड़ा जाए। एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस समस्या का उचित समाधान निकाला जाएगा।
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एसडीएम के दौरे के दौरान ग्रामीणों के दो अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। एक तरफ वे ग्रामीण थे जो प्लांट के निर्माण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि प्लांट के लिए चयनित स्थान आबादी के करीब है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इन ग्रामीणों ने प्लांट को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की मांग उठाई है।
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दूसरी ओर ग्रामीणों का एक वर्ग ऐसा भी है जो क्षेत्र में सीवरेज सुविधा की कमी को देखते हुए जल्द काम शुरू करने के पक्ष में है। एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि वर्तमान में सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए अत्यंत आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे प्रदूषण या पानी दूषित होने का खतरा न के बराबर रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।
एसडीएम, कांगड़ा इशांत जसवाल ने कहा कि हमने सीवरेज विभाग के अधिकारियों के साथ स्पॉट विजिट कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया है। ग्रामीणों को आपसी सहमति बनाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। लोगों के हितों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए ही प्रशासन कोई अंतिम फैसला लेगा।
सीवरेज सुविधा के लिए उमड़े 400 परिवारों के प्रतिनिधि
कांगड़ा। एक तरफ जहां हलेड़कला में प्लांट की जगह को लेकर विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर टीका सेवकरां, सेवकरां कॉलोनी, तालपुरा और नटेहड़ के ग्रामीणों ने सीवरेज सुविधा की मांग उठाई है। शुक्रवार को इन पंचायतों के प्रतिनिधियों ने एसडीएम इशांत जसवाल को ज्ञापन सौंपकर अपने घरों को सीवरेज लाइन से जोड़ने की गुहार लगाई। ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र में लगभग 400 घर हैं, लेकिन सीवरेज सुविधा न होने के कारण घरों का गंदा पानी सीधे सिंचाई की कूहलों में जा रहा है, जिससे खेती और पर्यावरण दूषित हो रहा है। ज्ञापन देने पहुंचे अश्वनी स्याल, अजय बाहडी और अन्य ग्रामीणों ने मांग की कि उन्हें घुरकड़ी, वीरता और हलेड़कलां की मुख्य लाइन से जोड़ा जाए। एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस समस्या का उचित समाधान निकाला जाएगा।