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Kullu News: दिल्ली में डॉ. श्रुति मोरे राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Thu, 04 Dec 2025 10:39 PM IST
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अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दिल्ली में साम्फिया संस्था की संस्थापक डॉ. मोरे भारद्वाज को भ
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दिव्यांगता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर मिला है सम्मान
दिव्यांगजनों को समावेशी वातावरण देने के लिए कर रही कार्य
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। देश की राजधानी दिल्ली में दिव्यांगता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। इनमें जिले की डॉ. श्रुति मोरे भारद्वाज भी शामिल रहीं। इन्हें राष्ट्रपति ने सम्मान दिया।
यह सम्मान विश्व दिव्यांगता दिवस पर दिया गया। डॉ. श्रुति पिछले 12 सालों से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्हें दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर श्रेणी में चयनित किया गया था। यह पुरस्कार हिमाचल के दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चों की विकासात्मक विकलांगताओं के लिए उनके 12 सालों से अधिक समय से किए जा रहे परिवर्तनकारी कार्य की मान्यता है। श्रुति भारद्वाज ने कहा कि दिव्यांगता के विभिन्न प्रकारों को लेकर वे कार्य कर रही हैं। आश बाल विकास केंद्र, जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र, थेरेपी ऑन व्हील्स जैसे विभिन्न कार्यक्रम उनकी ओर से करवाए जा रहे हैं। विशेष बच्चे जो अपने रोजमर्रा के कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, उनकी थेरेपी संस्था करवा रही है। उन्होंने कहा कि साल 2012 से उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी और अब जिला कुल्लू में दिव्यांगता के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। कुल्लू में पहले इस तरह की सुविधाएं नहीं थीं। अब संस्था के माध्यम से बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो थेरेपी लेकर अपने सामान्य जीवन जी रहे हैं।
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दिव्यांगजनों को समावेशी वातावरण देने के लिए कर रही कार्य
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। देश की राजधानी दिल्ली में दिव्यांगता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। इनमें जिले की डॉ. श्रुति मोरे भारद्वाज भी शामिल रहीं। इन्हें राष्ट्रपति ने सम्मान दिया।
यह सम्मान विश्व दिव्यांगता दिवस पर दिया गया। डॉ. श्रुति पिछले 12 सालों से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्हें दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर श्रेणी में चयनित किया गया था। यह पुरस्कार हिमाचल के दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चों की विकासात्मक विकलांगताओं के लिए उनके 12 सालों से अधिक समय से किए जा रहे परिवर्तनकारी कार्य की मान्यता है। श्रुति भारद्वाज ने कहा कि दिव्यांगता के विभिन्न प्रकारों को लेकर वे कार्य कर रही हैं। आश बाल विकास केंद्र, जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र, थेरेपी ऑन व्हील्स जैसे विभिन्न कार्यक्रम उनकी ओर से करवाए जा रहे हैं। विशेष बच्चे जो अपने रोजमर्रा के कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, उनकी थेरेपी संस्था करवा रही है। उन्होंने कहा कि साल 2012 से उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी और अब जिला कुल्लू में दिव्यांगता के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। कुल्लू में पहले इस तरह की सुविधाएं नहीं थीं। अब संस्था के माध्यम से बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो थेरेपी लेकर अपने सामान्य जीवन जी रहे हैं।
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