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Kullu News: जैविक उत्पादों के लिए न बाजार की व्यवस्था, न सब्जी मंडी में मिला मंच
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विपणन में पिट रहे हैं जैविक कृषि करने वाले किसान-बागवान
बागवान बोले, सब्जी मंडी में मिले दुकान, तभी बढ़ेगा
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सरकार और प्रशासन जैविक उत्पादों को बढ़ाने के लिए किसानों-बागवानों को प्रोत्साहित करने के दावे तो करते हैं लेकिन जैविक उत्पाद को बेचने के लिए न तो बाजार की व्यवस्था की है और न ही सब्जी मंडियों में इसे बेचने के लिए कोई मंच प्रदान किया है। इससे किसानों-बागवानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
यही कारण है कि जैविक खेती की ओर भी लोगों का रुझान नहीं बढ़ पा रहा है। जैविक खेती से जुडे़ किसानों बागवानों की माने तो हालांकि सरकार और विभाग की ओर से उन्हें जैविक खेती करने के लिए सहायता तो मिल रही है लेकिन उत्पाद को बेचने के लिए न तो उचित बाजार मिल रहा है और न ही सब्जी मंडी में दुकानों की व्यवस्था की गई है। हालांकि सब्जी मंडी में दुकानों के आवंटन को लेकर 2021 नीलामी नीति के तहत 10 फीसदी दुकानों के आरक्षण का प्रावधान है लेकिन 2021 के बाद कोई नई सब्जी मंडी में दुकानों का निर्माण नहीं हुआ है। इसके चलते किसानों बागवानों को सब्जी मंडियों में दुकानें नहीं मिल पाई हैं। लिहाजा, किसानों-बागवानों को जैविक उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
बाक्स,
जैविक उत्पादों को बेचने के लिए बाजार नहीं है इस कारण इससे जुड़े किसानों-बागवानों को फायदा नहीं हो रहा है। प्रशासन, सरकार को इसको लेकर उचित कदम उठाने चाहिए। -हुकम चंद, जैविक कृषक
वे जैविक कृषि और बागवानी तो कर रहे हैं लेकिन इन उत्पादों को बाजार नहीं मिल रहा है। सरकार, प्रशासन और विभाग को इन उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि किसान-बागवान अपने जैविक उत्पादों को अच्छे से बेच सके। -ज्ञान चंद, जैविक कृषक
जैविक खेती के साथ साथ जो डेयरी से जुड़ी हुई छोटी कंपनियां है मिल्कफेड को इनसे भी दूध खरीदना चाहिए। जबकि जैविक खेती से जुडे़ किसानों को भी बाजार उपलब्ध करवाए जाने की जरूरत है।-भोली देवी
अभी तक सब्जी मंडियों में जैविक उत्पादों को बेचने के लिए सब्जी मंडियों में दुकानें नहीं दी गई हैं। लेकिन नई दुकान आवंटन नीति के तहत सब्जी मंडी में 10 फीसदी दुकानें जैविक उत्पादों के लिए आरक्षित हैं। नई दुकानें जिस भी मंडी में बनेंगी, उनमें दस फीसदी दुकानें जैविक उत्पादों के लिए आरक्षित की जाएंगी। -दीक्षित जरियाल, सचिव, एपीएमसी, कुल्लू एवं लाहौल स्पीति
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सरकार और प्रशासन जैविक उत्पादों को बढ़ाने के लिए किसानों-बागवानों को प्रोत्साहित करने के दावे तो करते हैं लेकिन जैविक उत्पाद को बेचने के लिए न तो बाजार की व्यवस्था की है और न ही सब्जी मंडियों में इसे बेचने के लिए कोई मंच प्रदान किया है। इससे किसानों-बागवानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
यही कारण है कि जैविक खेती की ओर भी लोगों का रुझान नहीं बढ़ पा रहा है। जैविक खेती से जुडे़ किसानों बागवानों की माने तो हालांकि सरकार और विभाग की ओर से उन्हें जैविक खेती करने के लिए सहायता तो मिल रही है लेकिन उत्पाद को बेचने के लिए न तो उचित बाजार मिल रहा है और न ही सब्जी मंडी में दुकानों की व्यवस्था की गई है। हालांकि सब्जी मंडी में दुकानों के आवंटन को लेकर 2021 नीलामी नीति के तहत 10 फीसदी दुकानों के आरक्षण का प्रावधान है लेकिन 2021 के बाद कोई नई सब्जी मंडी में दुकानों का निर्माण नहीं हुआ है। इसके चलते किसानों बागवानों को सब्जी मंडियों में दुकानें नहीं मिल पाई हैं। लिहाजा, किसानों-बागवानों को जैविक उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
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जैविक उत्पादों को बेचने के लिए बाजार नहीं है इस कारण इससे जुड़े किसानों-बागवानों को फायदा नहीं हो रहा है। प्रशासन, सरकार को इसको लेकर उचित कदम उठाने चाहिए। -हुकम चंद, जैविक कृषक
वे जैविक कृषि और बागवानी तो कर रहे हैं लेकिन इन उत्पादों को बाजार नहीं मिल रहा है। सरकार, प्रशासन और विभाग को इन उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि किसान-बागवान अपने जैविक उत्पादों को अच्छे से बेच सके। -ज्ञान चंद, जैविक कृषक
जैविक खेती के साथ साथ जो डेयरी से जुड़ी हुई छोटी कंपनियां है मिल्कफेड को इनसे भी दूध खरीदना चाहिए। जबकि जैविक खेती से जुडे़ किसानों को भी बाजार उपलब्ध करवाए जाने की जरूरत है।-भोली देवी
अभी तक सब्जी मंडियों में जैविक उत्पादों को बेचने के लिए सब्जी मंडियों में दुकानें नहीं दी गई हैं। लेकिन नई दुकान आवंटन नीति के तहत सब्जी मंडी में 10 फीसदी दुकानें जैविक उत्पादों के लिए आरक्षित हैं। नई दुकानें जिस भी मंडी में बनेंगी, उनमें दस फीसदी दुकानें जैविक उत्पादों के लिए आरक्षित की जाएंगी। -दीक्षित जरियाल, सचिव, एपीएमसी, कुल्लू एवं लाहौल स्पीति