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IndiGo Crisis: हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा- हालात खराब कैसे हुए? पांच हजार का टिकट 39 हजार का कैसे होने दिया?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Wed, 10 Dec 2025 12:53 PM IST
सार
इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और यात्रियों के फंसने की घटनाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए इसे गंभीर संकट करार दिया है।
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दिल्ली हाईकोर्ट, Delhi High Court
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को इंडिगो एयरलाइंस के चल रहे संकट पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की कड़ी आलोचन की। दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिगो की लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी की बढ़ती घटनाओं को गंभीर संकट बताते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया है कि आखिर हालात इस कदर कैसे बिगड़ गए।
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सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से न सिर्फ यात्रियों को परेशानी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है। अदालत ने सवाल उठाया कि जब इंडिगो की फ्लाइटें बंद थीं, तो अन्य एयरलाइंस ने मौके का फायदा उठाते हुए टिकटों के दाम क्यों बढ़ा दिए? कोर्ट ने साफ शब्दों में पूछा कि ऐसी स्थिति में दूसरी एयरलाइंस के दाम बढ़ाने को कैसे जायज ठहराया जा सकता है।
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कोर्ट ने कहा कि पायलटों के लिए संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों को लागू करने में देरी और निगरानी की कमी के कारण देशभर में 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और 40,000 से ज्यादा यात्री फंस गए। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने टिप्पणी की, 'यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। पायलटों की थकान से दुर्घटना का खतरा बढ़ता है। नियामक संस्थाओं को पहले से सक्रिय कदम उठाने चाहिए थे।'
कोर्ट ने यह भी नाराजगी जताई कि इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद अन्य एयरलाइंस ने किराया 40 हजार रुपये तक बढ़ा दिया। पीठ ने पूछा, 'क्या यह अवसरवाद नहीं है?' दूसरी एयरलाइंस को फायदा उठाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है? जो एयर टिकट चार या पांच हजार रुपये में मिलते थे, उनके दाम बढ़ गए।यह किराया 35-39 हजार तक कैसे जा सकता है? अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित सभी यात्रियों को डीजीसीए के मौजूदा दिशा-निर्देशों और भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 के तहत पूरा मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने कहा, 'यात्रियों का अधिकार सर्वोपरि है। किसी भी हाल में मुआवजे में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'
वहीं, सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी तरह लागू है और इंडिगो को शो-कॉज नोटिस जारी किया जा चुका है। केंद्र ने कहा कि एयरलाइन ने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी है और स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया है।
नौवें दिन भी इंडिगो संकट जारी
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। रोजाना लगभग 2300 फ्लाइट्स ऑपरेट करने वाली और घरेलू एविएशन मार्केट में 60% से भी अधिक हिस्सेदारी रखने वाली इस एयरलाइन का मार्केट कैप मौजूदा संकट के बाद करीब 21,000 करोड़ रुपये तक घट चुका है। ऐसे में आज इस संकट के नौवें दिन भी यात्रियों की परेशानी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। देश के तीन बड़े एयरपोर्ट दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई पर इंडिगो एयरलाइंस के फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी के कारण यात्रियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।
ताजा अपडेट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मिली तस्वीरों में दिखाई देता है कि बड़ी संख्या में यात्री घंटों से फंसे हुए हैं। कई उड़ानें अचानक रद्द होने या लंबे समय तक विलंब से चलने के कारण लोग एयरपोर्ट पर ही बैठकर इंतजार करने को मजबूर हैं। कुछ यात्रियों ने खाने-पीने और जानकारी न मिलने की शिकायत भी की है।
इंडिगो के सेठी ने कोर्ट में दिए ये जवाब
सेठी: यह स्थिति फ्लाइट रोस्टर की वजह से नहीं हुई। इसके कई कारण थे। हम (कमेटी के साथ) सहयोग कर रहे हैं।
कोर्ट: आपको मुआवज़ा देने के लिए कदम उठाने होंगे
हमारे खिलाफ कोई फैसला नहीं होना चाहिए: सेठी
कोर्ट: ये उपाय उन्होंने सुझाए हैं। आपके अलावा बाकी सभी ने सभी उपायों का पालन किया है।
सेठी: 5 दिसंबर को तकनीकी गड़बड़ी समेत कई कारणों से संकट पैदा हुआ था।
कोर्ट: इसकी जांच की जाएगी
सेठी: हम आज अपनी 90 प्रतिशत क्षमता पर वापस आ गए हैं
CJ उपाध्याय: यह बहुत अच्छा है, लेकिन उन लोगों के बारे में सोचिए जो एक हफ्ते तक फंसे रहे। ऐसे समय में देश की इकॉनमी पर क्या असर पड़ता?
सेठी: ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीजें हमारे कंट्रोल से बाहर थीं।
ऑर्डर: जैसा कि ऊपर बताया गया है, हम उम्मीद करते हैं कि एयरपोर्ट पर फंसे पैसेंजर्स को मुआवज़ा देने का प्रोसेस शुरू करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
कोर्ट: हमने अभी अपने ऑर्डर में आपके बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन जहां तक मुआवजे की बात है, आपको वह तुरंत शुरू करना चाहिए।
सेठी: यह स्थिति फ्लाइट रोस्टर की वजह से नहीं हुई। इसके कई कारण थे। हम (कमेटी के साथ) सहयोग कर रहे हैं।
कोर्ट: आपको मुआवज़ा देने के लिए कदम उठाने होंगे
हमारे खिलाफ कोई फैसला नहीं होना चाहिए: सेठी
कोर्ट: ये उपाय उन्होंने सुझाए हैं। आपके अलावा बाकी सभी ने सभी उपायों का पालन किया है।
सेठी: 5 दिसंबर को तकनीकी गड़बड़ी समेत कई कारणों से संकट पैदा हुआ था।
कोर्ट: इसकी जांच की जाएगी
सेठी: हम आज अपनी 90 प्रतिशत क्षमता पर वापस आ गए हैं
CJ उपाध्याय: यह बहुत अच्छा है, लेकिन उन लोगों के बारे में सोचिए जो एक हफ्ते तक फंसे रहे। ऐसे समय में देश की इकॉनमी पर क्या असर पड़ता?
सेठी: ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीजें हमारे कंट्रोल से बाहर थीं।
ऑर्डर: जैसा कि ऊपर बताया गया है, हम उम्मीद करते हैं कि एयरपोर्ट पर फंसे पैसेंजर्स को मुआवज़ा देने का प्रोसेस शुरू करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
कोर्ट: हमने अभी अपने ऑर्डर में आपके बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन जहां तक मुआवजे की बात है, आपको वह तुरंत शुरू करना चाहिए।