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Goa Fire Tragedy: गोवा की यात्रा तीनों बहनों के लिए बना अंतिम सफर, चौथी बहन की बची जान पर खोया सुहाग
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 09 Dec 2025 03:09 PM IST
सार
गोवा के नाइट क्लब में लगी आग में दिल्ली के एक परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। तीन बहनें और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई। चारों बहनें पिछले एक साल से गोवा जाने की योजना बना रही थीं। चौथी बहन की जान बच गई लेकिन उसके पति की मौत हो गई।
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Goa Fire Tragedy
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
गोवा के नाइट क्लब में लगी आग ने दिल्ली के एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए राख कर दिया। एक साल से इंतजार कर रही चार बहनों की गोवा की यात्रा उनके परिजनों के लिए अंतिम यात्रा साबित हुई। हादसे में तीनों बहनें- कमला, सरोज और अनीता के साथ भावना के पति विनोद अपनी जान गंवा बैठे।
अंतिम क्षणों में विनोद ने अपनी पत्नी भावना को धक्का देकर बाहर तो निकाल दिया, लेकिन वापस तीनों सालियों को बचाने के लिए अंदर लौटे और फिर कभी बाहर नहीं आ सके। सोमवार को चारों के पार्थिव शरीर जब घर पहुंचे तो सादतपुर एक्सटेंशन की गलियों में चीख-पुकार मच गई।
एक साथ चार अर्थियां उठने का दृश्य पूरे परिवार और मोहल्ले को झकझोर गया। पांच दिसंबर को खुशी के सफर पर निकले ये चारों अब हमेशा के लिए लौट आए- मौन, निर्जीव और पीछे अपनों के लिए अनंत पीड़ा छोड़कर।
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अंतिम क्षणों में विनोद ने अपनी पत्नी भावना को धक्का देकर बाहर तो निकाल दिया, लेकिन वापस तीनों सालियों को बचाने के लिए अंदर लौटे और फिर कभी बाहर नहीं आ सके। सोमवार को चारों के पार्थिव शरीर जब घर पहुंचे तो सादतपुर एक्सटेंशन की गलियों में चीख-पुकार मच गई।
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एक साथ चार अर्थियां उठने का दृश्य पूरे परिवार और मोहल्ले को झकझोर गया। पांच दिसंबर को खुशी के सफर पर निकले ये चारों अब हमेशा के लिए लौट आए- मौन, निर्जीव और पीछे अपनों के लिए अनंत पीड़ा छोड़कर।
बड़ी मुश्किल से पांच दिसंबर का प्लान बना। चारों बहनों को अकेले ही जाना था, लेकिन भावना ने अपने पति विनोद से साथ चलने के लिए कहा। पत्नी के जिद करने पर विनोद जाने के लिए तैयार हो गए थे। पति और तीनों बहनों की मौत के बाद से भावना गहरे सदमे में हैं।
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद चारों के शव एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली के करावल नगर स्थित सादतपुर एक्सटेंशन पहुंचे। बाद में नम आंखों से परिजनों ने चारों को निगमबोध घाट श्मशान घाट अंतिम संस्कार कर दिया।
परिजन दीपक ने बताया कि मूलरूप से अल्मोड़ा के रहने वाले विनोद का परिवार गली नंबर-15, एन-ब्लॉक, सादतपुर एक्सटेंशन, करावल नगर में रहता था। इनके परिवार में बुजुर्ग मां के अलावा पत्नी भावना जोशी, 5 साल की बेटी, 11 साल का बेटा है।
विनोद का था फाइनेंस का काम
वहीं बड़े भाई नवीन के परिवार में कमला जोशी, 19 साल की बेटी व 14 साल का बेटा है। कमला और भावना जोशी दोनों सगी बहनें हैं, इनकी एक ही घर में शादी हुई थी। विनोद का परिवार कुछ वर्षों पूर्व करावल नगर से गाजियाबाद के वैशाली में शिफ्ट हो गया था। विनोद का फाइनेंस का काम था।
वहीं बड़े भाई नवीन के परिवार में कमला जोशी, 19 साल की बेटी व 14 साल का बेटा है। कमला और भावना जोशी दोनों सगी बहनें हैं, इनकी एक ही घर में शादी हुई थी। विनोद का परिवार कुछ वर्षों पूर्व करावल नगर से गाजियाबाद के वैशाली में शिफ्ट हो गया था। विनोद का फाइनेंस का काम था।
अशोका होटल में नौकरी करते हैं नवीन
वहीं नवीन अशोका होटल में नौकरी करते हैं जबकि सरोज और अनीता इनकी सगी बहनें हैं। अनीता की पिछले साल 11 दिसंबर 2024 को लखनऊ के रहने वाले विवेक जोशी से शादी हुई थी। सरोज अविवाहित थीं ।
वहीं नवीन अशोका होटल में नौकरी करते हैं जबकि सरोज और अनीता इनकी सगी बहनें हैं। अनीता की पिछले साल 11 दिसंबर 2024 को लखनऊ के रहने वाले विवेक जोशी से शादी हुई थी। सरोज अविवाहित थीं ।
विनोद की दम घुटने से मौत
घर पर रिश्तेदारों, पड़ोसियों के अलावा मोहल्ले वालों का तांता लगा हुआ था। एक परिजन ने बताया कि कमला, सरोज और अनीता की झुलसने से मौत हुई जबकि विनोद की दम घुटने से मौत हो गई। विनोद के ताबूत के अलावा किसी भी ताबूत को खोला नहीं गया।
घर पर रिश्तेदारों, पड़ोसियों के अलावा मोहल्ले वालों का तांता लगा हुआ था। एक परिजन ने बताया कि कमला, सरोज और अनीता की झुलसने से मौत हुई जबकि विनोद की दम घुटने से मौत हो गई। विनोद के ताबूत के अलावा किसी भी ताबूत को खोला नहीं गया।
बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
बाजपुर, उधमसिंह नगर, उत्तराखंड के रहने वाले बाल किशन जोशी ने हादसे में अपनी तीन बेटी कमला, सरोज और अनीता के अलावा एक दामाद विनोद को खो दिया। एक साथ चारों की मौत के बाद से उनका रो-रोकर बुरा हाल था। कमला के दोनों बच्चे मां और भावना के दोनों बच्चे पिता को याद कर रोए जा रहे थे।
बाजपुर, उधमसिंह नगर, उत्तराखंड के रहने वाले बाल किशन जोशी ने हादसे में अपनी तीन बेटी कमला, सरोज और अनीता के अलावा एक दामाद विनोद को खो दिया। एक साथ चारों की मौत के बाद से उनका रो-रोकर बुरा हाल था। कमला के दोनों बच्चे मां और भावना के दोनों बच्चे पिता को याद कर रोए जा रहे थे।
तीन दिन बाद थी शादी की पहली सालगिरह
अनीता के पति विवेक जोशी भी गमगीन थे। तीन दिन बाद उनकी शादी की पहली सालगिरह थी। विवेक को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है। विवेक के मुताबिक पत्नी ने उनको भी साथ चलने के लिए कहा था, लेकिन छुट्टी न होने की वजह से वह गोवा नहीं जा पाए।
अनीता के पति विवेक जोशी भी गमगीन थे। तीन दिन बाद उनकी शादी की पहली सालगिरह थी। विवेक को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है। विवेक के मुताबिक पत्नी ने उनको भी साथ चलने के लिए कहा था, लेकिन छुट्टी न होने की वजह से वह गोवा नहीं जा पाए।
बिना फायर एनओसी के ही चल रहे दिल्ली के 90 फीसदी क्लब और होटल
गोवा के क्लब में हुए हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे देश को हिला दिया। गोवा हादसे के बाद देशभर के होटल-क्लब में आग से बचाव के इंतजामों की जांच पड़ताल होने लगी। राजधानी दिल्ली में जब इसकी पड़ताल हुई तो सभी के होश उड़ गए। राजधानी में आग से बचाव के मामलों में घोर लापरवाही पाई गई।
गोवा के क्लब में हुए हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे देश को हिला दिया। गोवा हादसे के बाद देशभर के होटल-क्लब में आग से बचाव के इंतजामों की जांच पड़ताल होने लगी। राजधानी दिल्ली में जब इसकी पड़ताल हुई तो सभी के होश उड़ गए। राजधानी में आग से बचाव के मामलों में घोर लापरवाही पाई गई।
दमकल विभाग की मानें तो दिल्ली में करीब 5000 होटल, क्लब, रेस्टोरेंट व बार मौजूद हैं। इनमें से 90 फीसदी के पास दिल्ली फायर सर्विस की नो ऑब्जेक्शन सटिर्फिकेट (एनओसी) नहीं है। होटल व क्लब मालिक अपने लालच के कारण आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है।
राजधानी में 3800 से अधिक होटल, महज 52 होटल के पास एनओसी
एक आंकड़े के अनुसार दिल्ली में करीब 3800 से अधिक होटल हैं, लेकिन महज 52 होटल के पास ही दिल्ली फायर सर्विस की वैध एनओसी मौजूद है। वहीं क्लब, बार, रेस्टोरेंट की बात करें तो 1000 में से कुल 38 क्लब के पास ही एनओसी है। सोमवार को जब दिल्ली फायर सर्विस ने यह आंकड़ा शेयर किया।
एक आंकड़े के अनुसार दिल्ली में करीब 3800 से अधिक होटल हैं, लेकिन महज 52 होटल के पास ही दिल्ली फायर सर्विस की वैध एनओसी मौजूद है। वहीं क्लब, बार, रेस्टोरेंट की बात करें तो 1000 में से कुल 38 क्लब के पास ही एनओसी है। सोमवार को जब दिल्ली फायर सर्विस ने यह आंकड़ा शेयर किया।